हिंदी माध्यम नोट्स
Class 6
Hindi social science science maths English
Class 7
Hindi social science science maths English
Class 8
Hindi social science science maths English
Class 9
Hindi social science science Maths English
Class 10
Hindi Social science science Maths English
Class 11
Hindi sociology physics physical education maths english economics geography History
chemistry business studies biology accountancy political science
Class 12
Hindi physics physical education maths english economics
chemistry business studies biology accountancy Political science History sociology
English medium Notes
Class 6
Hindi social science science maths English
Class 7
Hindi social science science maths English
Class 8
Hindi social science science maths English
Class 9
Hindi social science science Maths English
Class 10
Hindi Social science science Maths English
Class 11
Hindi physics physical education maths entrepreneurship english economics
chemistry business studies biology accountancy
Class 12
Hindi physics physical education maths entrepreneurship english economics
chemistry business studies biology accountancy
संसाधनों का वर्गीकरण , संरक्षण एवं पोषणीय विकास , types of resource conservation in hindi
संसाधनों का वर्गीकरण , संरक्षण एवं पोषणीय विकास :
संसाधन : प्रकृति से प्राप्त ऐसे पदार्थ जो मानव के उपयोग में आये या मानव के लिए उपयोगी हो इन्हें ही संसाधन कहते है।
प्रकृति से प्रोधौगिक इससे पदार्थ इससे मानव इनसे ही संसाधन का विकास होता है।
संसाधनों का वर्गीकरण (types of resource conservation in hindi) :
1. उपयोगी सततता के आधार पर –
- नवीनीकरण
- अनवीनीकरण
- चक्रीय
2. उत्पत्ति के आधार पर –
- जैविक
- अजैविक
3. उद्देश्य के आधार पर –
- ऊर्जा
- कच्चा पदार्थ
- खाद्य
उद्देश्य के आधार पर –
(i) ऊर्जा : समाप्त , असमाप्त
समाप्त : जिसको पुनः प्राप्त किया जा सकता है जैसे – लकड़ी , कोयला , खनिज तेल आदि
असमाप्त : जिसको पुनः प्राप्त नहीं किया जा सकता है जैसे – सौर ऊर्जा , पवन ऊर्जा आदि
(ii) कच्चा पदार्थ : कृषि , खनन
कृषि : खेती-बाड़ी , वानिकी , मत्स्य , पशुपालन , संग्रहण , आदि
खनन : धात्विक , अधात्विक
लोह युक्त : लोहा , मैंगनीज
अलौह युक्त : ताम्बा , सीसा-जस्ता , टंगस्तन , एल्युमिनियम
अधात्विक : फास्फोरस , अभ्रक , डोलोमाईट , संगमरमर , वोल्सोनाइट।
(iii) खाद्य : खनिज , वनस्पति , पशुजीव जन्तु।
प्रश्न : संसाधन किसे कहते है ? संसाधनों का वर्गीकरण किन-किन आधार पर करते है व उद्देश्य के आधार पर संसाधनों का वर्गीकरण कर व्याख्या कीजिये।
उत्तर : संसाधन : वे पदार्थ जिन्हें प्रकृति से प्राप्त किया जाता है और इनके उपयोग से मानव अधिक सुविधाजनक हो जाता है , उन्हें ही संसाधनों कहते है।
संसाधनों का वर्गीकरण : इसे तीन प्रकार से वर्गीकृत किया जाता है –
1. उपयोगी सततता
2. उत्पत्ति के आधार पर
3. उद्देश्य के आधार पर
उद्देश्य के आधार पर –
- उर्जा : समाप्त , असमाप्त
- कच्चा माल : कृषि , खनन
- खाद्य : खनिज , वनस्पति , जीव-जंतु आदि
(a) समाप्त – जो पुनः प्राप्त हो सके जैसे लकड़ी , कोयला , खनिज तेल आदि(b) असमाप्त – जो पुनः प्राप्त नहीं हो सके जैसे सौर ऊर्जा , पवन ऊर्जा आदि
(a) कृषि : खेती बाड़ी , वानिकी , मत्स्यन , पशुपालन आदि
(b) खनन : धात्विक , अधात्विक
धात्विक – लौह युक्त जैसे लोहा मैंगनीज और अलौह युक्त जैसे ताम्बा , जस्ता , सीसा , एल्युमिनियम आदि
अधात्विक – फास्फोरस , अभ्रक , गेवोसाईट , संगमरमर आदि
2. उत्पत्ति के आधार पर
जैविक – मानव , पशु , जिव जंतु , वनस्पति , चारागाह आदि
अजैविक – खनिज भूमि , मिटटी पवन , जल , सौर ऊर्जा , ज्वरिय , भूतापीय ऊर्जा आदि
उपयोगी सततता :
नवीनीकरण – असमाप्य
अनवीनीकरण – समाप्य
चक्रीय – चक्र के आधार पर जैसे प्लास्टिक
असमाप्य : सौर ऊर्जा , पवन उर्जा , जल , पशु , मानव आदि
समाप्य : लकड़ी , कोयला , खनिज तेल
संसाधनों का संरक्षण :
संसाधनों का उपयोग मितव्यता से करना – आवश्यकता के अनुरूप
1. परंपरागत स्रोतों के बजाय ऊर्जा के वैकल्पिक स्रोतों का उपयोग करना।
2. ऊर्जा के नवीनीकरण स्रोतों का उपयोग करना।
प्रोद्योगिकी का उपयोग करना।
कृत्रिम वस्तुओ का उपयोग।
उन्नत व परिष्कृत तकनीक का उपयोग।
संसाधनों का बहुउद्देशीय उपयोग।
पोषणीय विकास : पोषणीय विकास का अभिप्राय पर्यावरण के साथ संतुलित विवेकपूर्ण मितव्यता पूर्ण पुनर्भरण क्षमता अनुसार उपयोग से है।
प्रश्न : संसाधनो का संरक्षण किन-किन तरीको से किया जाता है एवं पोषणीय विकास क्या है विवेचना कीजिये।
उत्तर : संसाधनों का संरक्षण –
- जनसंख्या वृद्धि पर प्रभावी नियन्त्रण
- नियोजन में समय दृष्टिकोण
- जैविक संतुलन बनाये रखना
- ऊर्जा के गैर पारम्परिक संसाधनों का अधिक उपयोग
- वैकल्पिक संसाधनों की खोज
- प्राथमिकता के आधार पर उपयोग
- पुनर्चक्रण
- कृत्रिम वस्तुओ का उपयोग
- उन्नत व परिष्कृत तकनीक का उपयोग
- संसाधनों का बहुउद्द्देश्य उपयोग
- जनसंख्या विस्फोट के कारण बढती मानवीय आवश्यकता
- वैज्ञानिक आविष्कारो से औद्योगिकरण , नगरीयकरण एवं परिवर्तन में वृद्धि।
Recent Posts
द्वितीय कोटि के अवकल समीकरण तथा विशिष्ट फलन क्या हैं differential equations of second order and special functions in hindi
अध्याय - द्वितीय कोटि के अवकल समीकरण तथा विशिष्ट फलन (Differential Equations of Second Order…
नियत वेग से गतिशील बिन्दुवत आवेश का विद्युत क्षेत्र ELECTRIC FIELD OF A POINT CHARGE MOVING WITH CONSTANT VELOCITY in hindi
ELECTRIC FIELD OF A POINT CHARGE MOVING WITH CONSTANT VELOCITY in hindi नियत वेग से…
four potential in hindi 4-potential electrodynamics चतुर्विम विभव किसे कहते हैं
चतुर्विम विभव (Four-Potential) हम जानते हैं कि एक निर्देश तंत्र में विद्युत क्षेत्र इसके सापेक्ष…
Relativistic Electrodynamics in hindi आपेक्षिकीय विद्युतगतिकी नोट्स क्या है परिभाषा
आपेक्षिकीय विद्युतगतिकी नोट्स क्या है परिभाषा Relativistic Electrodynamics in hindi ? अध्याय : आपेक्षिकीय विद्युतगतिकी…
pair production in hindi formula definition युग्म उत्पादन किसे कहते हैं परिभाषा सूत्र क्या है लिखिए
युग्म उत्पादन किसे कहते हैं परिभाषा सूत्र क्या है लिखिए pair production in hindi formula…
THRESHOLD REACTION ENERGY in hindi देहली अभिक्रिया ऊर्जा किसे कहते हैं सूत्र क्या है परिभाषा
देहली अभिक्रिया ऊर्जा किसे कहते हैं सूत्र क्या है परिभाषा THRESHOLD REACTION ENERGY in hindi…