(who invented electron ?) electron ki khoj kisne ki इलेक्ट्रॉन की खोज किसने की ? : इलेक्ट्रॉन परमाणु एक एक छोटा कण है , यहाँ हम जानेंगे की इलेक्ट्रान की खोज कब और किसने की थी और कैसी हुई।
इलेक्ट्रॉन की खोज 1897 में ब्रिटेन के महान भौतिकविद जे.जे थोमसन द्वारा की गयी थी।
जिन चीजों को हम अपने चारों तरफ देखते है वे सभी वस्तुएं परमाणुओं से मिलकर बनी होती है और परमाणु नाभिक व इलेक्ट्रॉन से मिलकर बना होता है अत: सभी चीजो का इलेक्ट्रान एक घटक है।
इलेक्ट्रॉन पहला ऐसा कण था जिसे परमाणु से छोटा पाया गया , इससे पहले परमाणु को सबसे छोटा कण माना जाता था और माना जाता था की परमाणु को विभाजित नही किया जा सकता क्योंकि यह ही सबसे छोटा कण है। लेकिन जे.जे थोमसन द्वारा 1897 इलेक्ट्रॉन की खोज के बाद इलेक्ट्रॉन को प्राथमिक कण माना जाने लगा और बताया गया की यह सबसे छोटा कण है , बाद प्रयोगों से पता चला की परमाणु केवल इलेक्ट्रॉन्स से ही नही बना होता इसमें नाभिक भी होता है। रदरफोर्ड ने 1911 में नाभिक की खोज की और बताया की परमाणु में इलेक्ट्रान के अलावा नाभिक भी होता है।
इलेक्ट्रॉन की खोज 1897 में ब्रिटेन के महान भौतिकविद जे.जे थोमसन द्वारा की गयी थी।
जिन चीजों को हम अपने चारों तरफ देखते है वे सभी वस्तुएं परमाणुओं से मिलकर बनी होती है और परमाणु नाभिक व इलेक्ट्रॉन से मिलकर बना होता है अत: सभी चीजो का इलेक्ट्रान एक घटक है।
इलेक्ट्रॉन पहला ऐसा कण था जिसे परमाणु से छोटा पाया गया , इससे पहले परमाणु को सबसे छोटा कण माना जाता था और माना जाता था की परमाणु को विभाजित नही किया जा सकता क्योंकि यह ही सबसे छोटा कण है। लेकिन जे.जे थोमसन द्वारा 1897 इलेक्ट्रॉन की खोज के बाद इलेक्ट्रॉन को प्राथमिक कण माना जाने लगा और बताया गया की यह सबसे छोटा कण है , बाद प्रयोगों से पता चला की परमाणु केवल इलेक्ट्रॉन्स से ही नही बना होता इसमें नाभिक भी होता है। रदरफोर्ड ने 1911 में नाभिक की खोज की और बताया की परमाणु में इलेक्ट्रान के अलावा नाभिक भी होता है।
इलेक्ट्रॉन की खोज कैसे हुई ?
जोसेफ जे थॉमसन कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी की केवेंडिश प्रयोगशाला में 1897 में विद्युत डिस्चार्ज पर प्रयोग कर रहे थे , उन्होंने देखा जब कम दाब पर गैस पर अधिक वोल्टता आरोपित की गयी तो एक बहुत ही अधिक चमक उत्पन्न हुई। इस चमक का कारण उन्होंने बताया की कैथोड से कुछ कण आते है जिसके कारण यह चमक उत्पन्न होती है।
इलेक्ट्रॉन की खोज के लिए कैथोड रे परिक्षण
जे.जे थोमसन ने एक कांच की ट्यूब ली और इसके भीतर से हवा को बाहर निकाल दिया , अर्थात इसको निर्वात बना दिया गया , इसके बाद उन्होंने चित्रानुसार ट्यूब के दोनों सिरों पर इलेक्ट्रोड लगा दिए।
जब बाहर से दोनों इलेक्ट्रोड पर अधिक मान का वोल्टता स्त्रोत जोड़ा गया तो देखा गया की एक कणों की बोछार कैथोड (ऋणात्मक) इलेक्ट्रोड से धनात्मक (एनोड) इलेक्ट्रोड की तरफ गति करते है।
चूँकि कण धनात्मक सिरे की ओर गति कर रहे है अत: इन कणों पर ऋणात्मक आवेश उपस्थित है जो धनात्मक इलेक्ट्रोड द्वारा आकर्षित की जा रही है।
इन ऋणात्मक आवेशित कणों को ही इलेक्ट्रान कहा गया।
इस सम्पूर्ण प्रयोग सेट अप को कैथोड रे ट्यूब (CRT) प्रयोग कहा जाता है।