भारतीय रिजर्व बैंक का राष्ट्रीयकरण कब हुआ ? RBI ka rashtriyakaran kab hua tha ? when rbi nationalised in hindi

when did rbi nationalised in hindi ?

प्रश्न : भारतीय रिजर्व बैंक का राष्ट्रीयकरण कब हुआ ? RBI ka rashtriyakaran kab hua tha ?

उत्तर : आरबीआई अपनी स्थापना के समय से ही यह केन्द्रीय बैंक था और यह एक निजी बैंक था । 1 जनवरी 1949 को RBI का राष्ट्रीयकरण कर दिया गया |
RBI की स्थापना कब हुई : RBI अधिनियम 1934 के तहत आरबीआई की स्थापना की गयी | 1 अप्रैल 1935 को आरबीआई ने कार्य करना शुरू किया |
किसकी सिफारिश से : यंग हिल्टन समिति की सिफारिश के आधार पर आरबीआई की स्थापना की गयी थी |
RBI के कार्य क्या होते है –  आरबीआई के कार्य निम्नलिखित होते है –
  • नोटों का निर्गमन करना – ₹ 2 अथवा इससे अधिक मूल्य के सभी नोट आरबीआई द्वारा छापे जाते है | एक रुपये के नोट और सभी सिक्के भारतीय वित्त मंत्रालय द्वारा जारी किये जाते है |
₹ 1 के नोट पर वित्त सचिव के हस्ताक्षर होते है | इन नोटों और सिक्कों को बाजार में RBI ही निर्गमित करता है |
न्यूनतम आरक्षित प्रणाली के तहत RBI नोटों का निर्गमन करती है | इसके तहत ₹ 200 करोड़ की परिसम्पत्तियाँ रखकर RBI कितने के भी नोट जारी कर सकता है | इसमें ₹ 200 करोड़ की परिसंपत्तियों में , ₹ 115 करोड़ का सोना होना चाहिए और शेष विदेशी परिसम्पत्तियाँ हो सकती है |
RBI के द्वारा जारी किये जाने वाले नोट प्रतीकात्मक (सांकेतिक नोट) नोट होते है |
  • RBI बैंकों का बैंक है अर्थात यह भारतीय बैंकिंग व्यवस्था का नियंत्रण और नियमन करता है | यहाँ नियमन का तात्पर्य है कि RBI बैंकों के लिए नियम बनाता है और उन नियमों को लागू करता है और जब बैंक संस्थायें इन नियमों का उल्लंखन करती है तो उल्लंखनकर्ता के विरुद्ध कार्यवाही करता है |
  • बैंकों के लिए क्लीयरिंग हाउस की व्यवस्था करता है |
  • बाजार की तरलता को नियंत्रित करता है , अर्थात बाजार में पैसे या रुपये की उपलब्धता को नियंत्रित या नियमित करता है | इसे (ओपन मार्केट ऑपरेशन) खुले बाजार की क्रिया कहा जाता है | इसके अंतर्गत सरकारी प्रतिभूतियों का क्रय विक्रय किया जाता है | यह क्रिया रेपो बाजार के तहत की जाती है |
  • आरबीआई साख नियंत्रण का कार्य करती है | CRR को बढ़ाकर साख नियंत्रण किया जाता है |
  • आरबीआई  सरकार के बैंकर के रूप में कार्य करता है अर्थात भारत सरकार के लिए सभी ऋणों की व्यवस्था आरबीआई के द्वारा किया जाता है | भारत सरकार अपने सारे ऋण आरबीआई के माध्यम से प्राप्त करती है | वर्तमान में DMO (डेब्ट मैनेजमेंट ऑफिस) की गयी है , अत: भविष्य में भारत सरकार के लिए सभी प्रकार के ऋणों की व्यवस्था DMO (डेब्ट मैनेजमेंट ऑफिस) तहत की जाएगी |
  • विनिमय दर की स्थिरता को बनाये रखने का प्रयास करती है , इसके लिए RBI स्वयं बाजार में उतरकर डॉलर की खरीद अथवा बिक्री करता है |