रसायन शास्त्र में परमाणु के द्रव्यमान को किसी सन्दर्भ परमाणु के सापेक्ष ज्ञात किया जाता है इसे परमाणु भार कहते है और इसे A.m.u से व्यक्त करते है।
- H2 मानक संदर्भ परमाणु के रूप में : किसी तत्व का परमाणु हाइड्रोजन के एक परमाणु से कितना भारी है।
- O2 मानक सन्दर्भ परमाणु के रूप में : किसी तत्व का परमाणु O2 के एक परमाणु से कितना भारी है।
- कार्बन (C) मानक सन्दर्भ परमाणु के रूप में : किसी तत्व का परमाणु C-12 के एक परमाणु से 1/12 गुना भारी है।
नोट : वर्तमान में C-12 को मानक/संदर्भ परमाणु के रूप में व्यक्त किया जाता है।
आण्विक द्रव्यमान या अणुभार
उत्तर : 20 ग्राम H2SO4 , 100 ग्राम जलीय विलयन में उपस्थित है।
अत: विलेय का भार = 20 ग्राम
विलयन का भार = 100 ग्राम
H2SO4 का अणुभार = 2 + 32 + 64 = 98
घनत्व = द्रव्यमान/आयतन
आयतन = द्रव्यमान/घनत्व
आयतन = (100 gm/ml)/(1.10 gm)
आयतन = 100 ml/1.10 = 90.90 ml
मोलरता = विलेय का ग्राम में भार/ अणु भार x विलयन का आयतन लीटर में
मोलरता = (20 x 1000) / (98 x 90.90)
मोलरता = 2.4 मोल/लीटर
परमाणु , अणु और रासायनिक सूत्र :-
परमाणु : यह तत्व का वह सबसे छोटा कण है जो रासायनिक अभिक्रिया में भाग लेता है और स्वतंत्र अस्तित्व नहीं रखता है , परमाणु कहलाता है।
अणु : यह द्रव्य का वह सबसे छोटा कण है जो स्वतंत्र अस्तित्व रखता है , उसे अणु कहते है।
परमाणु भार : तत्व का एक परमाणु कार्बन-12 के एक परमाणु के भार के 1/12 वें भाग का जितना गुना भारी है वह संख्या उस तत्व का परमाणु भार कहलाता है।
तत्व का परमाणु भार = तत्व के एक परमाणु का भार/(1/12 x C-12 के एक परमाणु का भार)
अणुभार या अणु द्रव्यमान : किसी यौगिक का एक अणु कार्बन-12 के एक परमाणु के भार के 1/12 वें भाग से जितना गुना भारी है। वह संख्या उस तत्व का अणुभार कहलाता है।
अणु भार = तत्व के एक अणु का भार/(1/12 x C-12 के एक परमाणु का भार)
परमाणु भार का निर्धारण
परमाणु भार ड्युलांग और पेटिट विधि द्वारा निर्धारित किया जाता है।
इसके अनुसार “परमाणु भार और विशिष्ट ऊष्मा का गुणनफल लगभग 6.4 होता है। “
परमाणु भार x विशिष्ट ऊष्मा = 6.4 (लगभग)
पद (I) : इस प्रकार परमाणु भार (लगभग) = 6.4/विशिष्ट ऊष्मा
पद (II) : संयोजकता = परमाणु भार (लगभग)/तुल्यांकी भार
पद (III) : सही परमाणु भार = तुल्यांकी भार x संयोजकता
रासायनिक सूत्र : यह दो प्रकार का होता है –
अणुसूत्र : वह रासायनिक सूत्र जो एक अणु में उपस्थित विभिन्न तत्वों के परमाणु का सही अनुपात दर्शाता है , अणुसूत्र कहलाता है।
उदाहरण : बेंजीन का अणु सूत्र “C6H6” है।
मूलानुपाती सूत्र : वह रासायनिक सूत्र जो एक यौगिक में उपस्थित विभिन्न तत्वों के परमाणुओं का सरलतम अनुपात दर्शाता है , मुलानुपाती सूत्र कहलाता है।
उदाहरण : बेंजीन का मुलानुपाती सूत्र ‘CH’ है।
रासायनिक सूत्र का निर्धारण
मूलनुपाती सूत्र का निर्धारण :
पद (I) : प्रत्येक तत्व के प्रतिशत का निर्धारण करना।
पद (II) : मोल अनुपात का निर्धारण करना।
पद (III) : इसे सम्पूर्ण संख्या अनुपात बनाना।
पद (IV) : सरलतम सम्पूर्ण अनुपात ज्ञात करना।
प्रश्न : प्रथम विश्व युद्ध के दौरान उपयोग की गयी जहरीली गैस फास्फिन में भार से 12.1% C , 16.2%O तथा 71.7%Cl उपस्थित है तो फास्फिन का मुलानुपाती सूत्र है ?
- COCl2
- COCl
- CHCl3
C2O2Cl4
उत्तर :
तत्व | प्रतिशत | मोल अनुपात | सरलतम मोल अनुपात |
C | 12.1 | 12.1/12 = 1.01 | 1.01/1.01 = 1 |
O | 16.2 | 16.2/16 = 1.01 | 1.01/1.01 = 1 |
Cl | 71.7 | 71.7/35.5 = 2.02 | 2.02/1.01 = 2 |
अत: COCl2
अणुसूत्र का निर्धारण करना
पद (I) : सबसे पहले मुलानुपाती सूत्र ज्ञात कीजिये।
पद (II) : फिर मूलानुपाती भार ज्ञात कीजिये।
पद (III) : अणु सूत्र = (मुलानुपाती)n
n = अणुभार/मुलानुपाती भार