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विशिष्ट ऊष्मा की परिभाषा क्या है , उदाहरण , सूत्र , का मान (specific heat in hindi)
(specific heat in hindi) विशिष्ट ऊष्मा की परिभाषा क्या है , उदाहरण , सूत्र , का मान : ऊष्मा की वह मात्रा जो इकाई द्रव्यमान में एक डिग्री सेल्सियस ताप बढ़ाने के लिए आवश्यक होती है उसे विशिष्ट ऊष्मा कहते है। हमने पहले यह तो पढ़ लिया कि ऊष्मा और ताप में क्या अंतर है ? अब हम देखते है कि ऊष्मा और ताप में आपस में क्या सम्बन्ध होता है ?
ऊष्मा तथा ताप का सम्बन्ध निम्न सूत्र द्वारा दिया जाता है –
यहाँ Q = ऊष्मा है और T = तापमान , m = वस्तु का द्रव्यमान है और C को विशिष्ट ऊष्मा कहते है।
विशिष्ट ऊष्मा की परिभाषा के अनुसार जब इकाई द्रव्यमान में एक सेल्सियस ताप बढ़ाने के लिए ऊष्मा दी जाती है तो जितनी ऊष्मा दी गयी उसे ही विशिष्ट ऊष्मा कहा जाता है।
अर्थात m = 1 तथा T = 1°C
Q = c
इसका मात्रक calorie/Kg °C होता है या इसके अलावा विशिष्ट ऊष्मा का मात्रक joule/Kg – K भी होता है।
जल की विशिष्ट ऊष्मा का मान 1 calorie/gram °C = 4.186 joule/gram °C होता है और यदि देखे तो जल की विशिष्ट ऊष्मा का मान अन्य सामान्य पदार्थो की तुलना में अधिक होता है , यही कारण होता है कि विशिष्ट ऊष्मा के अध्ययन में जल की विशिष्ट ऊष्मा का मान बहुत महत्व रखता है , याद रखिये कि जल (पानी) की विशिष्ट ऊष्मा का मान किसी धातु से भी अधिक होता है।
कभी कभी हम विशिष्ट ऊष्मा को ऊष्मागतिकी में गुण भी कहते है या किसी पदार्थ की क्षमता भी कह देते है क्योंकि यह किसी पदार्थ की क्षमता दर्शाता है कि जब उसे ऊष्मा दी जाती है तो वह कितनी ऊष्मा ग्रहण करता है , यदि वह ज्यादा ऊष्मा ग्रहण करता है तो उसका तापमान अधिक तेजी से बढ़ता है और यदि कम ऊष्मा ग्रहण करता है तो उसका ताप कम या धीरे बढ़ता है।
कहने का अभिप्राय यह है कि यदि किसी पदार्थ की ऊष्मा ग्रहण करने की क्षमता अधिक है तो अभिप्राय है कि उसकी विशिष्ट ऊष्मा का मान अधिक होगा।
Sir ji isme agar ”Jal ki visit usma” ka upyog k bare me rahta to best hota.Plz iske mahatv k bare m bhi btaiega.