ओल्गा लैडिज़ेनस्काया (Olga Ladyzhenskaya in hindi)

(Olga Ladyzhenskaya in hindi) ओल्गा लैडिज़ेनस्काया : आज गूगल ने अपने डूडल पर जिनको जगह देकर सम्मान दिया है उनका नाम ओल्गा लैडिज़ेनस्काया है जो कि रूस देश के महान गणितज्ञ है , हम आगे उनकी जीवनी के बारे में विस्तार से अध्ययन करेंगे कि आखिर उन्होंने ऐसा क्या काम किया है जिसके कारण आज गूगल ने लगभग पूरी दुनिया के सामने उनको अपने डूडल पर स्थान दिया है।
ओल्गा लैडिज़ेनस्काया एक महिला गणितज्ञ थी जिनका जन्म 7 मार्च 1922 को हुआ था तथा इनकी मृत्यु लगभग 81 साल की उम्र में 12 जनवरी 2004 को हो गयी थी।
आंशिक अवकल समीकरण के क्षेत्र में उन्होंने अद्भुद काम किया था इसके साथ उन्होंने द्रव गतिविज्ञान के क्षेत्र में अपना योगदान दिया।
इसलिए आप देख सकते है कि गूगल डूडल पर जो उनकी फोटो लगायी है उनकी फोटो के बिलकुल नीचे अवकल समीकरण दिया गया है जो कि उनके जन्मदिन पर उनको सच्ची श्रृद्धांजलि है।
इसके साथ ही फोटो में आप देख सकते है कि द्रव गतिकी का चित्र भी google के ‘O’ में दर्शायी गयी है और दुसरे O में उनकी फोटो है इसे आप यहाँ फोटो में देख सकते है –

Navier- स्टोक्स समीकरण के लिए उन्होंने पहली बार परिमित अवकल विधि द्वारा आसानी से हल करके बताया था , यह सोवियत के एक महान गणितज्ञ इवान पेट्रोव्स्की (Ivan Petrovsky) की छात्रा थी जो कि मुख्य रूप से अवकल समीकरण के क्षेत्र में ही कार्य कर रहे थे , गणित के क्षेत्र में और द्रव गतिकी के क्षेत्र में इनके योगदान के लिए उनको सन 2002 में लोमोनोसोव नाम स्वर्ण पदक से सम्मानित किया गया।

ओल्गा लैडिज़ेनस्काया की जीवनी (Olga Ladyzhenskaya biography)

इनके पिता का नाम Aleksandr Ivanovich Ladyzhenskii था और इनका जन्म रूस के Kologriv नाम कस्बे में हुआ था , इनके पिता एक अध्यापक थे और वे गणित पढ़ाते थे।
अगर हम उनकी बेटी की सफलता का श्रेय दे तो उनके बाद उनके पिता को दिया जा सकता है क्यूंकि उनकी रूचि गणित के प्रति जागृत हुई वो उनके पिता के कारण हुई जिन्होंने उनको गणित पढाया और जिससे उनको यह बचपन में ही एहसास हो गया था कि दैनिक जीवन में कई गणना ऐसी होती है जिनको हम गणित की सहायता से आसानी से हल कर सकते है और इसी कारण समस्याओं को गणित की सहायता से हल करने में उनकी रूचि बचपन से ही बन गयी थी।
उनकी माता का नाम Anna Mikhailovna था जो कि एक गृहणी थी , इनका जन्म जिस कस्बे (Kologriv) में हुआ था वह क्षेत्र चारो तरफ से जंगली क्षेत्र से घिरा हुआ था अर्थात वहां आसपास जंगल पड़ते थे जिनमे जानवर रहते थे , ये तीन भाई बहन थे जिनमें से ओल्गा लैडिज़ेनस्काया सबसे बड़ी थी , और इनके पिता की मृत्यु के बाद उनकी माता ने उन्हें संभाला।
जब वह बहुत ही छोटी थी अर्थात लगभग 8 साल की थी तो उनके पिता ने उनको ग्रीष्म अवकास में गणित पढाना शुरू कर दिया था सबसे पहले उन्होंने कुछ ज्यामिति गणित के बारे में पढाया और धीरे धीरे जब उनकी रूचि गणित में बनने लगी तो वह अपने पिता समस्या हल करना सिख गयी और खुद से ही बड़े बड़े सवाल हल कर लेती थी।
उनके पिता उनके जीवन में उत्प्रेरक की तरह कार्य कर रहे थे जो उसके मन में गणित के प्रति रूचि को तेजी के साथ बढ़ा रहे थे।
सोवियत संघ की एक संस्था NKVD द्वारा उनके पिता को सन 1937 में किसी सिससिले में गिरफ्तार किया गया था और उसके बाद उनकी मृत्यु कर दी गयी।
उस समय वह उच्च स्कूल उत्तीर्ण कर चुकी थी लेकिन अपने पिता की मौत के कारण और चूँकि उनके पिता के और उनके परिवार के बहुत लोग दुश्मन थे इसलिए वह सरकारी संस्था Leningrad University में उच्च शिक्षा के लिए प्रवेश नहीं लिया।
बाद में उन्होंने अपने डॉक्टरेट थीसिस प्रस्तुत किये और उन्होंने अपनी डिग्री हासिल की जिसे वह बहुत पहले कर सकती थी लेकिन कई कारणों से नहीं कर पायी।
इसके बाद उनको स्टेकलोव संस्थान में पढ़ाने का मौका मिला जो कि एक बहुत बड़ी संस्था थी और मुख्य रूप से अनुसंधान के लिए कार्यरत था।
उनको Fields Medal , क्लॉस रोथ और रेने थॉम आदि कई सम्मानों के पुरस्कारो द्वारा सम्मानित किया गया।