वस्त्र उद्योग , ऊनी वस्त्र उद्योग और रेशमी उद्योग , जुट वस्त्र उद्योग , Textile industry in hindi

(Textile industry in hindi) वस्त्र :

  1. सूती वस्त्र उद्योग
  2. ऊनि वस्त्र उद्योग
  3. रेशमी वस्त्र उद्योग
  4. जुट उद्योग

प्राचीन उद्योग : जन्म आधुनिक क्रान्ति ब्रिटेन

वस्त्र उद्योग : भोजन के बाद दूसरी आवश्यकता वस्त्रो की है औद्योगिक क्रान्ति की शुरुआत ब्रिटेन में हुई |

कच्चे पदार्थ , कणस , कोयला , जलापूर्ति आद्र जलवायु , विघृत सरता जल पर्याप्त , पूंजी , बाजार धागा ,  विद्युत चलित , करघा , श्रम ज्यादा |

उष्ण व उपोष्ण कटिबंधीय देश

चीन , भारत , संयुक्त राज्य , अमेरिका , जापान , रूस , मेक्सिको , ब्राजील (सबसे कम)

शीतोष्ण कटिबन्धीय : रूस , फ्रांस

प्रथम स्थान : चीन

नगरो के नाम : शंघाई , केंटन , सिगसाओ , टिंटीसिन , शातुंग दे आरिन |

दूसरा सबसे बड़ा उद्योग : ऊनी वस्त्र उद्योग |

UK = ब्रिटेन + उत्तरी आयरलैंड

प्रश्न : वस्त्र उद्योग किसे कहते है ? विश्व के सन्दर्भ में वस्त्र उद्योग की विस्तृत व्याख्या कीजिये।

उत्तर : वस्त्र उद्योग : भोजन के बाद मानव की मुख्य आवश्यकता वस्त्र है , इसका आरम्भ कुटीर व लघु उद्योग के रूप में हुआ , यह उद्योग मानव के सबसे प्राचीन उद्योगों में से है।  यह मुख्य औद्योगिक देशो में उच्च कोटि का विकसित उद्योग हो गया है।  इसे ही वस्त्र उद्योग कहते है।

नीचे कुछ देश और उसके विश्व में वस्त्र उद्योग का प्रतिशत दर्शाया गया है –

  • मक्सिको – 1.1%
  • लिथुआनिया – 0.9%
  • आस्ट्रिया – 0.9%
  • स्पेन – 0.9%
  • चेक गणराज्य – 0.9%
  • रोमानिया – 0.8%
  • पुर्तगाल – 0.7%
  • वेलारूस – 0.6%
  • स्लोवाक गणराज्य – 0.55 %
  • बाल्गेरिया – 0.5 %
  • दक्षिणी अफ्रीका – 0.4%
  • दक्षिण कोरिया – 0.11
  • मिश्र – 0.011
प्रश्न : ऊनी वस्त्र उद्योग और रेशमी उद्योग का विश्व वितरण प्रदर्शित करते हुए विस्तृत व्याख्या कीजिये।
उत्तर : ऊनि वस्त्र उद्योग : सूती वस्त्र उद्योग के बाद ऊनि वस्त्र उद्योग विश्व का दूसरा सबसे बड़ा उद्योग है।  17 वीं शताब्दी में इंग्लैंड में हुआ है।
जापान में द्वितीय विश्व युद्ध के बाद तेजी से इसका आधुनिक मशीनों से होने लगा।  ऊनी वस्त्र उद्योग सूती वस्त्र उद्योग का 10 से 15 प्रतिशत भाग ही है।
विश्व में ऊनी वस्त्र का वार्षिक उत्पादन 2013 प्रतिशत में –
  1. चीन – 28.8 %
  2. इटली – 24.6
  3. जापान – 6.2
  4. टर्की – 5.7
  5. जर्मनी – 5.0
  6. रूस – 4.2%
  7. USA – 3.3%
  8. यूनाइटेड किंगडम – 2.4%
  9. फ्रांस – 2.3%
  10. पोलैंड – 2.2%

विश्व का लगभग दो तिहाई ऊनी वस्त्र उद्योग केन्द्रित है।  वर्तमान समय में इस उद्योग के विकास 40 अधिक देशो में ही गया है रूस , चीन , जापान , जर्मनी , भारत , USA , रोमानिया , पोलैंड , ग्रेट ब्रिटेन आदि प्रमुख उत्पादक देश है।  दक्षिणी गोलार्द्ध के प्रमुख उन उत्पादक देशो में ऑस्ट्रेलिया , न्यूजीलैंड , दक्षिणी अफ्रीका , अर्जेंटीना व युरुग्वे में मात्र 5 प्रतिशत ऊनी वस्त्र का उत्पादन होता है क्योंकि ये देश उष्ण जलवायु व विरल जनसंख्या वाले देश है।

रेशमी वस्त्र उद्योग

सर्वप्रथम चीन में कुटीर उद्योग के रूप में हुआ है , यह फिर विकसित देश में फला , यह पहले तो करघो से चला और फिर इसका विकास फैक्ट्री उद्योग से हुआ।  प्राकृतिक रेशम वायो क्विमु नामक कीड़े की लार से निकले पदार्थ से प्राप्त होता है।  स्पष्ट है कि रेशमी वस्त्र उद्योग के तीन चरण है –
  1. कोथो का उत्पादन
  2. कोथो से रेशमी धागा लपेटना
  3. रेशमी वस्त्रो की बुनाई
विश्व में प्राकृतिक कच्चे रेशम का उत्पादन करने वाले देशो में जापान लगभग 50 प्रतिशत , चीन 28% , रूस और भारत 6% रेशम उत्पादित करते है।  रेशमी वस्त्र काफी महंगे होते है और यह उद्योग उन्ही देशो में पनपता है जिसमे पर्याप्त संख्या में कुशल श्रम है।
प्रश्न : जुट उद्योग किसे कहते है ?
उत्तर :
जुट वस्त्र उद्योग : जुट उद्योग का सम्बन्ध टाट , बोरी , जुट के कपड़े , मोटी दरियों के उत्पादन से है।  जुट उद्योग से पैकिंग के लिए सस्ती , मजबूत व टिकाऊ सामग्री उत्पादित की जाती है।  वर्तमान में उच्च कोटि की जुट को कपास या उन के साथ मिलाकर उत्तम गुणवत्ता के वस्त्र व अन्य उत्पाद बनाये जाते है , जुट की कृषि में भारत व बांग्लादेश अग्रणी है जहाँ ब्रह्मपुत्र घाटी व गंगा के डेल्टाई भाग में इसकी खेती की जाती है।
यह उद्योग भारत , बांग्लादेश , जर्मनी , ग्रेट ब्रिटेन , फ्रांस , इटली , बेल्जियम ,स्पेन , स्विडीन , जापान , कनाडा , संयुक्त राज्य अमेरिका , चीन , थाईलैंड आदि देशो में विकसित है।  भारत व बांगलादेश जुट से बनी वस्तुओ के प्रमुख निर्यातक देश है।