जल परिवहन , Water transportation in hindi , आंतरिक , महासागरीय जलमार्ग , भारतीय जहाज रानी निगम लिमिटेड

(Water transportation) जल परिवहन :

1. आंतरिक जलमार्ग

2. महासागरीय जलमार्ग

आंतरिक जलमार्ग :

  1. महान झील प्रदेश – सेट लारेन्स
  2. राइन रोन आन्तरिक जलमार्ग
  3. अमेजन जल मार्ग
  4. भारत में गंगा नदी का जल मार्ग
  5. अफ्रीका में नील नदी का जलमार्ग
  6. याग्यसे नदी , हुवागो , सिक्यांग
  7. वोल्गा पर जलमार्ग

महासागरीय जलमार्ग :

  1. उत्तरी अटलांटिक महासागर मार्ग
  2. दक्षिणी अटलांटिक महासागर मार्ग
  3. उतमाशा अंतरीप महासागर मार्ग
  4. कोलम्बस ने उत्तरी अमेरिका के जल मार्ग को खोजा था।

प्रश्न : जल परिवहन किसे कहते है ? जल परिवहन में स्वेज व पनामा नाहर का विस्तृत वर्णन कीजिये।

उत्तर : जल परिवहन : जल परिवहन सबसे सस्ता है , इसमें परिवहन मार्ग , निर्माण एवं रखरखाव की समस्या नहीं होती तथा भारी भरकम सामानों को सुरक्षित परिवहन होता है।

इसके दो रूप है –

(i) आंतरिक जलमार्ग

(ii) महासागरीय जल मार्ग

(i) आंतरिक जलमार्ग : यह महाद्वीपीय या स्थलीय भागो में स्थित नदियों तथा झीलों से होकर जाता है इसके लिए वे नदियाँ और झीले उपयुक्त होती है जिनमे पर्याप्त जल व गहरी उनमे साथ ही कम ढाल भी होना चाहिए। नदियों में रेत के निक्षेप से जल परिवहन में बाध्य होती है जो नदियाँ शुष्क हो जाती है या जम जाती है उनमे परिवहन केवल मौसमी परिवहन ही हो सकता है।

महासागरीय जल परिवहन

महासागर सभी दिशाओ में मुड सकने वाले ऐसे महामार्ग प्रस्तुत करते है जिनमे रखरखाव की लागत नहीं होती।  एक महाद्वीप से दुसरे महाद्वीप तक स्थूल पदार्थो का लम्बी दूरियों तक समुद्री परिवहन स्थल और वायु से सस्ता होता है।
(i) स्वेज नहर मार्ग : स्वेज नहर मिश्र में भूमध्य सागर , लाल सागर को मिलाने के लिए बनाया गया एक कृत्रिम जलमार्ग है।  यह योजना 1859 में अलेग्जेंड्रिया में स्थित फ्रांसीसी दूतावास के इजिनियम फ़र्डीमेंड-डी-लेरेमरा के निर्देशन में आरम्भ हुई।  नहर का उद्घाटन 1869 में हुआ।  इस नहर की लम्बाई 162 किलोमीटर है , औसत चौड़ाई 60 मीटर और गहराई 10 मीटर है।
1956 में इसका मिश्र सरकार ने राष्ट्रीयकरण कर लिया था।  1967 में संयुक्त राष्ट्र संघ U.N.O में राष्ट्रीयकरण की सहमती प्रदान कर दी थी।  इस नहर में प्रदिदिन लगभग 100 जलयान आवागमन कर सकते है।
(ii) पनामा नहर : यह नहर पूर्व में अटलांटिक महासागर को पश्चिम में प्रशांत महासागर से जोडती है , उत्तरी अमेरिका और दक्षिणी अमेरिका के मध्य निर्मित पनामा नहर का उद्घाटन 15 अगस्त 1914 को हुआ था।  इस नहर पर 85 वर्षो तक USA का अधिकार रहेगा।  1 जनवरी 2000 में इस पर पनामा नगर का नियंत्रण स्थापित हो गया। पनामा नहर 82 किमी लम्बी और 12 किलोमीटर लम्बी अत्यधिक गहरी कटान से युक्त है , इसकी न्यूनतम गहराई 12 मीटर व चौड़ाई 90 मीटर है।  नहर का सबसे बड़ा समुद्री भाग समुद्र तल से 26 मीटर ऊँचा है , इस नहर में कुछ 6 जलबघक तन्त्र से प्रवेश करते हुए तीन लोक प्रणाली का प्रयोग किया है –
  • गातुन लाक्स एटलान्टिक सिरे पर
  • पैडरोमिकट लाक्स मध्य में
  • मीरा फ्लार्स लाक्स प्रशांत सिरे पर
राष्ट्रीय जलमार्ग
  1. गंगा नदी :- इलाहाबाद-हल्दिया
  2. ब्रहमपुत्र नदी :- सदिया – घुबरी
  3. वेवनाद झील :- उद्योग मंडल – चुम्बाकारा
  4. गोदावरी , पेनार , कृष्णा नदियों के नाम पर राष्ट्रीय जलमार्ग है।
  5. स्वर्ण स्वर्ण रेखा नदी – ब्राहानी
समस्याएं
  1. अवसाद :- नदियों में कचरा या गाद
  2. तकनिकी प्रोद्योगिकी की कमी
  3. जल परिवहन का चलन में नही रहना
  4. सदावाहन नदियों की कमी

महासागरीय जल परिवहन

भारत की 7517 किलोमीटर लम्बे समुद्र तट रेखा व 20 लाख वर्ग किलोमीटर से अधिक का समुद्री आर्थिक क्षेत्र है , सम्पूर्ण तक रेखा पर 13 प्रमुख पत्ता तथा 20 लघु एवं मध्यम पत्तन (बंदरगाह) है।
देश का लगभग 95 (मूल्य स्तर पर 70%) व्यापार समुद्री मार्ग से होता है।
13 बड़े बन्दरगाहो द्वारा कुल समुद्री व्यापार का 76% पूरा किया जता है।  देश में 260 मध्यम एवं छोटे बंदरगाह है जिसमे पश्चिमी तक पर गुजरात राज्य में 40 , महाराष्ट्र में 53 , गोवा में 5 दमन एवं द्वीप 2 , कर्नाटक 9 , केरल 13 , लक्ष्यद्वीप 40 , तमिलनाडु 14 , पुदुचेरी 1 , पश्चिमी बंगाल 1 , अंडमान निकोबार 23 बंदरगाह स्थित है।
भारतीय जहाज रानी निगम लिमिटेड : देश की सबसे बड़ी जहाजरानी कम्पनी को प्राइवेट लिमिटेड से बदलकर पब्लिक लिमिटेड कर दिया गया।  कम्पनी को भारत सरकार ने 24 फरवरी 2000 को मिनी रत्न का खिताब दिया।
कम्पनी की देश की कुल भार वहन क्षमता का 3.5 प्रतिशत है , वर्तमान में कम्पनी के पास बेड़े में 84 पोत है।