आयनिक बंध ionic bond definition in hindi

ionic bond definition in hindi (आयनिक बंध ) : Crystal binding : जब दो free atoms को पास पास लाया जाता है तो Interaction के कारण दोनों आपस में bond बनाकर एक द्रव्य का निर्माण करते है।  इसे हम सह्संजक उर्जा या binding energy कहते है।

-अर्थात दो atoms को जोड़ने या अलग करने के लिए आवश्यक उर्जा Binding energy कहलाती है।

– binding energy atoms पर उपस्थित बंध पर निर्भर करती है।

बंध (bond) पाँच प्रकार के होते है –

1. आयनिक बंध

2. सहसंयोजक बंध

3. धात्विक बंध

4. H-bond

5. वांडरवाल बंध

1. आयनिक बंध : जब Doner atom acceptor atom के पास आता है तो प्रबल आकर्षण बल के कारण आयनिक बंध बनता है।  इस बंध द्वारा बने क्रिस्टल को आयनिक क्रिस्टल भी कहते है।

आयनिक बंध सबसे प्रबल होता है।

उदाहरण : Na+ + Cl → NaCl

Ca+2 + 2Cl → CaCl2

लाक्षणिक गुण :

(a) Binding energy : आयनिक बंध strong होने के कारण इसे तोड़ने के लिए अधिक energy की आवश्यकता होगी।
उदाहरण :
NaCl के लिए 180 k cal 1 mol
LiCl के लिए 200 K Cal 1 mol
(b) Hardness and Brittleness : Ionic क्रिस्टल strong व भंगुर होते हैं।
(C) M.P and B.P : आयनिक बंध strong होने के कारण आयनिक क्रिस्टल के B.P व M.P भी अधिक होते है।
(d) electric conductivity : free electrons नहीं होने के कारण विद्युत चालकता बहुत कम होती है।
(e) Absorbance of IR waves : आयनिक क्रिस्टल कम तरंग दैध्र्य वाली light waves को transmit करते है व IR rays का अवशोषण करते है।
(f) विलेयता : ये क्रिस्टल किसी भी विलयन में आसानी से घुल जाता है।
(g) क्रिस्टल संरचना (crystal structure) : इनकी संरचना closed packed होती है।
(h) Polar nature : इनकी प्रवृति non directional व nature polar होती है।
(I) विशिष्ट ऊष्मा : इनकी S.H normal होती है व ये क्रिस्टल Du lock petit (Cv =3R ) की पालना करते है।
उदाहरण : Cucl , NaCl इत्यादि।