हमारी app डाउनलोड करे और फ्री में पढाई करे
WhatsApp Group Join Now
Telegram Join Join Now
Download our app now हमारी app डाउनलोड करे

तापयुग्म तापमापी क्या है , सिद्धांत , चित्र वर्णन (thermocouple thermometer in hindi)

By   October 3, 2018
(thermocouple thermometer in hindi) तापयुग्म तापमापी क्या है , सिद्धांत , चित्र वर्णन : यह एक ऐसी युक्ति है जिसकी सहायता से एक ठन्डे और गर्म सिरों के मध्य उत्पन्न होने वाले विद्युत प्रभाव बल (Electromotive force) की गणना करके ताप का मान ज्ञात किया जाता है।
इस प्रकार के तापमापी को बहुतायत से उपयोग में लाया जात है जैसे अस्पताल में , वाहन में, वायुयान में इत्यादि जगहों पर इसका उपयोग ताप के मापन और ताप सेंसर की भांति उपयोग में लाया जाता है।
तापयुग्म तापमापी में दो धातु के तार होते है जब इन तारों को अलग अलग वाले पात्रो में जोड़ा जाता है तो इस ताप में अंतर के कारण तार में विद्युत वाहक बल या वोल्टेज उत्पन्न हो जाता है , हम इस उत्पन्न वोल्टेज या विद्युत वाहक बल का मान ज्ञात करते है क्योंकि इसका मान तापान्तर पर निर्भर करता है अर्थात दोनों पात्रो में जितना अधिक ताप अंतर होगा , तारो में उतना ही अधिक वोल्टेज उत्पन्न होता है।
यह तापमापी पिल्टियर प्रभाव और Seebeck प्रभाव पर आधारित होती है जिसके अनुसार जब कोई धातु तार तापान्तर में स्थित हो तो इस तार के सिरों पर वोल्टेज उत्पन्न हो जाता है और ताप का अंतर जितना अधिक होता है इस उत्पन्न वोल्टेज का मान उतना ही अधिक होता है।
तापयुग्म तापमापी से ताप का मान ज्ञात करने के लिए हमारे पास दो जंक्शन होने चाहिए , एक जंक्शन ठंडा होना चाहिए और दूसरा जंक्शन (बिंदु) गर्म होना चाहिए।

जैसा चित्र में दिखाया गया है वैसे ही दोनों धातुओं के तारो को जोड़ दिया जाता है और दोनों तारो के मध्य इस ताप अन्तर के कारण उत्पन्न विभव का मान ज्ञात कर लिया जाता है जिसके आधार पर गणना करके ताप का मान ज्ञात किया जाता है।  तापान्तर जितना अधिक होता है उत्पन्न विभव का मान भी उतना ही अधिक होता है और यदि दोनों सिरों के मध्य तापान्तर का मान जितना कम होता है उतना ही कम विभव उत्पन्न होता है।

सब्सक्राइब करे youtube चैनल