बहुलकन की परिभाषा क्या है तथा स्रोत , संरचना के आधार पर वर्गीकरण

बहुलकन (polymerization) : जब छोटे – छोटे अणु मिलकर एक वृहद अणु का निर्माण करते है तो इस क्रिया को बहुलकन कहते है।

छोटे छोटे अणुओं को एकलक तथा वृहद अणुओं को बहुलक कहते है।

एकलक के अणुओं की बार बार पुनरावर्ती से बहुलकों का निर्माण होता है बहुलकों का अणुभार 103 से  10तक होता है।

चित्र :

बहुलको का वर्गीकरण :

(A) स्रोत :

स्रोत के आधार पर इन्हें तीन प्रकारों में (बांटा गया ) व्यक्त किया है।

1. प्राकृतिक बहुलक :

ये पेड़- पौधों व जीव जन्तुओ से प्राप्त होते है।

जैसे : स्टार्च , सेलुलोज , न्यूक्लिक अम्ल , प्रोटीन , प्राकृतिक रबर आदि।

2. अर्द्ध संश्लेषित बहुलक :

इन्हें प्राकृतिक बहुलकों पर रासायनिक क्रियाओं से बनाया जाता है।

उदाहरण : सेलुलोज एसिटेट (रेयॉन) , सेलुलोज नाइट्रेट  (गन कॉटन)

3. संश्लेषित बहुलक:

ये मानव निर्मित बहुलक होते है।

उदाहरण : बैकेलाइट , PVC , टेफ्लोन , नाइलोन-6 , नायलॉन 6 , 6

(B)  संरचना :

संरचना के आधार पर इन्हे तीन भागों में बांटा गया है। 

1. रैखिक बहुलक :

इनमे बहुलको के अणुओ की बड़ी व सीधी श्रृंखला होती है , ये श्रृंखला एक दूसरे के ऊपर व्यवस्थित रहती है अतः इनकी तनन सामर्थ व घनत्व अधिक होता है।

उदाहरण : उच्च घनत्व पॉलीथिन , PVC (पॉली वाइनिल क्लोराइड)

2. शाखित शृंखला बहुलक :

बहुलक की बड़ी श्रृंखलाओं के पाश्र्व (पीछे) में एकलक के अणुओं की अन्य शाखायें होती है इनका घनत्व कम होता है।

उदाहरण : निम्न घनत्व पॉलीथिन (LDP)

3. जालक्रम बहुलक या त्रियक बंध बहुलक :

इनमे बहुलक की अणुओ की श्रंखलाओं के मध्य अनेक श्रेतु बंध होते है , इस कारण ये अधिक कठोर होते है , ये दो या दो से अधिक क्रियात्मक समूह वाले एकलक के अणुओ से मिलकर बनते है।

उदाहरण : बैकेलाइट , यूरिया फॉर्मेल्डिहाइड रेजिन मैलेमिन ,