(oxides of nitrogen in hindi) नाइट्रोजन के ऑक्साइड कौन कौनसे है , नाइट्रोजन के ऑक्साइड के सूत्र , संरचना , प्रकार , कार्य : जैसा कि हमने पढ़ा था कि नाइट्रोजन विभिन्न प्रकार के ऑक्साइड बनाती है और ये ऑक्साइड विभिन्न ऑक्सीकरण अवस्था प्रदर्शित करते है , हम यहाँ नाइट्रोजन के विभिन्न प्रकार के ऑक्साइड के बारे में अध्ययन करेंगे।
1. नाइट्रस ऑक्साइड या डाइनाइट्रोजन ऑक्साइड
इसका रासायनिक सूत्र
N2O होता है , नाइट्रस ऑक्साइड या डाइनाइट्रोजन ऑक्साइड को हँसाने वाली गैस भी कहा जाता है , इस ऑक्साइड में नाइट्रोजन (N) परमाणु की ऑक्सीकरण अवस्था +1 होती है। यह ऑक्साइड उदासीन और रंगहीन होता है , यह गैसीय अवस्था में होता है। सामान्यतया इस ऑक्साइड को बनाने के लिए अमोनियम नाइट्रेट को धीरे धीरे करके 240 डिग्री सेल्सियस तक गर्म किया जाता है , यह उदासीन गैस होती है जो सामान्यतया ठंडे जल में घुल जाती है लेकिन गर्म पानी में नही घुलती है या आंशिक रूप से घुलती है।
यह ऑक्साइड उदासीन ऑक्साइड होता है , नाइट्रस ऑक्साइड की रेखीय संरचना होती है और इसकी संकर अनुनाद की दो संरचना होती है , इसमें नाइट्रोजन-नाइट्रोजन (N-N) के मध्य बंध लम्बाई 113 pm होती है और नाइट्रोजन-ऑक्सीजन (N-O) के मध्य बंध लम्बाई 119 pm होती है।
2. नाइट्रोजन मोनोऑक्साइड या नाइट्रिक ऑक्साइड
इस ऑक्साइड का रासायनिक सूत्र NO होता है , नाइट्रिक ऑक्साइड एक रंगहीन गैस होती है इसे पिघलाने पर यह हल्का नीला रंग ग्रहण कर लेती है। यह ऑक्साइड जल में बहुत अधिक विलेयशील होती है अर्थात आसानी से घुलने का गुण रखती है।
यह उदासीन ऑक्साइड की तरह ही होता है , इस ऑक्साइड में नाइट्रोजन
परमाणु की ऑक्सीकरण अवस्था +2 होती है , यह ऑक्साइड रेखीय संरचना में होता है और इसकी दो संकर अनुनादी संरचना होती है।
नाइट्रिक ऑक्साइड में अर्थात नाइट्रोजन मोनो ऑक्साइड में नाइट्रोजन और ऑक्सीजन परमाणुओं के मध्य बंध की लम्बाई लगभग 115 pm होती है , यह बंध लम्बाई द्विबंध और त्रि बंध की लम्बाई के मध्यस्थ लम्बाई होती है।
जब नाइट्राइट लवण का फेरस सल्फेट के साथ अपचयन होता है जो उत्पाद के रूप में हमें नाइट्रिक ऑक्साइड (NO) प्राप्त होता है , इसकी अभिक्रिया निम्न प्रकार होती है –
इस ऑक्साइड में नाइट्रोजन परमाणु पर 5 इलेक्ट्रॉन होते है और ऑक्सीजन परमाणु पर 6 इलेक्ट्रॉन होते है इसलिए इलेक्ट्रॉन की विषम संख्या के कारण NO (नाइट्रिक ऑक्साइड) में एक
इलेक्ट्रॉन अयुग्मित रह जाता है इसलिए नाइट्रिक ऑक्साइड अनुचुम्बकीय होता है।
3. डाइनाइट्रोजन ट्राई ऑक्साइड या नाइट्रोजन सेसक्वाइऑक्साइड
इक ऑक्साइड को रासायनिक सूत्र
N2O3 द्वारा व्यक्त किया जाता है , यह नीले तरल पदार्थ के रूप में पाया जाता है , इसको प्राप्त करने के लिए या बनाने के लिए नाइट्रिक ऑक्साइड और नाइट्रोजन डाइऑक्साइड को मिश्रित करके माइनस
20°C ताप से भी कम ताप पर ठंडा किया जाता है।
इसको प्राप्त करने की विधि निम्न अभिक्रिया द्वारा व्यक्त की जाती है –
इस ऑक्साइड में नाइट्रोजन (N) परमाणु की ऑक्सीकरण अवस्था +3 होती है , यह ऑक्साइड नाइट्रस अम्ल का एक एनहाइड्राइड है जो कि एक प्रकार का अम्ल होता है और इसलिए ही यह ऑक्साइड भी अम्लीय प्रकृति का होता है।
डाइनाइट्रोजन ट्राई ऑक्साइड तलीय आकार (प्लैनेर आकार) का होता है और इस ऑक्साइड द्वारा संकर अनुनाद के दो रूप प्रदर्शित किये जाते है जो निम्न प्रकार है –
यह ऑक्साइड ठोस पदार्थ के रूप में पाया जाता है , डाइनाइट्रोजन ट्राई ऑक्साइड में उपस्थित नाइट्रोजन-नाइट्रोजन (N-N) के मध्य बंध लम्बाई 186 pm होती है तथा नाइट्रोजन-ऑक्सीजन (N-O) के मध्य बन्ध लम्बाई लगभग 114 pm होती है।
नाइट्रोजन डाइऑक्साइड
इस ऑक्साइड का रासायनिक सूत्र NO2 होता है। इसे प्राप्त करने के लिए या बनाने के लिए लेड नाइट्रेट को लगभग 673 केल्विन ताप पर गरम किया जाता है , इसकी अभिक्रिया निम्न प्रकार होती है –
नाइट्रोजन डाइऑक्साइड में नाइट्रोजन (N) परमाणु की ऑक्सीकरण अवस्था +4 होती है , यह सामान्यतया भूरे रंग की गैस के रूप में पायी जाती है। जब यह
ठोस अवस्था में पाया जाता है उस स्थिति में नाइट्रोजन-नाइट्रोजन (N-N) के मध्य बंध लम्बाई लगभग 175 pm होती है तथा नाइट्रोजन-ऑक्सीजन (N-O) के मध्य बंध लम्बाई का मान 120 pm होती है तथा O-N-O के मध्य बन्ध कोण लगभग 135 डिग्री होता है।
इसमें परमाणु संकर अनुनादी संरचना के रूप में पाया जता है , इस ऑक्साइड की अनुनादी संरचना निम्न प्रकार होती है –
यह ऑक्साइड अम्लीय प्रवृति का होता है और
अनुचुम्बकीय होता है।
डाइनट्रोजन पेंटोक्साइड
इस ऑक्साइड को प्राप्त करने के लिए या बनाने के लिए नाइट्रिक अम्ल के साथ फास्फोरस पेंटोक्साइड का निर्जलीकरण किया जाता है , इसकी क्रिया निम्न प्रकार सम्पन्न होती है –
यह रंगहीन ठोस होता है , इस ऑक्साइड में नाइट्रोजन परमाणु (N) की ऑक्सीकरण अवस्था +5 होती है , यह अम्लीय प्रकृति का होता है।