(specific heat in hindi) विशिष्ट ऊष्मा की परिभाषा क्या है , विमीय सूत्र , मात्रक उदाहरण , सूत्र , का मान जल की विशिष्ट ऊष्मा , तेल की , बर्फ की , : ऊष्मा की वह मात्रा जो इकाई द्रव्यमान में एक डिग्री सेल्सियस ताप बढ़ाने के लिए आवश्यक होती है उसे विशिष्ट ऊष्मा कहते है। हमने पहले यह तो पढ़ लिया कि ऊष्मा और ताप में क्या अंतर है ? अब हम देखते है कि ऊष्मा और ताप में आपस में क्या सम्बन्ध होता है ?
S = Q/mΔT
Q = msΔT
विशिष्ट ऊष्मा
किसी पदार्थ का तापमान 1 डिग्री सेल्सियस से बढाने या घटाने के लिए इसके इकाई द्रव्यमान द्वारा ली गयी या निकाली गयी ऊष्मा उस पदार्थ की विशिष्ट ऊष्मा कहलाती है।
जब एक वस्तु को गर्म किया जाता है तो यह ऊष्मा ग्रहण करती है। दूसरी तरफ जब वस्तु ठंडी होती है तो ऊष्मा का त्याग करती है। ऊष्मा का ग्रहण या त्याग सीधे समानुपाती होता है।
- वस्तु के द्रव्यमान के अर्थात ΔQ∝ m
- वस्तु के तापमान में गिरावट या चढ़ाव पर अर्थात ΔQ∝ ΔT
अत: ΔQ ∝ mΔT
या
ΔQ = SmΔT
या
dQ = mSdT
या
Q = m ∫SdT
जहाँ S एक नियतांक है जो वस्तु की विशिष्ट ऊष्मा के रूप में जाना जाता है।
अत: विशिष्ट ऊष्मा =
S = Q/mΔT
विशिष्ट ऊष्मा की SI इकाई = जूल/किग्रा-केल्विन
तथा CGS इकाई = कैलोरी/ग्राम-डिग्री सेल्सियस
पानी की विशिष्ट ऊष्मा S = 4200 J/kg0C = 1000 cal/Kg0C = 1 Kcal/Kg0C = 1cal/gm0C
भाप की विशिष्ट ऊष्मा = पानी की विशिष्ट ऊष्मा की आधी होती है = बर्फ की विशिष्ट
प्रश्न : एक किलोग्राम पानी का तापमान 20 डिग्री सेल्सियस से बढाने के लिए कितनी ऊष्मा चाहिए ?
उत्तर : आवश्यक ऊष्मा ΔQ = SmΔθ
= 1 x 20 = 20 Kcal
अत: S = 1 cal/gm0C = 1 Kcal/Kg0C
ठोस की विशिष्ट ऊष्मा ज्ञात करना
यदि किसी कैलोरीमापी में m1 द्रव्यमान का जल θ1 ताप पर हो और कैलोरीमापी का जल तुल्यांक W है। इस कैलोरी मापी में गर्म ठोस जिसका द्रव्यमान m2 और θ2 है , को डाला जाता है। इसके कारण मिश्रण का ताप θ हो जाता है। यदि जल की विशिष्ट ऊष्मा s हो तो
जल और कैलोरीमापी द्वारा अवशोषित ऊष्मा = (m1 + W)s x (θ – θ1)
यदि ठोस की विशिष्ट ऊष्मा s’ हो तो –
ठोस के द्वारा दी गयी ऊष्मा = m2 x s’ x (θ2 – θ)
कैलोरीमापी के सिद्धांत से –
दी गयी ऊष्मा = अवशोषित ऊष्मा
m2 x s’ x (θ2 – θ) = (m1 + W)s x (θ – θ1)
s’ = (m1 + W)s x (θ – θ1)/m2 (θ2 – θ)
इस प्रकार ठोस की विशिष्ट ऊष्मा s’ ज्ञात हो जाती है।