लिगेण्ड की परिभाषा क्या है , लिगेंड के प्रकार (ligands in hindi in chemistry)

(ligands in hindi in chemistry) लिगेण्ड की परिभाषा क्या है , लिगेंड के प्रकार : लिगैण्ड एक प्रकार का आयन या अणु होता है जो केंद्र धातु परमाणु से जुड़कर उपसहसंयोजन सत्ता या जटिल का निर्माण करता है।
लिगेंड को परमाणु या परमाणु का समूह कहा जाता है जिसकी इलेक्ट्रॉन त्यागने की प्रवृति होती है और यह केन्द्रित धातु से जुड़कर जटिल यौगिक का निर्माण करता है यहाँ केन्द्रित धातु परमाणु लिगेंड द्वारा त्यागे गए इलेक्ट्रॉन को ग्रहण करता है।
कोई भी लिगेण्ड उदासीन या ऋणात्मक आवेशित हो सकता है यह इस पर उपस्थित एकांकी इलेक्ट्रॉन पर निर्भर करता है , याद रखिये जल भी एक सामान्य लिगेंड होता है , जल पर दो एकांकी इलेक्ट्रॉन उपस्थित होते है और इसकी संरचना निम्न प्रकार होती है –

चूँकि लिगेण्ड इलेक्ट्रॉन त्यागने की प्रवृति रखता है इसलिए लिगेण्ड में वह परमाणु जो इलेक्ट्रॉन देता है उसे दाता परमाणु कहते है।
लिगेण्ड अपने एकांकी इलेक्ट्रॉन के देकर केंद्र धातु परमाणु के साथ उपसहसंयोजन बन्ध द्वारा जुड़ा रहते है जैसे जल में केंद्र धातु परमाणु या आयन के साथ बंध बनाने के लिए जल दोनों इलेक्ट्रॉन दे देता है।
माना एक लिगेंड L है जो एक एकांकी इलेक्ट्रॉन त्यागकर धातु M परमाणु के साथ बंध बनाता है तो इसे निम्न प्रकार दर्शाया जा सकता है –
L→M

लिगेण्ड के प्रकार (types of ligands)

किसी भी लिगेंड में दाता परमाणुओं की संख्या के आधार पर ये कई प्रकार के होते है जिनका अध्ययन हम यहाँ करेंगे –
1. एकल दंतुक लिगेण्ड : वह लिगेण्ड जिसमें केवल एक दाता परमाणु उपस्थित होता है अर्थात यह केवल एक एकांकी इलेक्ट्रॉन युग्म त्यागने की प्रवृति रखता है उसे एकल दंतुक लिगेण्ड कहते है।
एकल दंतुक लिगेंड के CNF, Cl, Br, I आदि उदाहरण है।
 अत: हम कह सकते है कि इस प्रकार के लिगेंड में केवल एक परमाणु केंद्र धातु परमाणु के साथ बंध बनाता है।
एकल दंतुक लिगेंड को भी तीन भागों में बांटा गया है –
  • उदासीन एकदंतुक लिगैण्ड
  • ऋणात्मक एक दंतुक लिगेंड
  • धनात्मक एकदंतुक लिगेण्ड
उदासीन एकदंतुक लिगैण्ड : वे लिगेंड जिन पर किसी प्रकार का कोई आवेश उपस्थित नहीं होता है उसे उदासीन एक दंतुक लिगेण्ड कहते है। H2और NH3 इसके उदाहरण है , H20 में  दाता परमाणु ऑक्सीजन होता है अर्थात इसमें ऑक्सीजन परमाणु धातु परमाणु बंध द्वारा जुड़ा रहता है तथा NH3 में दाता परमाणु N (नाइट्रोजन) होता है अत: इसमें N परमाणु केन्द्रित धातु परमाणु से जुड़ा हुआ रहता है।
ऋणात्मक एक दंतुक लिगेंड : वे लिगेंड जिनका नाम ‘O’ से समाप्त होता है तथा जिन पर ऋणात्मक आवेश होता है उन्हें ऋणात्मक एक दंतुक लिगेंड कहते है। जैसे F, Cl, Br, I आदि इसके उदाहरण है।
धनात्मक एकदंतुक लिगेण्ड : वे लिगेंड जिन पर एक धनावेश होता है और इनका नाम ‘इयम’ से समाप्त होता है इन्हें धनात्मक एकदंतुक लिगेण्ड कहा जाता है जैसे NO2+ आदि धनात्मक एकदंतुक लिगेण्ड के उदाहरण है।
2. द्विदंतुक लिगेण्ड (Bidentate Ligands) : वह लिगेंड जिसमें केंद्र धातु परमाणु या आयन से दो परमाणु बंध बनाने में समर्थ होते है उसे द्वि दंतुक लिगेंड कहते है अर्थात इस लिगेण्ड में दो दाता परमाणु उपस्थित रहते है , एथेन-1,2- डायएमीन आदि द्विदंतुक लिगेण्ड के उदाहरण है इसकी संरचना निम्न प्रकार होती है –
इस लिगेंड में दोनों नाइट्रोजन इलेक्ट्रॉन दाता की तरह कार्य करते है जो केंद्र धातु परमाणु या आयन से जुड़े हुए रहते है।
इसके अलावा एसिटाइल एसिटोनेट आयन और ऑक्सालेट आयन भी द्वि दंतुक लिगेंड के उदाहरण है।
3. त्रिदंतुक लिगेण्ड (Tridentate Ligands) : वह लिगेंड जिसमें तीन परमाणु , केंद्र परमाणु या आयन के साथ बंध बनाने में समर्थ होते है , अर्थात इन लिगेंड़ो में तीन दाता परमाणु उपस्थित रहते है और ज़इसलिए इसे त्रिदंतुक लिगेण्ड कहते है।
ये लिगेंड तीन इलेक्ट्रॉन युग्म देते है।
4. चतु: दंतुक लिगेण्ड (tetradentate ligands) : वे लिगेंड जिसमे चार परमाणु , केंद्र धातु परमाणु या आयन से बन्ध बनाने में समर्थ होते है , इस प्रकार के लिगेंड में चार दाता परमाणु होते है , अर्थात यह लिगेंड चार इलेक्ट्रॉन युग्म त्यागने की प्रवृति रखता है।
5. पञ्च दन्तुक लिगेंड : वह लिगेंड जिसमें पांच परमाणु , केंद्र धातु परमाणु या आयन से बंध द्वारा जुड़ने की प्रवृति रखते है , अर्थात ये लिगेंड पाँच दाता परमाणु रखते है ,  इस प्रकार के लिगेंड पांच इलेक्ट्रॉन युग्म त्यागने की प्रवृत्ति रखते है।
6. हेक्सा दंतुक लिगेण्ड : इस लिगेण्ड में छ: दाता परमाणु उपस्थित रहते है , इन लिगेंड में छ: परमाणु , केन्द्रित धातु परमाणु या आयन  जुडे हुए रहते है अर्थात इनमे छ: इलेक्ट्रॉन युग्म त्यागने की प्रवृत्ति होती है।