(Electron low carbohydrate compounds ) इलेक्ट्रॉन न्यून कार्बधात्विक यौगिक : वे कार्ब धात्विक यौगिक जिनमे धातु या अधातु तत्व का अष्टक पूर्ण नहीं होता है वे इलेक्ट्रॉन (e) न्यून कार्बधात्विक यौगिक कहलाते है।
उदाहरण : B ,Mg , Al आदि तत्व इस प्रकार के यौगिक बनाते है।
Li , Be , Mg , Al आदि तत्वों के कुछ कार्बधात्विक यौगिक कार्बनिक समूह पर सेतु निर्माण के कारण बहुलक के रूप में पाये जाते है।
सेतु बंधन के आधार पर ये निम्न दो प्रकार के होते है –
1. तीन केंद्र दो e बंधन वाले यौगिक : तीन केंद्र दो e बंध से तात्पर्य है की तीन परमाणुओं के मध्य में 2eसे बंध का निर्माण हुआ है।
उदाहरण : Be ,Al एवं B के यौगिकों में इस प्रकार का बंध पाया जाता है।
Be के कार्बधात्विक यौगिक बहुलक एवं Al व B के यौगिक द्विलक के रूप में होते है।
2.बहु केन्द्र 2e बंधन : CH3Li या C2H5Li की संरचना में प्रत्येक c परमाणु चतुष्फलक के तीनों कोनो पर स्थित Li परमाणु से जुड़ा होता है , इस प्रकार प्रत्येक CH3 समूह तिहरे सेतु के समान कार्य करता है।
इसमें c एवं li के मध्य का यह बंध बहु केन्द्रीय बंध होता है।