हुण्ड के नियम , प्रथम ,द्वितीय नियम या अधिकतम बहुकता का नियम ,  स्पेक्ट्रो रासायनिक श्रेणी 

hund’s law in hindi हुण्ड के नियम , प्रथम ,द्वितीय नियम या अधिकतम बहुकता का नियम ,  स्पेक्ट्रो रासायनिक श्रेणी

पद प्रतीक (term symbol ) : किसी ऊर्जा स्तर से सम्बन्ध पद को पद प्रतीक कहते है।

term symbol (पद प्रतीक)  = 2S+1XJ

यहाँ J = कुल कोणीय क्वाण्टम संख्या

यदि इलेक्ट्रॉनिक विन्यास अर्द्ध पूरित से अधिक होता है तो J का मान L+S लिया जाता है।

यदि electron विन्यास अर्द्धपूरित से कम होता है तो J का मान L-S लिया जाता है।

X = एक वर्णमाला अक्षर है जो L के मान के आधार पर लिया जाता है।

L =  0 1 2  3  4  5   6

X = S P D F G  H  I

यहाँ 2S + 1 = बहुकता होती है।

जिसमें S = कुल चक्रण क्वांटम संख्या = 1/2

अयुग्मित e की संख्या n हो तो बहुकता = n+1

नोट : पद प्रतीक होने पर उन्हें ऊर्जा के बढ़ते क्रम में व्यवस्थित किया जाता है एवं हुण्ड का नियम काम में लेकर निम्नतम अवस्था ground state ज्ञात कर लेते है।

हुण्ड के नियम (hund’s law )

  1. प्रथम नियम या अधिकतम बहुकता का नियम:

इस नियमानुसार अधिकतम बहुकता वाला पद सर्वाधिक स्थायी होता है एवं ground state को प्रदर्शित करता है जैसे P2 एवं P4 विन्यास के लिए – 3P , 1S , 1D आदि पद प्रतीक होते है।

इनमे से 3P पद ground state को प्रदर्शित करता है।

  1. द्वितीय नियम :

किसी इलेक्ट्रॉनिक विन्यास के लिए समान बहुकता वाले एक से अधिक पद होते है तो वह पद ground state को प्रदर्शित करता है , जिसके लिए L का मान सर्वाधिक होता है।

जैसे d2 विन्यास के लिए 3f , 3P  समान बहुकता वाले पद होते है इनमें से 3f  के लिए L का मान 3 एवं 3P के लिए L का मान 1 है।

अत: 3f  पद ground state को प्रदर्शित करेगा।

 स्पेक्ट्रो रासायनिक श्रेणी

विभिन्न लिगेंड़ो को उनकी बढती हुई क्रिस्टल क्षेत्र विभाजन ऊर्जा के क्रम में व्यवस्थित करने पर जो श्रेणी प्राप्त होती है उसे स्पेक्ट्रो रासायनिक श्रेणी कहते है।

प्रबल लिगेंड़ो के लिए क्रिस्टल क्षेत्र विभाजन ऊर्जा का मान अधिक होता है जबकि दुर्बल लिगेंड़ो के लिए इनका मान कम होता है।