हमारी app डाउनलोड करे और फ्री में पढाई करे
WhatsApp Group Join Now
Telegram Join Join Now
Download our app now हमारी app डाउनलोड करे

पास्कल का नियम (pascal’s law in hindi) , paskal ka niyam

By   October 16, 2018

(pascal’s law in hindi) पास्कल का नियम : फ्रांस वैज्ञानिक ब्लेस पास्कल ने तरलों (गैस और द्रव ) के लिए एक सिद्धांत दिया जिसे पास्कल का नियम भी कहते है।

पास्कल के अनुसार “जब गुरुत्व नगण्य हो तब पात्र में रखे तरल के किसी एक बिंदु पर यदि दाब में परिवर्तन किया जाए तो यह परिवर्तन द्रव के सभी बिन्दुओं पर तथा पात्र की दीवारों पर समान रूप से संचरित होता है बिना किसी हानि के ”

सब्सक्राइब करे youtube चैनल

यहाँ तरल को स्थिर माना गया है और गुरुत्व को नगण्य माना गया है।

पास्कल के नियम के अनुप्रयोग या उदाहरण : हाइड्रोलिक लिफ्ट , हाईड्रोलिक ब्रेक और हाइड्रोलिक प्रेस आदि। जैसा कि हम जानते है कि दाब का मान (बल/क्षेत्रफल) होता है।

दाब = F/A

पास्कल के नियम के अनुसार एक हाइड्रोलिक सिस्टम में किसी एक पिस्टन पर लगाया गया दाब , इस दाब के कारण प्रथम पिस्टन में जितना परिवर्तन या बढ़ता है उतना ही परिवर्तन इस दाब के कारण दुसरे पिस्टन में देखने को मिलता है।

अर्थात जब एक पिस्टन पर दाब लगाया जाता है तो यह दोनों पिस्टन में समान रूप से परिवर्तन करता है बशर्ते दोनों पिस्टन का क्षेत्रफल समान होना चाहिए।

यदि दुसरे पिस्टन का क्षेत्रफल पहले पिस्टन की तुलना में 10 गुना अधिक हो तो उसी दाब के कारण इस 10 गुना अधिक क्षेत्रफल वाले पिस्टन पर , प्रथम पिस्टन की तुलना में लगने वाला बल 10 गुना अधिक होता है।

इसी सिद्धांत पर तो हाइड्रोलिक सिस्टम कार्य करते है।

पास्कल ने यह भी बताया “किसी स्थिर अवस्था में तरल के किसी बिंदु पर लगाया गया दाब का मान सभी दिशाओं में समान होता है , इसे पास्कल का सिद्धांत या नियम कहते है।