रासायनिक संयुग्मन के नियम , द्रव्यमान संरक्षण का नियम , स्थिर अनुपात , गुणित , तुल्य अनुपात , गैसीय आयतन

रासायनिक संयुग्मन के नियम : ये नियम सामान्य अभिक्रियाओं पर लागू होते है , नाभिकीय रासायनिक अभिक्रियाओं पर ये नियम लागू नहीं होते है क्यूंकि इन अभिक्रियाओ में द्रव्यमान और ऊर्जा की हानि होती है।
रासायनिक संयुग्मन के नियम निम्न है –
  1. द्रव्यमान संरक्षण का नियम 
  2. स्थिर अनुपात का नियम
  3. गुणित अनुपात का नियम
  4. तुल्य अनुपात / व्युत्क्रम का नियम
  5. गैसीय आयतन का नियम
  1. द्रव्यमान संरक्षण का नियम
इसे पदार्थ कि ” अविनाशिका का नियम ” भी कहते है , इस नियम के अनुसार सभी रासायनिक परिवर्तनों में तंत्र का द्रव्यमान नियत रहता है अर्थात रासायनिक परिवर्तन के दौरान द्रव्यमान न तो उत्पन्न होता है और न ही नष्ट होता है। 
अत: रासायनिक परिवर्तन = क्रियाकारक का कुल द्रव्यमान = उत्पादों का कुल द्रव्यमान 

2. स्थिर अनुपात का नियम

इस नियम के अनुसार किसी रासायनिक यौगिक में उसके अवयवी तत्वों का भारात्मक अनुपात सदैव नियत रहता है चाहे यौगिक किसी भी विधि या स्रोत से प्राप्त किया जाए। 
उदाहरण : कार्बन डाइ ऑक्साइड (CO2) का कोई भी नमूना लेने पर कार्बन (C) और ऑक्सीजन (O2) का अनुपात 12 : 32 अर्थात 3:8 में रहता है , कार्बन डाइ ऑक्साइड (CO2) का नमूना प्राप्त करने की दो विधियाँ निम्न है –
CaCO3 → CaO + CO2

C + O2 → CO2

3.  गुणित अनुपात का नियम

इस नियमानुसार जब दो तत्व या परमाणु परस्पर संयोग करके दो या दो से अधिक यौगिक बनाते है तो एक तत्व की निश्चित मात्रा के साथ संयोग करने वाली दुसरे तत्व की भिन्न भिन्न मात्रा परस्पर एक सरल अनुपात होती है। 
उदाहरण 1. : Nऔर O2परस्पर क्रिया करके पांच स्थायी यौगिक बनाते है। 
  • N2O
    : N2 के 28 भार भाग , O2 के 16 भार भाग से क्रिया करके यौगिक बनाते है। 
  • N2O2 : N2
    के 
    28 भार भाग , O2 के 32 भार भाग से क्रिया करके यौगिक बनाते है। 
  • N2O3 : N2 के 28 भार भाग , O2 के 48 भार भाग से क्रिया करके यौगिक बनाते है। 
  • N2O4 : N2 के 28 भार भाग , O2 के 64 भार भाग से क्रिया करके यौगिक बनाते है। 
  • N2O5 : N2 के 28 भार भाग , O2 के 80 भार भाग से क्रिया करके यौगिक बनाते है। 
उदाहरण 2 : C और O2परस्पर क्रिया करके दो स्थायी यौगिक बनाते है। 
  • CO : C के 12 भार भाग O2 के 16 भार भाग से क्रिया करके यौगिक बनाते है। 
  • CO: C के 12 भार भाग O2 के 32 भार भाग से क्रिया करके यौगिक बनाते है। 

O2  की भिन्न भिन्न मात्राओ का अनुपात 16:32 या 1:2 होता है। 

4. तुल्य अनुपात / व्युत्क्रम का नियम

इस नियम के अनुसार जब दो भिन्न भिन्न तत्व तीसरे तत्व के एक निश्चित द्रव्यमान से अलग अलग क्रिया करते है तो उनके द्रव्यमान का अनुपात या तो समान होता है या इसका कोई सरल गुणांक होता है , जिसमें वे संयोजन करते है। 
उदाहरण 1 : C और O2 , तीसरे तत्व H2 से अलग अलग क्रिया करके CH4 व H2O बनाते है और स्वयं क्रिया करके कार्बन डाइऑक्साइड (CO2) बनाते है।
CH4 में कार्बन के 12 ग्राम , H2 के 4 ग्राम से क्रिया  है और H2O में H2 के 2 ग्राम ,O2 के 32 ग्राम से क्रिया करते है।
इसी प्रकारH2O के निश्चित द्रव्यमान 4 ग्राम से क्रिया करने वाले C और O2 के द्रव्यमानों का अनुपात 12:32 /3:8 होता है।
COमें C के 12 ग्राम , O2 के 32 ग्राम से क्रिया करते है , इनका अनुपात 12:32/3:8 होता है।
अत: उपरोक्त उदाहरण तुल्य अनुपात नियम की पुष्टि करता है क्यूंकि दोनों के द्रव्यमानों का अनुपात समान है।

5. गैसीय आयतन का नियम

यह नियम गै लुसेइ ने प्रतिपादित किया था इसलिए इसे गै लुसेक का आयतन सम्बन्धी नियम भी कहते है।
इस नियम के अनुसार समान ताप व दाब पर गैसें सदैव अपने आयतन के सरल अनुपात में क्रिया करती है और उत्पाद भी गैसीय अवस्था में होते है।
समान ताप और दाब पर रासायनिक अभिक्रियाओं में क्रिया कारक व क्रिया फलों के आयतन परस्पर सरल अनुपात में रहते है अत: इसे आयतन के निश्चित अनुपात का नियम भी कहते है।
उदाहरण : N2 का एक आयतन H2 के 3 आयतन से क्रिया करके NH3 के दो आयतन बनाता है , यह क्रिया निम्न प्रकार संपन्न होती है –
N2(g) + 3H2(g) → 2NH3(g)
उपरोक्त अभिक्रिया में N2 व H2 एक सरल अनुपात में है अर्थात 1:3 में है।