हिंदी माध्यम नोट्स
Class 6
Hindi social science science maths English
Class 7
Hindi social science science maths English
Class 8
Hindi social science science maths English
Class 9
Hindi social science science Maths English
Class 10
Hindi Social science science Maths English
Class 11
Hindi sociology physics physical education maths english economics geography History
chemistry business studies biology accountancy political science
Class 12
Hindi physics physical education maths english economics
chemistry business studies biology accountancy Political science History sociology
English medium Notes
Class 6
Hindi social science science maths English
Class 7
Hindi social science science maths English
Class 8
Hindi social science science maths English
Class 9
Hindi social science science Maths English
Class 10
Hindi Social science science Maths English
Class 11
Hindi physics physical education maths entrepreneurship english economics
chemistry business studies biology accountancy
Class 12
Hindi physics physical education maths entrepreneurship english economics
chemistry business studies biology accountancy
विद्युत द्विध्रुव की स्थितिज ऊर्जा (U) , potential energy due to electric dipole in hindi
potential energy due to electric dipole in hindi , विद्युत द्विध्रुव की स्थितिज ऊर्जा (U) :-
विभिन्न आवेशो से निर्मित निकाय की स्थितिज ऊर्जा (U) :- दो या दो से अधिक आवेशों को अनंत से किन्ही विशेष स्थितियों तक प्रतिकर्षण बल के विरुद्ध विस्थापित करने में किया गया कुल कार्य निकाय की स्थितिज ऊर्जा (U) के रूप में संचित रहती है।
यहाँ निकाय का आशय विभिन्न आवेशो से निर्मित एक ऐसे समूह से है , जिसमे प्रत्येक आवेश का एक दूसरे से अन्योनी क्रिया करता है।
(i) दो आवेशों से निर्मित निकाय की स्थितिज ऊर्जा (U) (potential energy due to two point charges) :-
q1 आवेश को अनंत से किसी बिंदु A तक प्रतिकर्षण बल के विरुद्ध विस्थापित करने में किया गया कार्य –
w1 = 0 समीकरण-1
क्योंकि निकाय में कोई अन्य आवेश उपस्थित नहीं है , अत: q1 आवेश पर कोई विद्युत बल कार्य नहीं करता है।
q2 आवेश को अनन्त से विद्युत क्षेत्र में उपस्थित बिंदु B तक विस्थापित करने में किया गया कार्य w1 है।
विभव की परिभाषा से –
VQ = W2/q2
W2 = VQq2 समीकरण-2
q1 आवेश से r दूरी पर विभव –
VQ = Kq1/r समीकरण-3
समीकरण-3 से मान समीकरण-2 में रखने पर –
W2 = Kq1q2/r समीकरण-4
कुल कार्य W = W1 + W2
W = U = 0 + Kq1q2/r
W = U = Kq1q2/r
स्थितिज ऊर्जा (U) दोनों आवेशो के मध्य की दूरी के व्युत्क्रमानुपाती होती है।
यदि q1 व q2 = धनात्मक है
तो स्थितिज ऊर्जा (U) = धनात्मक होगा।
यदि q1 = ऋणात्मक व q2 = धनात्मक है
तो स्थितिज ऊर्जा (U) = ऋणात्मक होगी।
यदि q1 = ऋणात्मक व q2 = ऋणात्मक है
तो स्थितिज ऊर्जा (U) = धनात्मक होगी।
तीन आवेशो से निर्मित निकाय की स्थितिज ऊर्जा (electrostatic potential energy for a system of three point charges)
q1 आवेश को अनन्त से किसी बिंदु P तक विस्थापित करने में किया गया कार्य –
W1 = 0 समीकरण-1 होगा।
यदि q2 आवेश को अनंत से बिंदु Q तक विस्थापित करे तो किया गया कार्य –
W2 = Kq1q2/r12 समीकरण-2
यहाँ r12 , q1 व q2 आवेश के मध्य की दूरी है।
q3 आवेश को अनंत से बिंदु R तक प्रतिकर्षण बल के विरुद्ध लाने में किया गया कार्य
W3 = Kq1q2/r13 + Kq2q3/r23
r13 = q1 व q3 के मध्य दूरी
r23 = q1 व q3 के मध्य दूरी
कुल कार्य W = U = W1 + W2 + W3
W = U = 0 + Kq1q2/r12 + Kq1q2/r13 + Kq2q3/r23
इसी प्रकार n आवेशो से निर्मित निकाय की स्थितिज ऊर्जा
कुल कार्य या स्थितिज ऊर्जा = W = U = W1 + W2 + W3 + W4 + …….. + Wn
U = 0 + kq1q2/r12 + kq1q3/r13 + kq2q3/r23 + kq1q4/r14 + kq2q4/r24 + kq3q4/r34 + ….. + kq(n-1)qn/r(n-1)n
एक समान विद्युत क्षेत्र में विद्युत द्विध्रुव को घुमाने में किया गया कार्य (work done in rotating an electric dipole in an electric field)
किसी एक समान विधुत क्षेत्र में वैद्युत द्विध्रुव को स्वतंत्र रखने पर यह सदैव साम्यावस्था की स्थिति में रहते है। विद्युत क्षेत्र की उपस्थिति में विधुत द्विध्रुव को θ कोण पर घुमाया गया है। इस स्थिति में किये गए कुल कार्य का मान ज्ञात करने के लिए वैद्युत द्विध्रुव को अल्प कोणीय विस्थापन dθ देते है अत:
वैद्युत द्विध्रुव को एकसमान विद्युत क्षेत्र में dθ कोण से घुमाने में संपन्न कार्य dW है तो –
dW = T(dθ)
विद्युत द्विध्रुव को विद्युत क्षेत्र में घुमाने में किया गया कुल कार्य –
∫dw = θ1∫θ2 τ dθ
W = θ1∫θ2 PEsinθ dθ
W = PEθ1∫θ2 sinθ dθ
W = PE(-cosθ2 –(-cosθ1))
W = PE (-cosθ2 + cosθ1)
यहाँ θ1 = प्रारंभिक कोणीय विस्थापन
θ1 = 0
θ2 = अंतिम कोणीय विस्थापन
θ2 = θ
वैद्युत द्विध्रुव को θ1 = 0 से θ2 = θ तक घुमाने में संपन्न कार्य –
W = PE (-cosθ + cos0 )
चूँकि cos0 = 1
अत: W = PE (-cosθ + 1 )
W = PE (1 – cosθ)
विद्युत द्विध्रुव की स्थितिज ऊर्जा (U) (potential energy due to electric dipole)
किसी वैद्युत द्विध्रुव को इसकी लम्बवत स्थिति θ = 90 से किसी विशेष कोणीय स्थिति θ तक घुमाने में किया गया कुल कार्य स्थितिज ऊर्जा के रूप में संचित रहता है।
U = W = 90∫θτ dθ
U = 90∫θPE sindθ
U = PE 90∫θ sindθ
U = PE[-cosθ]90θ
U = PE [-cosθ – (-cos90)]
U = PE (-cosθ + 0)
U = -PEcosθ
Recent Posts
four potential in hindi 4-potential electrodynamics चतुर्विम विभव किसे कहते हैं
चतुर्विम विभव (Four-Potential) हम जानते हैं कि एक निर्देश तंत्र में विद्युत क्षेत्र इसके सापेक्ष…
Relativistic Electrodynamics in hindi आपेक्षिकीय विद्युतगतिकी नोट्स क्या है परिभाषा
आपेक्षिकीय विद्युतगतिकी नोट्स क्या है परिभाषा Relativistic Electrodynamics in hindi ? अध्याय : आपेक्षिकीय विद्युतगतिकी…
pair production in hindi formula definition युग्म उत्पादन किसे कहते हैं परिभाषा सूत्र क्या है लिखिए
युग्म उत्पादन किसे कहते हैं परिभाषा सूत्र क्या है लिखिए pair production in hindi formula…
THRESHOLD REACTION ENERGY in hindi देहली अभिक्रिया ऊर्जा किसे कहते हैं सूत्र क्या है परिभाषा
देहली अभिक्रिया ऊर्जा किसे कहते हैं सूत्र क्या है परिभाषा THRESHOLD REACTION ENERGY in hindi…
elastic collision of two particles in hindi definition formula दो कणों की अप्रत्यास्थ टक्कर क्या है
दो कणों की अप्रत्यास्थ टक्कर क्या है elastic collision of two particles in hindi definition…
FOURIER SERIES OF SAWTOOTH WAVE in hindi आरादंती तरंग की फूरिये श्रेणी क्या है चित्र सहित
आरादंती तरंग की फूरिये श्रेणी क्या है चित्र सहित FOURIER SERIES OF SAWTOOTH WAVE in…