spectroscopic ground state in hindi स्पेक्ट्रमी की निम्नतम अवस्था : किसी परमाणु अथवा आयन में उपस्थित प्रत्येक electrons निम्न दो प्रकार की गति करता है।
- चक्रण गति →चक्रण क्वांटम संख्या (s)
- कक्षीय गति द्विगंशी क्वान्टम संख्या (l)
electron की इन दोनों गतियों से संबंधित दो कोणीय संवेग होते है –
चक्रण कोणीय संवेग → (S)
कक्षीय कोणीय संवेग → (l)
बहु electron वाले परमाणु अथवा आयनों के परिणामी संवेग निकालने के लिए इनमे उपस्थित सभी electron के चक्रण एवं कोणीय संवेगों को संयुक्त किया जाता है जिसे संवेगो का युग्मन (coupling) कहते है।
युग्मन दो प्रकार से होता है –
L-S या रसैल सान्डर्स coupling : इस विधि में सभी electrons के चक्रण कोणीय संवेगो का युग्मन कर कुल चक्रण कोणीय संवेग ज्ञात कर लिया जाता है जिसे s से दर्शाते है।
इसी प्रकार सभी electrons के कक्षीय कोणीय संवेगो के युग्मन से कुल कक्षीय कोणीय संवेग ज्ञात कर लिया जाता है जिसे L से दर्शाते है।
इन दोनों परिणामी अथवा कुल कोणीय संवेगो के coupling से परमाणु या आयन का कुल कोणीय संवेग ज्ञात करते है।
परिणामी चक्रण , कोणीय संवेग – (S) = S1 + S2 + S3……………. कुल चक्रण क्वांटम संख्या
परिणामी कक्षीय कोणीय संवेग – (L) = L1 + L2 + L3……………. कुल कुल द्विगंशी क्वांटम संख्या
परमाणु के कुल कोणीय संवेग से संबधित कुल कोणीय क्वान्टम संख्या होती है , जिसे “J” से दर्शाते है।
J का मान L तथा S के coupling से प्राप्त किया जाता है।
J = L+S से L-S
नोट : यदि इलेक्ट्रॉनिक कोष या कक्षक अर्द्ध पूरित से अधिक भरा हो तो P9 , d6 , F8 तो J का मान – L+S होगा।
यदि विन्यास अर्द्धपूरित से कम भरा हुआ है जैसे – P2 , d4 , F6 तो J का मान L-S होगा।
- L का मान ज्ञात करना :-
ML = ml(1) + ml(2) + ml(3) ……..
यहाँ ml(1) = प्रथम e की चुम्बकीय क्वांटम संख्या
ml(2) = द्वितीय e की चुम्बकीय क्वान्टम संख्या
ML = +L …….. 0 …….. -L (कुल 2L + 1 मान )
- S का मान ज्ञात करना :
S = S1 + S2 + S3 …….. (कुल 2 S + 1 मान )
यहाँ
S1 = प्रथम electron की चक्रण क्वांटम संख्या
S2 = द्वितीय e की चक्रण क्वांटम संख्या