संक्रमण तत्वों के चुंबकीय गुण , उपसहसंयोजक यौगिक , रंग व्याख्या 

संक्रमण तत्वों की :

चुंबकीय गुण :

वे परमाणु या आयन जिनमे अयुग्मित इलेक्ट्रॉन होते है वे अनुचुंबकिय कहलाते है।

परन्तु वे परमाणु या आयन जिनमे सभी इलेक्ट्रॉन युग्मित होते है वे प्रतिचुंबकिय कहलाते है।

चुंबकीय गुणों की व्याख्या चुंबकीय आघूर्ण से करते है चुंबकीय आघूर्ण को u से प्रदर्शित करते है इनका मान सूत्र द्वारा ज्ञात किया जाता है।

U = √(n(n+2)) B.M

यहाँ n = अयुग्मित इलेक्ट्रॉन की संख्या है।

चुंबकीय आघूर्ण की इकाई बोर मैग्नेटोन (B .M ) होती है।

वे यौगिक जिनका चुंबकीय आघूर्ण शून्य होता है वे प्रतिचुंबकिय है।

प्रश्न 1 : Ni2+ , Cr3+ का चुंबकीय आघूर्ण ज्ञात कीजिये।

उत्तर : 28Ni = [Ar] 3d8 4S2

Ni2+ = [Ar] 3d8 4S0

यहाँ n = 2

अतः U = √(n(n+2)) B.M

U = √ 2(2+2)

U = √ 8 B.M

24Cr = [Ar] 3d5 4S1

Cr3+ = [Ar] 3d3 4S0

यहाँ n = 3

अतः U = √(n(n+2)) B.M 

U = √3(3+2)

U =  √15 B.M

उपसहसंयोजक यौगिक :

अधिकतर संक्रमण तत्व संकुल यौगिक बनाते है क्योंकि

  1. इनके (n -1)d , nS , nP कक्षको के मध्य ऊर्जा का अंतर कम होता है इनके खाली कक्षक आपस में मिलकर खाली संकर कक्षक बनाते है।

जिनमे लिगेंड अपने lone pair of electron त्यागते है जिससे संकुल यौगिक बनते है।  इन पर आवेश घनत्व अधिक होता है जिससे ये लिगेंड को अपनी ओर आकर्षित करते है।

ये परिवर्तित ऑक्सीकरण अवस्था प्रदर्शित करते है जिससे ये समान प्रकार के लिगेंड से मिलकर अलग अलग प्रकार के संकुल यौगिक बनाते है।

रंग :

अधिकतर संक्रमण तत्व या आयन जिनमे अयुग्मित इलेक्ट्रॉन होते है वे रंगीन होते है जैसे Ti3+ , V3+ , Cr3+ , Mn3+ , Fe3+ , Ni2+ , Cu2+ etc.

व्याख्या 

वे संक्रमण तत्व या आयन जिनमे अयुग्मित इलेक्ट्रॉन होते है , वे सूर्य के प्रकाश के दृश्य क्षेत्र में विकिरणों को अवशोषित कर लेते है।

जिससे इलेक्ट्रॉन t2g कक्षक से eg कक्षक में चले जाते है अर्थात d-d संक्रमण होता है।  अतः ये रंगीन होते है।

वे संक्रमण तत्व या आयन जिनमे सभी इलेक्ट्रॉन होते है वे रंगहीन होते है क्योंकि ये दृश्य क्षेत्र से विकिरणों को अवशोषित नहीं करते अर्थात d-d संक्रमण नहीं होता है। उदाहरण : Sc3+ , Ti4+ , Cu+1 , Zn2+ आदि