heng samrin in hindi हैंग सैमरिन या हेंग समरिन हैंग सैमरीन के शासन का उत्थान कम्बोडिया देश कौन थे ?
हैंग सैमरिन गणतंत्र का अध्यक्ष बना तथा एक क्रांतिकारी परिषद बनायी गयी। नोम पेन्ह ने वियतनाम के साथ शांति मित्रता तथा सहयोग की संधि की तथा वियतनाम की सेना को उपस्थिति की अनुमति दी। इन सैनिकों ने क्रांतिकारी परिषद को खमेर राज की सेना के प्रतिरोध पर काब पाने के लिए अपनी सेना तैयार करने में मदद की। नई सरकार निःसंदेह विदेश समर्पित थी। परन्त कंपूचिया के लोगों ने इसका इसलिए स्वागत किया क्यों कि इस शासन ने पोल पोटके आतंक का अन्त किया। बुद्ध धर्म को पुनः जीवित किया गया तथा इसके प्रति सहनशीलता का रुख अपनाया गया। पूर्ववर्ती शासन के समाजवाद को पाने के तरीकों में उचित सुधार किया गया। राष्ट्र सभा की 117 सीटों के लिए मई 1981 में चुनाव हुए। कंपूचियन नेशनल यूनाइटेड फ्रंट फौर नैशनल सैल्वेशन (राष्ट्रीय उद्धार के लिए) ने चुनाव में अधिकांश सीटें जीत ली। इस मोर्चे की राजनीतिक शाखा को कंपूचियन पीपल्स रिब्लयूश्नरी पार्टी में बदल दिया गया तथा इस मोर्चे का कंपूचियन सायनाइटेड फ्रंट फॉर नेशनल कंसट्रक्शन एन्ड डीफेन्स के नाम से पुनर्गठन किया गया। हैंग सैमरिन तथा हून सेन सर्वोच्च नेता के रूप में उभरे। सौमरिन नोम पेन्ह सरकार के राष्ट्रपति बने तथा हून सेन को प्रधानमंत्री नियुक्त किया गया। हैंग सेमरिन की सरकार 1979 से शासन में है। दो तिहाई से ज्यादा कंपूचिया पर इसका नियंत्रण है।
राष्टीय सभा द्वारा विधिवत मंजर एक नये संविधान को जून 1981 में लागू किया गया। संविधान का लक्ष्य एवं राजनीति समाजवाद की स्थापना है। संविधान राष्ट्रीय सभा, राज्य परिषद, मंत्री परिषद, स्थानीय लोगों की समिति तथा पृथक न्यायपालिका का प्रावधान करता है। राष्ट्रीय सभा राष्ट्र शक्ति का उच्चतम अंग तथा देश की अकेली व्यवस्थायी संस्था है। इसके सदस्यों का चुनाव सार्वजनिक गुप्त मतदान के सिद्धान्त के अनुसार पांच वर्ष के लिए होता है। राज्य परिषद देश का प्रतिनिधि अंग तथा राष्ट्रीय सभा का स्थायी अंग है। इसके सदस्यों का चुनाव राष्ट्रीय सभा के सदस्य अपने बीच से करते है। मंत्री-परिषद् सरकार का सर्वोच्च अंग तथा समाज के प्रबंध का प्रत्यक्ष उपकरण जवाबदेह है। स्थानीय प्रान्तों, जिलों शहरों तथा गांवों में स्थानीय लोगों की समीतियों के द्वारा देश के प्रशासन को विकेन्द्रित किया गया है। ये समितियां स्थानीय प्रशासन, जन सुरक्षा तथा समाजिक व्यवस्था के लिए जबाबदेह है। संविधान में एक ऐसी न्यायपालिका का प्रावधान है, जिसमें जन न्यायालय तथा सैनिक अदालत दोनों शामिल हैं।
नई सरकार ने आत्मनिर्भरता के लिए अपनी नई आर्थिक नीति बनाई है। अब अर्थव्यवस्था सरकार के निर्देशन में है। इसके चार क्षेत्र है यथा-सरकारी क्षेत्र, सामूहिक क्षेत्र, निजी क्षेत्र तथा परिवार द्वारा चलाए जा रहे कुटीर उद्योग। विदेश व्यापार पर सरकार का एकाधिकार है।