WhatsApp Group Join Now
Telegram Join Join Now

इलेक्ट्रॉन न्यून कार्बधात्विक यौगिक , विस्थानिकृत π e वाले यौगिक

(Electron low carbohydrate compounds ) इलेक्ट्रॉन न्यून कार्बधात्विक यौगिक : वे कार्ब धात्विक यौगिक जिनमे धातु या अधातु तत्व का अष्टक पूर्ण नहीं होता है वे इलेक्ट्रॉन (e) न्यून कार्बधात्विक यौगिक कहलाते है।

उदाहरण : B ,Mg , Al आदि तत्व इस प्रकार के यौगिक बनाते है।

Li , Be , Mg , Al आदि तत्वों के कुछ कार्बधात्विक यौगिक कार्बनिक समूह पर सेतु निर्माण के कारण बहुलक के रूप में पाये जाते है।

सेतु बंधन के आधार पर ये निम्न दो प्रकार के होते है –

1. तीन केंद्र दो e बंधन वाले यौगिक : तीन केंद्र दो e बंध से तात्पर्य है की तीन परमाणुओं के मध्य में 2eसे बंध का निर्माण हुआ है।

उदाहरण : Be ,Al एवं B के यौगिकों में इस प्रकार का बंध पाया जाता है।

Be के कार्बधात्विक यौगिक बहुलक एवं Al व B के यौगिक द्विलक के रूप में होते है।

2.बहु केन्द्र 2e बंधन : CH3Li या C2H5Liकी संरचना में प्रत्येक c परमाणु चतुष्फलक के तीनों कोनो पर स्थित Li परमाणु से जुड़ा होता है , इस प्रकार प्रत्येक CH3समूह तिहरे सेतु के समान कार्य करता है।

इसमें c एवं li के मध्य का यह बंध बहु केन्द्रीय बंध होता है।

विस्थानिकृतπe वाले यौगिक

इस प्रकार के कार्बधात्विक यौगिकों में असंतृप्त कार्बनिक समूह जैसे एल्किन , एरोमेटिक वलय की π e का अभ्र धातु के रिक्त कक्षकों से अतिव्यापन करता है।
साथ ही धातु के पूर्ण भरे d कक्षक एवं कार्बनिक समूह के c के रिक्त antibonding कक्षकों के मध्य अतिव्यापन होता है , जिसे dπ-pπ bonding कहते है।
इस प्रकार के बंधन में द्विबंध के गुण आ जाते है।
ये यौगिक निम्न दो प्रकार के होते है –
1. ओलिफिनिक एवं एसिटिलीन यौगिक :
उदाहरण – जाइसे लवण : जाइसे लवण ऑलिफीनिक प्रकार के कार्बधात्विक यौगिक का उदाहरण है। इसका संश्लेषण एथिलीन एवं[ptCl4]2-की अभिक्रिया द्वारा होता है।
जाइसे लवण में एथिलीन का c-c बंध pt-cl बंधो के लम्बवत होता है।
इनमे तीनो pt-cl बंधों की बंध लम्बाई एकसमान नहीं होती।
2. सेंडविच प्रकार के यौगिक :
वे यौगिक जिनमे धातु परमाणु अथवा आयन दो समतलीय c समूहों के मध्य स्थित होता है सेंडविच यौगिक कहलाते है।
उदाहरण : फेरोसीन /बिस -(साइक्लोपेंटाडाइनिल) आयरन (II)