what is electron in hindi (इलेक्ट्रॉन क्या है , इलेक्ट्रान का भार , electron पर आवेश , परिभाषा) : इलेक्ट्रॉन एक उप परमाण्वीय कण है , यहाँ उपपरमाण्वीय का तात्पर्य है वे कण जिनका आकार परमाणु से कम है या दूसरी शब्दों में हम बोल सकते है की वे कण जिनसे मिलकर पदार्थ का निर्माण होता है। अत: इलेक्ट्रॉन भी उन कणों में से एक है जिनसे मिलकर किसी पदार्थ का निर्माण होता है।
इलेक्ट्रान दो स्थितियों में पाया जा सकता है
1. स्वतंत्र स्थिति : इस स्थिति में electron पर किसी बाह्य बल का अंकुश नही होता है ,वह यादृच्छ गति करता है।
2. बंधन स्थिति : इस स्थिति में परमाणु में इलेक्ट्रोन नाभिकीय बल से बंधा हुआ रहता है और यह स्वतंत्र गति करने के लिए उपलब्ध नही होता है।
इलेक्ट्रॉन एक ऋणात्मक आवेशित कण होता है अर्थात इस पर ऋणात्मक आवेश विद्धमान रहता है , एक इलेक्ट्रान पर 1.60 x 10-19 कुलाम उपस्थित रहता है तथा एक विराम अवस्था में उपस्थित किसी इलेक्ट्रॉन का भार 9.11 x 10-31 किलोग्राम होता है।
इलेक्ट्रान परमाणु के नाभिक के चारों ओर उपस्थित कक्षाओं में पाये जाते है इन गोलाकार कक्षाओं को ऊर्जा स्तर कहते है , जिन ऊर्जा स्तरों का आकार जितना ज्यादा बड़ा होता है उनमे इलेक्ट्रॉन्स की संख्या उतनी ही अधिक होती है।
यदि विद्युत धारा की बात करे तो इलेक्ट्रॉन की गति के कारण ही विद्युत धारा का प्रवाह संभव हो पाता है , चालक में स्वतंत्र इलेक्ट्रॉन्स की संख्या बहुत अधिक होती है यही कारण है की इसमें से विद्युत धारा अधिक प्रवाह होती है वही दूसरी तरफ कुचालक में बंधन इलेक्ट्रान होते है जिससे इलेक्ट्रॉन्स की गति नही हो पाती है और कुचालक में विद्युत का प्रवाह नही होता है।
इलेक्ट्रॉन को e− द्वारा व्यक्त किया जाता है , यहाँ ऊपर माईनस का चिन्ह यह दिखाता है की इलेक्ट्रान पर ऋणात्मक आवेश होता है।
एक इलेक्ट्रान पर लगभग प्रोटोन का 1/1836 भार होता है , किसी भी परमाणु में प्रोटोन और इलेक्ट्रान की संख्या बराबर होती है अर्थात परमाणु की सामान्य अवस्था में जितने प्रोटोन होते है उतने ही इलेक्ट्रॉन होते है।
इलेक्ट्रान में कण और waves दोनों के गुण पाये जाते है , जब कोई इलेक्ट्रान किन्ही अन्य कणों से टकराता है तो यह प्रकाश उत्पन्न कर सकता है।