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धातु , अधातु , उपधातु , ठोस , द्रव , गैस , रसायन विज्ञान , पदार्थ का वर्गीकरण , elements and non elements in hindi

By   April 11, 2019
रसायन विज्ञान : विज्ञान की वह शाखा जिसके अंतर्गत पदार्थों के संगठन , संरचना और रूपांतरण का अध्ययन किया जाता है , उस शाखा को रसायन विज्ञान कहते है।
पदार्थ या द्रव्य : जो वस्तु स्थान घेरती है और जिसका द्रव्यमान होता है , पदार्थ या द्रव्य कहलाती है।
पदार्थ का वर्गीकरण :-
पदार्थ को दो भागों में वर्गीकृत किया गया है –

  1. भौतिक पदार्थ
  2. रासायनिक पदार्थ
भौतिक पदार्थों को भी आगे तीन भागों में बांटा गया है –
  1. ठोस पदार्थ
  2. द्रव
  3. गैस
रासायनिक पदार्थों को आगे दो भागों में बांटा गया है –
तत्व : धातु , अधातु और उपधातु होते है।
यौगिक : कार्बनिक और अकार्बनिक होते है।

द्रव्य (पदार्थ) का भौतिक वर्गीकरण

इस आधार पर इन्हें तीन भागों में बांटा गया है –
1. ठोस : ठोस अवस्था में अवयवी कण एक दुसरे के बहुत अधिक निकट होते है और निश्चित क्रम में व्यवस्थित रहते है।  ठोस की निश्चित आकृति व आयतन होता है।
2. द्रव : द्रव अवस्था में अवयवी कण ठोस की अपेक्षा कुछ अधिक दूरी पर होते है और ये गति कर सकते है। द्रव का आकार अनिश्चित होता है लेकिन आयतन निश्चित होता है तथा ये उसी पात्र का आकार ले लेता है जिसमें इन्हें रखा जाता है।
3. गैस : गैस अवस्था में अवयवी कण ठोस और द्रव की अपेक्षा बहुत दूर दूर होता है , इनका आकार और आयतन दोनों ही अनिश्चित होते है , तथा जिस पात्र में इन्हें रखा जाता है ये उसी पात्र के आयतन में फ़ैल जाते है।
नोट : पदार्थ की तीनो अवस्थाएं अंत: रूपांतरित होती है अर्थात ठोस को द्रव में बदला जा सकता है , द्रव को गैस में बदला जा सकता है और इसी प्रकार विपरीत प्रक्रिया भी संभव है।

 

द्रव्य (पदार्थ) का रासायनिक वर्गीकरण

इस आधार पर इन्हें दो भागों में बंता गया है –
1. शुद्ध : वे पदार्थ जिन्हें किसी भी भौतिक प्रक्रम द्वारा अन्य प्रकार के पदार्थों में परिवर्तित नहीं किया जा सकता है उन्हें शुद्ध पदार्थ (द्रव्य) कहते है।
शुद्ध पदार्थ को भी आगे तीन भागो में वर्गीकृत कर सकते है –
  • तत्व : वे पदार्थ जिनमें एक ही प्रकार के परमाणु उपस्थित होते है तत्व कहते है या एक ही प्रकार के कणों से बने वे पदार्थ जिन्हें किसी भी रासायनिक और भौतिक प्रक्रम द्वारा तोडा नहीं जा सकता है तत्व कहलाते है। तत्वों में दो या दो से अधिक प्रकार के परमाणु मिलकर अणु के रूप में कणों का निर्माण करते है।

 

  •  यौगिक : वे पदार्थ जो दो या दो से अधिक प्रकार के तत्वों के संयोजन से बनते है और ये तत्व भारानुसार एक निश्चित अनुपात में जुड़े होते है , यौगिक कहलाते है। भिन्न भिन्न तत्वों के दो या दो से अधिक परमाणु रासायनिक बन्धो द्वारा संयोजित होकर यौगिक का एक अणु बनाते है।  यौगिक के विभिन्न तत्वों का भार एक निश्चित अनुपात में होता है।

नोट : यौगिक के घटकों को भौतिक विधियों द्वारा सरल पदार्थो में विभक्त नहीं किया जा सकता है।

2.  मिश्रण : वे पदार्थ जो दो या दो से अधिक पदार्थ (यौगिक) से मिलकर बनते है , मिश्रण कहलाते है। मिश्रण में तत्व /यौगिक किसी भी अनुपात में संयुग्मित हो सकते है।

मिश्रण दो प्रकार के होते है –
  • समांगी मिश्रण : वह मिश्रण जिसमें घटक एक दूसरे में पूर्णतया मिश्रित होते है , समांगी मिश्रण कहलाते है।  इसमें सम्पूर्ण मिश्रण का संगठन एक ही होता है , समांगी मिश्रण के घटकों को भौतिक विधियों द्वारा नहीं देखा जा सकता है। उदाहरण : नमक का जल में विलयन , वायु में विभिन्न गैसों का मिश्रण।

  • विसमांगी मिश्रण : वह मिश्रण जिसमें पदार्थ एक दूसरे में पूर्णतया मिश्रित नहीं होते , विसमांगी मिश्रण कहलाता है।  उदाहरण : अनाज में कंकड़ आदि।

तत्व के प्रकार

तत्व तीन प्रकार के होते है –
  • धातु : इनके गलनांकक्वथनांक उच्च होते है , ये विद्युत व ऊष्मा के सुचालक होते है , ये आघातवर्धनीय और तन्य होते है। ये इलेक्ट्रॉन त्यागकर धनायन का निर्माण करते है अत: इन्हें धन विद्युती तत्व भी कहा जाता है , इनमें धात्विक चमक होती है , ये कठोर होते है , अपवाद : मर्करी (पारा)

  • अधातु : ये ठोस , द्रव व गैस अवस्था में पायी जाती है , ये आघातवर्धनीय व तन्यता का गुण प्रदर्शित नही करती है।

  • उपधातु : वे तत्व जिसमें धातु और अधातु दोनों के गुण पाए जाते है वे उपधातु कहलाते है।

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