read a thirsty traveler the wise traveller story in english / hindi | wise traveller and coconut story with moral , एक बुद्धिमान यात्री की कहानी हिंदी और अंग्रेजी में नैतिक या सिख के साथ पढ़े :-
There was a traveller . One day he was going through a forest . It was a Hot day . He was very thirsty. He went here and there in search of water in the forest but he could not get the water. He saw a coconut tree . There were many coconuts on that tree. He looked at them .
But the tree was very high so he was unable to climb up on the tree. He saw there were some monkeys. He thought of a plan . He threw some pieces of stone at them . The monkeys became angry and they plucked coconuts from the tree and threw the coconuts at the traveller.
He took up the coconuts. He broke the coconuts and drank their water. On this way he pleased his thirst by his wise.
Moral of the story : Wisdom gets it’s reward.
a thirsty traveller and coconut story in hindi (एक बुद्धिमान यात्री की कहानी हिंदी)
एक बार एक यात्री था जो दिमाग से बहुत अधिक बुद्धिमान था | वह एक दिन एक जंगल से गुजर रहा था | गर्मी का दिन था , रास्ते में उस यात्री को बहुत अधिक प्यास लग जाती है | उस यात्री ने जंगल में पानी खोजने का बहुत अधिक प्रयास किया लेकिन उसे कही पानी नहीं मिला | तभी उसकी नजर एक नारियल के पेड़ पर पड़ी जिस पर बहुत अधिक नारियल लगे हुए थे , वह उन नारियल का पानी पीकर अपनी प्यास बुझाना चाहता था लेकिन वह नारियल का पेड़ बहुत अधिक ऊंचाई पर था इसलिए यात्री के बहुत अधिक कोशिश करने के बाद भी वह उन नारियल तक नहीं पहुँच सका |
तभी उसकी नजर कुछ बंदरो पर पड़ी जो उसी पेड़ पर बैठे हुए थे , उसने एक प्लान (तरकीब सोची).
यात्री ने कुछ पत्थर के छोटे छोटे टुकड़े लिए और उन्हें उन बंदरो की तरफ फेंका , पहले उन बंदरो ने उसे नजर अंदाज कर दिया लेकिन जब वह यात्री बार बार ऐसा करता गया तो वो बंदर थोडा गुस्से में आ गये और उन्होंने पेड़ से नारियल तोड़कर उस यात्री की तरफ उसे मारने के लिए फेंके | यात्री उनसे बचता हुआ , उन्हें उठाता है और उन्हें तोड़कर उनका पानी पी लेता है और इस तरह उस बुद्धिमान यात्री ने अपनी प्यास को शांत करने के लिए अपनी बुद्धि का इस्तेमाल किया |
नारियल पानी पिने के बाद वह वहां से चला जाता है |
कहानी की नैतिक या सीख : बुद्धिमता को हमेशा पुरस्कृत किया जाता है या बुद्धिमता पूजी जाती है |
यदि वह यात्री अपनी बुद्धिमता का इस्तेमाल नहीं करता तो स्वभाविक है कि वह उस जंगल में पानी के अभाव में मर सकता था , लेकिन चूँकि उसने धैर्य नहीं खोया और विपरीत परिस्थितियों में भी अपनी बुद्धि से कार्य करना उचित समझा |
अत: हमें इससे यह सीख मिलती है कि चाहे व्यक्ति के सामने कितनी भी विपरीत परिस्थितियाँ आ जाए लेकिन उसे हमेशा अपनी बुद्धि से काम लेना चाहिए , याद रखना चाहिए कि क\जो काम बल से नहीं बन सकता वह काम बुद्धि से बन सकता है |