जल अपघटन , प्रबल अम्ल , दुर्बल अम्ल , प्रबल क्षार , प्रबल अम्ल व क्षार से बने लवणों का जल अपघटन , प्रबल अम्ल व प्रबल क्षार से बने लवणों का जल अपघटन

जल अपघटन : जब किसी लवण को जल में घोला जाता है तो लवण के धनायन जल के ऋणायन से तथा लवण के ऋण आयन जल के धन आयन से तथा लवण के ऋणायन जल के धनायन से क्रिया करते है जिससे H+ की सांद्रता परिवर्तित हो जाती है। 
लवण का जल अपघटन एक उत्क्रमणीय अभिक्रिया है जिससे एक साम्य स्थापित हो जाता है इसे अपघटनी साम्य कहते है।  इस साम्य पर लगाये गए स्थिरांक को जल अपघटनी स्थिरांक कहते है इसे ‘Kh से व्यक्त करते है। 
सम्पूर्ण लवण का जल अपघटन नहीं होता बल्कि इसकी कुछ ही मात्रा का जल अपघटन होता है।  इसे जल अपघटन की मात्रा कहते है तथा जल अपघटन की मात्रा को ‘v’ या ‘h’ से व्यक्त करते है। 
प्रबल अम्ल : HCl , HNO3 , H2SO4 , HClO4
दुर्बल अम्ल : CH3COOH , HCN , H2S , H2CO3
प्रबल क्षार : NaOH , KOH , Ba (OH)2
दुर्बल क्षार :  Ca(OH)2 , Fe(OH)2 , NH4OH , Al(OH)3
[I] प्रबल अम्ल व प्रबल क्षार से बने लवणों का जल अपघटन :
उदाहरण : NaCl का जल अपघटन
NaCl ⇌ Na+ + Cl
H2O ⇌ OH + H+
कुल अभिक्रिया
NaCl + H2O ⇌ NaOH + HCl
Na+ + Cl + H2O ⇌ Na+ + OH + H+ + Cl

H2O ⇌ H+ + OH

नोट : उपरोक्त सभी प्रकार के लवणों का जल अपघटन नहीं होता क्योंकि H+ की सांद्रता में परिवर्तन नहीं हो रहा है। 
उपरोक्त लवण का जलीय विलयन उदासीन प्रवृति का होगा तथा इसके जलीय विलयन की pH 7 होगी। 
[II] प्रबल क्षार व दुर्बल अम्ल से बने लवणों का जल अपघटन
उदाहरण : सोडियम एसिटेट का जल अपघटन :-
CH3COONa ⇌ CH3COO + Na+
H2O ⇌ H+ + OH
कुल अभिक्रिया :-
CH3COONa + H2O ⇌ CH3COOH + NaOH
CH3COO + Na+ + H2O ⇌ CH3COOH + Na+ + OH

CH3COO+ H2O ⇌ CH3COOH + OH

नोट : 
यह ऋणायनी जल अपघटन का उदाहरण है , उपरोक्त लवणों के जलीय विलयन में स्वतंत्र OH की संख्या अधिक होने के कारण विलयन क्षारीय होगा तथा इन लवणों के जलीय विलयन की pH 7 से अधिक होगी। 
[III] प्रबल अम्ल व दुर्बल क्षार से बने लवणों का जल अपघटन  :
उदाहरण : अमोनिया क्लोराइड (NH4Cl) का जल अपघटन 
NH4Cl ⇌ NH4+  + Cl
H2O ⇌ OH + H+
कुल अभिक्रिया
NH4Cl + H2O ⇌ NH4OH + HCl
NH4+  + Cl + H2O ⇌ NH4OH + H+ + Cl

NH4+  + H2O ⇌ NH4OH + H+
नोट : 
यह धनायनी जल अपघटन का उदाहरण है।  उपरोक्त लवणों के जलीय विलयन में स्वतंत्र H+ की संख्या अधिक होने के कारण विलयन क्षारीय होगा तथा लवणों के जलीय विलयन की pH 7 से कम होगी। 
[IV] दुर्बल अम्ल व दुर्बल क्षार से बने लवणों का जल अपघटन :
उदाहरण : अमोनिया एसिटेट (CH3COONH4) का जल अपघटन :-

CH3COONH4   CHCOO + NH4+
H2  H+ + OH
कुल अभिक्रिया
CH3COONH4  +
H2  CH3COOH + NH4OH

CH3COO+ NH4+ + H2O CH3COOH + NH4OH
नोट : उपरोक्त प्रकार के लवणों का जल अपघटन होता है क्यूंकि प्राप्त होने वाले अम्ल व क्षार के सामर्थ्य में थोडा बहुत अंतर होता है जिससे H+ की सांद्रता में थोडा बहुत परिवर्तन हो जाता है।  इनके लवणों की pH लगभग 7 होती है।  

जल का आयनिक गुणनफल 

जल निम्न प्रकार से आयनित होता है –
H2O ⇌ OH  + H+
K = [H+] [OH]/[H2O]
यहाँ K = जल का वियोजन स्थिरांक 
जल बहुत कम मात्रा में आयनित होता है जिससे इसकी सान्द्रता में कोई विशेष परिवर्तन नहीं होता है अत: इसकी सांद्रता स्थिर मान सकते है। 
K x [H2O] = [H+] [OH]
K[H+] [OH]
यहाँ Kw  = जल का आयनिक गुणनफल 25 डिग्री सेल्सियस ताप पर 
[H+] = [OH] = 10-7 मोल/लीटर
Kw = [H+][OH]
Kw = 10-7   x 10-7

Kw = 1 x 10-14 मोल2/लीटर2

प्रश्न 1 : जल की मोलर सान्द्रता बताइए। 
उत्तर : 
[H2O] = एक लीटर जल का भार/अणुभार 
[H2O] = 997/18 = 55.4 मोल
प्रश्न 2 : जल के वियोजन स्थिरांक का मान बताइये। 
उत्तर :
[H+] =  10-7 
[OH] = 10-7
[H2O] = 55.4 
K = [H+] [OH]/[H2O]
मान रख कर हल करने पर 
K = 0.018 x 10-14
प्रश्न 3 : 1 लीटर जल में H+ की संख्या बताइए। 
उत्तर : [H+] = 10-7 x Na
= 10-7 x 6.023 x 1023

= 6.023 x 1016

प्रश्न 4  : एक लीटर जल में OH की  संख्या बताइए। 
उत्तर : [OH] = 10-7 x Na
= 10-7 x 6.023 x 1023

= 6.023 x 1016

प्रश्न 5 : एक लीटर जल में जल के अणुओं की संख्या बताइये। 
उत्तर : [H2O] = 55.4 x Na
= 55.4 x 6.023 x 1023
= 333.67 x 1023

= 3.33 x 1025

सम आयन प्रभाव (common ion effect)

जब किसी दुर्बल विद्युत अपघट्य में सम आयन वाला प्रबल विद्युत अपघट्य मिलाया जाता है तो दुर्बल विद्युत अपघट्य का आयनन और भी कम हो जाता है , इसे सम-आयन प्रभाव कहते है।
उदाहरण 1 : एसिटिक अम्ल में , सोडियम एसिटेट मिलाने पर एसिटिक अम्ल का आयनन कम हो जाता है।
CH3COOH  CH3COO + H+ (अल्प आयनिक)
Ka = [CH3COO] [H+]/[ CH3COOH]

CH3COONa  CH3COO + Na+ (पूर्ण आयनिक)

व्याख्या : एसिटिक अम्ल में सोडियम एसिटेट मिलाने से एसिटेट आयनों की सांद्रता में वृद्धि हो जाती है जिससे Ka का मान बढना चाहिए परन्तु Ka एक स्थिर राशि है , यह स्थिर तभी हो सकती है जब H+ की सांद्रता कम हो जाए तथा H+ की सान्द्रता तभी कम हो सकती है जब ये एसिटेट आयनों से क्रिया कर ले अर्थात इन परिस्थितियों में एसिटिक अम्ल का आयनन कम हो जाता है।
उदाहरण 2NH4Cl की उपस्थिति में सम आयन प्रभाव के कारण NH4OH का का आयनन कम हो जाता है।
उदाहरण 3 : HCl की उपस्थिति में सम आयन प्रभाव के कारण H2S का आयनन कम हो जाता है।
tags in English : common ion effect in hindi ?