एम एस एक्सेल क्या होता है | एम. एस. एक्सल किसे कहते है परिभाषा ms excel in hindi definition meaning

ms excel in hindi definition meaning in computer एम एस एक्सेल क्या होता है | एम. एस. एक्सल किसे कहते है परिभाषा ?

एम. एस. एक्सल
माइक्रोसॉफ्ट एक्सल एक इलेक्ट्रॉनिक स्प्रेडशीट है, जो सांख्यिक गणना करने तथा चार्ट बनाने में सहायता करता है। स्प्रेडशीट सांख्यिकी विश्लेषण के लिए एक युक्ति है तथा विश्लेषण क्या कहता है यह बताने के लिए रिपोर्ट और प्रेजेन्टेशन तैयार करता है। जिन लोगों को संख्या का विश्लेषण, रिकॉर्ड तथा व्यवस्थित करने की आवश्यकता होती है, वे लोग स्प्रेडशीट का प्रयोग करते हैं।
स्प्रेडशीट रो तथा कॉलम के हर वर्ग या खाने (बमसस) को एक सेल एड्रेस (ंककतमेेद्ध देता है तथा प्रयोक्ता को सूचना डालने की अनुमति देता है। वर्कशीट में कॉलम वर्टिकली एपीयरपर होते हैं। कॉलम में टेक्स्ट प्रायः लेफ्ट अलाइन होता है। यह सेल एड्रेस का कॉलम तथा रो लेबल है। यह जल्द सांख्यिक गणना करने, वार्षिक या मासिक आँकड़े संग्रहित करने वित्तीय विवरण (statement) तैयार करने के लिए तथा कर (Tax) वर्कशीट तैयार करने इत्यादि के लिए उपयोग होता है। स्प्रेडशीट का एक्सटेन्शन ण्गसे से है।
इलेक्ट्रॉनिक स्प्रेडशीट कम्प्यूटर मेमोरी में तार्किक वर्कशीट है जो कॉलम तथा रो में बँटा है। यह यूटिलिटी सॉफ्टवेयर पैकेज है। एक बार सूत्र (Formula) का निर्धारण करने के बाद गणना स्वतः होती रहती है, तथा परिणाम उपयोगकर्ता को दिखता रहता है। एम एस एक्सल रू वर्क बुक (Work book) चार्टों का संग्रह है। माइक्रोसाफ्ट एक्सल फाइल वर्कबुक के रूप में स्टोर किये जाते हैं। वर्कशीट में सेलों के आयताकार समूह को सेल रेंज कहते हैं।
इलेक्ट्रॉनिक स्प्रेडशीट के उदाहरण निम्नलिखित हैं-
(I) लोटस 1-2-3 (II) Quatrpro
(III) VPP  (IV) MS&Excel …. इत्यादि
MS&Excel आरंभ करना
MS&Excel आरंभ करने के दो तरीके है-
ं1. डेस्कटॉप पर MS&Excel आइकन पर डबल क्लिक करते हैं।
2. Click Start→ Program→ Microsoft ffoice → Microsoft oril ,
सूत्र बनाना
1. उस सेल पर क्लिक करते हैं, जहाँ सूत्र डालना चाहते हैं।
2. = (an equal sign) टाइप करते हैं।
3. फंक्शन बटन fx,पर क्लिक करते हैं।
4. जो भी सूत्र हम डालना चाहते हैं उसका चयन करते हैं तथा स्क्रीन पर मिले निर्देशों का पालन करते है।
5. उदाहरण, =((C10 + C11)/12)+ D18 एक सूत्र है।
सेल में बॉर्डर जोड़ना तथा हाइलाइट करना
1. सर्वप्रथम यह सुनिश्चित करते हैं कि स्वरूपण टूलबार (Formatting Toolbar) दिखाई दे रहा है। यदि नहीं दिखाई दे रहा है तो,
ऽ व्यू (view) पर क्लिक करते हैं।
ऽ टूूलबार का चयन कर फार्मेटिंग का चयन करते हैं । अर्थात् फार्मेटिंग पर क्लिक करते हैं।
2. जिस सेल को हाइलाइट करना है या बॉर्डर डालना है उस सेल को बायाँ क्लिक कर चयन करते हैं।
3. fig. बटन सेल को हाइलाइट करने के लिए चयन करते हैं तथा (fig.) सेल का बॉर्डर देने के लिए चयन करते हैं।
स्प्रेड शीट में चार्ट डालना
1. जिस डेटा का चार्ट बनाना चाहते हैं उन्हें चयनित करते हैं।
2. Insert पर क्लिक करते हैं, फिर प्राप्त ड्रॉप डाउन मेन्यू से चार्ट विकल्प का चयन करते हैं।
3. चार्ट विजार्ड विन्डो से जिस प्रकार के चार्ट की आवश्यकता होती है उसका चयन करते हैं।
4. डेटा के रेंज (Range) में परिवर्तन अगर चाहिए तो परिवर्तन कर पुष्टि करते हैं।
5. चार्ट विकल्पों को अपडेट करते हैं।
6. चार्ट को वर्तमान वर्कशीट में या नये वर्कशीट में रखना है यह चयन करते हैं।
एम एस-पावर प्वाइंट
यह माइक्रोसॉफ्ट द्वारा विकसित, एम एस ऑफिस का एक भाग है। यह प्रस्तुतिकरण तथा स्लाइड शो (Presentation and slide show) को तैयार करने के लिए शक्तिशाली उपकरण है।
पावर प्वाइंट के उपयोग
1. व्यवसाय अनुप्रयोग प्रस्तुतीकरण का स्लाइड तैयार करना।
2. एनिमेशन के द्वारा ग्राफिकल चीजों को तैयार करना।
3. सामान्य उपयोग के लिए आर्ट गैलरी के द्वारा कलात्मक स्लाइड तैयार करना।
4. व्यवसाय जगत में ट्रेनिंग देने के लिए।
एम एस-पावर प्वाइंट आरंभ करना
MS-पावर प्वाइंट आरंभ करने के दो तरीके हैं-
1. डेस्कटॉप पर उपस्थित MS-पावर प्वाइंट आइकॉन पर डबल क्लिक करते हैं।
2. दूसरी विधि में-
Click Start→ Program→MS Power Point
नई प्रस्तुति बनाना
नई प्रस्तुति को कई तरह से बनाया जा सकता है-
1. ऑटो कन्टेन्ट विजार्ड: यह सामग्री (Content), उद्देश्य Purpose), शैली (Style), डिजाइन तथा आउटपुट के बारे में जानकारी देते हुए नई प्रस्तुति बनाता है। नई प्रस्तुति में नमूने के तौर पर टेक्स्ट होते हैं, जिन्हें हम अपनी सूचना प्रतिस्थापित कर सकते हैं। केवल एम एस पावर प्वाइंट द्वारा दिये गये निर्देशों का पालन होता है।
2. डिजाइन टेम्पलेट: माइक्रोसॉफ्ट द्वारा प्रदत्त पावर टेम्पलेट के आधार पर नई प्रस्तुति बनाता है।
3. रिक्त प्रस्तुति: टेक्स्ट और रंग के डिफाल्ट सेटिंग रिक्त प्रस्तुति तैयार करता है।
हमारे रिक्त प्रस्तुति चयन करने के बाद प्रथम स्लाइड के लेआउट चयन करने के लिए विंडो आता है।
पूर्व डिजाइन स्लाइड लेआउट निम्नलिखित हैं–
 शीर्षक स्लाइड
 बुलेटेड सूची
 दो कॉलम टेक्स्ट
 टेबल
 टेक्स्ट और चार्ट
 चार्ट और टेक्स्ट
 संगठनात्मक चार्ट
 चार्ट टेक्स्ट और क्लिप आर्ट
 क्लिप आर्ट और टेक्स्ट
 केवल शीर्षक
 रिक्त स्लाइड
1. रिक्त प्रस्तुति के दायें तरफ पैनल पर क्लिक करते हैं।
2. दाहिने पैनल के आइकॉन पर क्लिक कर बॉक्स में देखते हैं कि जो प्रस्तुति हम चाहते हैं वह है या नहीं।
3. बॉक्स में क्लिक करने पर स्लाइड प्रयोग में आ जाता है या Down arrow पर क्लिक कर चयनित स्लाइड को ।चचसल विकल्प का चयन करते हैं।
एम एस-एक्सेस
परिचय
माइक्रोसॉफ्ट एक्सेस डेटाबेस बनाने तथा प्रबंधन के लिए शक्तिशाली प्रोग्राम है। इनमें डेटा को देखने तथा निर्माण में सहायता करने के लिए कई सुविधाएँ हैं।
सर्वप्रथम हमें यह पता होना चाहिए कि MS-एक्सेस का डेटाबेस को तोड़ने में कैसे उपयोग होता है।
डेटाबेस फाइल: यह मुख्य फाइल है जो संपूर्ण डेटाबेस है तथा हार्ड ड्राइव या फ्लॉपी डिस्क में सुरक्षित है। जैसे- Student database- mdb.
टेबल: रिलेशनल डेटाबेस में टेबल एक डाटा स्ट्रक्चर है जो सूचनाओं को कॉलम तथा रो में व्यवस्थित करता है। यह एक विशिष्ट विषय (Specific Topic) के डेटा का संग्रह है। एक डेटाबेस में कई टेबल हो सकते हैं। टेबल डेटा को रो (Rows) तथा कॉलम (Fields) में व्यवस्थित करता है जैसे- (1) छात्र, (2) शिक्षक
फील्डः एक टेबल में फील्ड की विभिन्न श्रेणियाँ हैं । जैसे- (1) छात्र Last Name, (2) छात्र First Name
डेटा टाइप: यह हर फील्ड का गुण है। एक फील्ड एक ही डेटा टाइप के हो सकते हैं। जैसे- फील्ड-छात्र (Last Name), डाटा टाइप-टेक्स्ट
कुछ महत्त्वपूर्ण शब्दावलीः
1. प्राथमिक की: एक या अधिक फील्ड (कॉलम) जिसका मान (value) अनके हर रिकॉर्ड को विशिष्ट पहचान (Unique Identifier) देता हैय प्राथमिक Key कहलाता ही प्राथमिक Key के रूप में Null मान की अनुमति नहीं है, ये हमेशा विशिष्ट मान (unique value) होनी चाहिए। प्राथमिक Key एक टेबल को दूसरे टेबल में विदेशी (foreign) Key से जोड़ने में उपयोग किया जाता है।
2. रिलेशनशीप: जब डै-एक्सेस डेटाबेस में हम कई टेबल बनाते हैं तो उन सभी को वापस एक साथ उपयोग करने के लिए उनके बीच रिश्तों को बनाना होता है। जब हम यह कर लेते हैं तो हम क्वेरीज (Queries), फार्म (Form) तथा कई टेबल के बीच सूचना प्रदर्शित करने के लिए रिपोर्ट तैयार कर सकते हैं।
रिलेनशनशीप की फील्ड (दोनों टेबल में एक नाम का फील्ड) में डेटा मेल (Matching) के द्वारा काम करता है। ज्यादातर मामलों में ये मैचिंग फील्ड एक टेबल में प्राथमिक Key दूसरे टेबल में विदेशी की (Foreign Key) होते हैं।
3. फॉर्म: फॉर्म टेबल का एक ग्राफिकल प्रस्तुति है। फॉर्म के द्वारा हम टेबल में रिकार्ड को जोड़ सकते हैं, मिटा तथा अपडेट कर सकते हैं। फार्म का नाम टेबल से भिन्न हो सकता है पर दोनों एक ही सूचना या डेटा का उपयोग करते हैं। अर्थात् फार्म के रिकॉर्ड में परिवर्तन करने पर टेबल में भी परिवर्तन हो जायेगा।
4. रिपोर्ट: रिपोर्ट प्रिन्टेड रूप में डेटा को प्रस्तुत करने का कारगर तरीका है।
कारपाट में सब कुछ के स्वरूप तथा आकार पर नियंत्रण रख सकते हैं। सूचना को जिस तरह से देखना चाहें प्रदर्शित कर सकते हैं। 5. फील्ड: किसी रिकॉर्ड या टेबल में हर कॉलम के अन्तर्गत डाटा को फील्ड कहते
मारक, अल्फा न्यूमेरिक तथा कैरेक्टर आदि प्रकार का हो सकता है । जैसे- किसी भी पता रिकॉर्ड में नाम फ्लैट नम्बर, गली नम्बर, शहर का नाम, पिन नम्बर आदि एक-एक फिल्ड है।
6. रिकॉर्ड: टेबल में किसी भी एक रो के डेटा को एक रिकॉर्ड कहते हैं। यह संबंधित डेटा का समूह है। जैसे- किसी का पता एक रिकॉर्ड है तथा उसके अन्तर्गत नाम, शहर का नाम, पिन नम्बर आदि फील्ड है। यह टेबल के अन्तर्गत सभी फिल्ड का समूह है।
7. फाइल: लॉजिकल रिकॉर्ड के समूह को फाइल कहते हैं। यह एक यूनिट के रूप में संचित सुचनाओं का समह है। जैसे- कर्मचारियों का पता, विद्यार्थियों के परीक्षा परिणाम आदि। सचित फाइलों के समूह को डायरेक्टरी कहते हैं।
8. डेटा डिक्सनरी: इनमें डेटाबेस का प्रत्यक्ष डेटा नहीं रहता है बल्कि डेटा फाइलों की सूची रहती है। बिना डेटा डिक्सनरी के डेटाबेस मैनेजमेंट सिस्टम डेटाबेस से डेटा प्राप्त नहीं कर सकता है।
9. डेटाबेस: रिलेटेड फाइलों गे संग्रह को डाटाबेस कहते हैं।
10. डायरेक्टरी: कम्प्यूटर में संग्रहित फाइलों की सूची को डायरेक्टरी कहते हैं। इसके अन्दर की डायरेक्टरी को सबडायरेक्टरी कहते हैं।