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अतिशीतित द्रव तथा समदैशिकता व विषम दैशिकता ठोस के गुण क्या है परिभाषा उदाहरण

समदैशिकता व विषम दैशिकता (isotropic and anisotropic  ) तथा अतिशीतित द्रव (Liquidated liquid) ठोस के गुण क्या है परिभाषा उदाहरण

काँच को अतिशीतित द्रव क्यों कहते है ?

उत्तर : कांच एक अक्रिस्टलीय ठोस है इसमें द्रवों की भांति बहने का गुण होता है जैसे पुरानी इमारतों पर लगे शीशे निचे से मोठे व ऊपर से पतले हो जाते है।

समदैशिकता व विषम दैशिकता को स्पष्ट कीजिये। 

 

सम दैशिकता : 

ठोसों के भौतिक गुण जैसे अपवर्तनांक विधुत व ऊष्मा की चालकता , यांत्रिक सामर्थ्य आदि के मान किसी ठोस में अलग अलग दिशाओं से ज्ञात करने पर यदि ये मान समान आते है तो इन्हे सम दैशिक ठोस कहते है। और इस गुण को सम दैशिकता कहते है।

नोट : अक्रिस्टलीय ठोस में अवयवी कण निश्चित क्रम में नहीं होते अतः ये सम दैशिक है।

विषम दैशिक : 

ठोसों के भौतिक गुण जैसे अपवर्तनांक विधुत व ऊष्मा की चालकता , यांत्रिक सामर्थ्य आदि के मान किसी ठोस में अलग अलग दिशाओं से ज्ञात करने पर यदि ये मान समान नहीं आते है तो उन्हें विषम दैशिक ठोस कहते है इस गुण को विषम दैशिकता कहते है।

डायग्राम ??

चित्रानुसार किसी क्रिस्टलीय ठोस को दिखाया गया है इसका अलग अलग दिशाओं से अपवर्तनांक ज्ञात करने के लिए प्रकाश पुंज को अलग अलग दिशाओ से गुजारते है जब प्रकाश पुंज को A-B दिशा से गुजारते है तो दोनों ओर समान प्रकार के कण पंक्ति बद्ध है जब प्रकाश पुंज को CD दिशा से गुजारते है तो दोनों प्रकार के कण एकान्तर क्रम में पंक्तिबद्ध है।  अतः प्रकाश पुंज पर इन कणो का प्रभाव अलग अलग पड़ता है।  अतः क्रिस्टलीय ठोस विषम दैशिक होते है।

नोट : क्वार्ट्ज़ , सिलिका का क्रिस्टलीय रूप है इसमें SiO44-

की इकाइयां निश्चित क्रम में व्यवस्थित रहती है जब क्वार्ट्ज़ को पिघलाकर ठंडा करते है तो यह कांच में बदल जाता है इसमें SiO44-  की इकाइयाँ नियमित क्रम में नहीं होती अतः कांच अक्रिस्टलीय ठोस है।