सरल आवर्त गति क्या है , परिभाषा , उदाहरण , सूत्र (simple harmonic motion (SHM) in hindi)

(simple harmonic motion (SHM) in hindi) सरल आवर्त गति क्या है , परिभाषा , उदाहरण , सूत्र : जब कोई कण या पिण्ड अपनी माध्य स्थिति या साम्यावस्था के इधर उधर एक सरल रेखा में गति करता है तो इस प्रकार की गति को सरल आवर्त गति कहते है।
हमने पेंडुलम देखा है , जब हम पेन्डुलम को झुला देते है तो यह गति करना प्रारंभ कर देता है , अब यह लगातार गति करता रहेगा और एक मार्ग का अनुसरण करता हुआ गति करता रहता है , इसलिए पेंडुलम की गति को सरल आवर्त गति का उदाहरण कहा जाता है।
यदि घर्षण का मान शून्य हो तो पेंडुलम हमेशा यह गति करता रहेगा।
अब एक दूसरा उदाहरण लेते है –
चित्रानुसार एक स्प्रिंग लेते है जिसका एक सिरा बाँध देते है –

जब स्प्रिंग पर कोई बाह्य बल कार्य नहीं करता है तब तक यह अपनी साम्यावस्था में कहलाती है।

  • स्प्रिंग के दुसरे सिरे को पकड़ पर खींचने से , हम पाते है की एक बल इसकी विपरीत दिशा में लग रहा है तो स्प्रिंग को साम्यावस्था में ले जाने का प्रयास कर रहा है।
  • अब स्प्रिंग को दबाते है तो हम देखते है की बाहर की तरफ एक बल कार्य करता है जो स्प्रिंग को पुन: साम्यावस्था में ले जाने का प्रयास कर रहा है।
जो बल स्प्रिंग को साम्यावस्था में ले जाने का प्रयास कर रहा है इस बल को प्रत्यानयन बल कहलाता है।
यदि किसी पिण्ड (स्प्रिंग) पर F बल लगाया जाता है जिससे साम्यावस्था से x दूर तक विस्थापन उत्पन्न हो जाता है तो वस्तु पर लगने वाले प्रत्यानयन बल का मान f = – kx होगा। यहाँ ऋणात्मक चिन्ह यह दर्शाता है की यह आरोपित बल के विपरीत दिशा में लगता है।

सरल आवर्त गति की शर्तें

यदि कोई पिण्ड निम्न दो शर्तों को पूरा करता है तो यह गति सरल आवर्त गति होगी –
१. कण या पिण्ड की गति साम्यावस्था के इर्द्ध गिर्द्ध गति होनी चाहिए।
२. पिण्ड पर लगने वाला त्वरण या कोणीय त्वरण का मान माध्य स्थिति से विस्थापन या कोणीय विस्थापन के समानुपाती हो तथा इसकी दिशा मध्यमान स्थिति (साम्यावस्था) की तरफ हो।
अर्थात इसे निम्न सूत्र के रूप में व्यक्त किया जा सकता है –

 

a = F/m = – kx/m = – ω2x
यहाँ k/m = ω2 होगा।
और w उस पिण्ड का कोणीय आवृत्ति है।

सरल आवर्त गति के प्रकार (types of simple harmonic motion (SHM) )

सरल आवर्त गति को दो भागों में बांटा गया है –
१. रेखीय सरल आवर्त गति (linear simple harmonic motion (SHM))
२. कोणीय सरल आवर्त गति (angular simple harmonic motion (SHM))
अब इन दोनों को हम विस्तार से अध्ययन करते है –
१. रेखीय सरल आवर्त गति (liner simple harmonic motion (SHM)) : जब कोई कण या पिण्ड साम्य स्थिति के इधर उधर (इर्द्ध गिर्द्ध) एक सरल रेखा के रूप में आवर्ती गति करता है तो इस प्रकार की गति को रेखीय सरल आवर्त गति कहा जाता है।
उदाहरण : एक स्प्रिंग से जुड़े पिण्ड की गति जैसा चित्र में दर्शाया गया है –
२. कोणीय सरल आवर्त गति (angular simple harmonic motion (SHM)) : जब कोई कण किसी नियत अक्ष के सापेक्ष , कोणीय आवर्त गति करता है तो इस गति को कोणीय सरल आवर्त गति कहते है।
उदाहरण : सरल लोलक की गति , जैसा चित्र में दिखाया गया है –