प्लेटो का सद्गुण सिद्धांत क्या है | plato concept of cardinal virtues in hindi
plato concept of cardinal virtues in hindi प्लेटो का सद्गुण सिद्धांत क्या है ?
प्लेटो का सद्गुण सिद्धान्त (Plato’s Concept of Cardinal Virtues)
सुकरात के शिष्य प्लेटो (427- 347 ई.पू.) का न केवल ग्रीक दर्शन में अपितु पाश्चात्य दर्शन में भी एक महत्वपूर्ण स्थान है। प्लेटो के मौलिक सद्गुणों का सिद्धान्त मुख्य रूप से सद्गुण संबंधी उसकी संकल्पना पर आधारित है।
प्लेटो के अनुसार विवेक ही सद्गुण है। न्याय को उसने मौलिक सद्गुण माना है। इसे सभी सद्गुणों की जननी कहा गया है। उसने मानव आत्मा की तीन शक्तियों – बुद्धि, संकल्प-शक्ति तथा संवेदन शक्ति से संबंधित तीन प्रकार के सद्गुणों का उल्लेख किया है। बुद्धि का सद्गुण है सही विचार, संकल्प शक्ति का साहस और संवेदन शक्ति का आत्म नियंत्रण। विवेक विचारता है, संकल्प विवेक की लड़ाई लड़ता है, विवेक की आज्ञाओं का पालन करता है और साहस जुटाकर विवेक के विचारों को पूरा करता है। अतः कोई व्यक्ति साहसी तब होगा जब विवेक की आज्ञाओं का पालन करे। आत्म-नियंत्रित वह होगा जिसका संकल्प और जिसकी वासनाएं बुद्धि का पालन करें। अतः आत्म-नियंत्रण का अर्थ है सुख और वासनाओं को अपने अधीन रखना। जब आत्मा की इन तीनों शक्तियों में सामंजस्य हो और प्रत्येक अपना कार्य करे तो वह व्यक्ति न्यायी कहा जाएगा। इस प्रकार न्याय आत्मा की इन तीनों शक्तियों का सामंजस्य है। न्याय इसलिए सभी सद्गुणों में प्रमुख है और सर्वश्रेष्ठ है। बुद्धिमत्ता मस्तिष्क का कार्य है, साहस हृदय का और आत्मनियंत्रण संवेदन शक्ति का।
प्लेटो ने विश्वात्मा के साथ-साथ मानवात्मा को भी स्वीकार किया है। आत्मा के तीनों पक्षों को क्रमशः संज्ञान, संकल्प और वेदना कहा जाता है जो क्रमशः विवेक, साहस और कर्म से संबंधित है। आत्मा के निम्न तीनों पक्षों के सामंजस्य से न्याय की उत्पत्ति होती है।
ऽ वेदना (Passionate or Appetitive Element, Passions)
ऽ संकल्प (Spiritied or Dynamic & Executive Element, Will)
ऽ संज्ञान (Philosophical or Rational Element, Reason)
इसी प्रकार का जीवन सर्वश्रेष्ठ है। जिसमें मानवात्मा के ये तीनों पक्ष सामंजस्यपूर्ण स्थिति में होते हैं।
प्लेटो के श्रद्धेय सुकरात ने भी सुखवादी नीतिशास्त्र का खंडन करके सद्गुण को सर्वोच्च शुभ के रूप में स्थापित किया था। किन्तु सुकरात ने केवल ज्ञान (विवेक) को ही एकमात्र सद्गुण माना था इसके विपरीत प्लेटो ने किसी एक सद्गुण को एकान्तिक रूप से स्वीकार नहीं किया। प्लेटो के लिए सर्वोच्च शुभ ही सम्पूर्ण जीवन का परम लक्ष्य है। इसी परम लक्ष्य के लिए प्लेटो ने चार मौलिक (आधारभूत) सद्गुणों – विवेक, साहस, आत्म-संयम और न्याय का उल्लेख किया है जिसका आधार शुभत्व (Goodness) है।
ऽ ंिववेक (Wisdom)
ऽ साहस (Courage)
ऽ आत्म-संयम (Temperance)
ऽ न्याय (Justice)
प्लेटो के अनुसार इन्हीं चार सद्गुणों के विकास से व्यक्ति एक शुद्ध नैतिक जीवन प्राप्त करता है। वस्तुतः ये चार मौलिक सद्गुण व्यक्ति और समाज दोनों के ही जीवन का आधार है। अन्य सद्गुण इन्हीं चार सद्गुणों पर आधारित होते हैं। अतः उन्हें सहायक सद्गुण कहा जाता है। प्लेटो के अनुसार समाज या व्यक्ति का आदर्श है सद्गुणी होना और अन्ततः न्यायनिष्ठ होना। अब प्रश्न यह है कि न्याय यदि व्यक्ति का गुण है तो यह आंतरिक होगा। यदि न्याय समाज का गुण हो तो यह एक सामाजिक आदर्श हो जाता है। वस्तुतः प्लेटो ने समाज को व्यक्ति का ही एक बड़ा रूप माना है। व्यक्ति के बिना समाज का अस्तित्व नहीं हो सकता। अतः यदि किसी राज्य के नागरिक अपना-अपना कार्य शुभ समझकर करे, डर या प्रलोभन से नहीं, तो वह समाज न्यायनिष्ठ होगा। यह न्याय का सामाजिक या बाह्य पक्ष है पर यह निर्भर करता है व्यक्ति के न्यायनिष्ठ होने पर। न्याय की प्राप्ति तभी संभव है जब व्यक्ति अपने संवेगों पर नियंत्रण रखे। वस्तुतः संवेगों के नियंत्रण से ही मौलिक सद्गुणों में सामंजस्य संभव है जिससे व्यक्ति तथा समाज दोनों ही स्तर पर नैतिक जीवन संभव है।
हिंदी माध्यम नोट्स
Class 6
Hindi social science science maths English
Class 7
Hindi social science science maths English
Class 8
Hindi social science science maths English
Class 9
Hindi social science science Maths English
Class 10
Hindi Social science science Maths English
Class 11
Hindi sociology physics physical education maths english economics geography History
chemistry business studies biology accountancy political science
Class 12
Hindi physics physical education maths english economics
chemistry business studies biology accountancy Political science History sociology
English medium Notes
Class 6
Hindi social science science maths English
Class 7
Hindi social science science maths English
Class 8
Hindi social science science maths English
Class 9
Hindi social science science Maths English
Class 10
Hindi Social science science Maths English
Class 11
Hindi physics physical education maths entrepreneurship english economics
chemistry business studies biology accountancy
Class 12
Hindi physics physical education maths entrepreneurship english economics
Related Posts
relationship between education and psychology in hindi , शिक्षा और मनोविज्ञान के बीच संबंध क्या है
शिक्षा और मनोविज्ञान के बीच संबंध क्या है relationship between education and psychology in hindi ? शिक्षा व मनोविज्ञान मे सम्बन्ध RELATION OF EDUCATION & PSYCHOLOGY Psychology explains the how…
मनोविज्ञान किसे कहते हैं , Psychology definition in hindi | मनोविज्ञान का अर्थ और परिभाषा क्या है
पढ़िए मनोविज्ञान किसे कहते हैं , Psychology definition in hindi | मनोविज्ञान का अर्थ और परिभाषा क्या है ? मनोविज्ञान का जन्म Birth of Psychology सब्सक्राइब करे youtube चैनल Reyburn …