गुप्त ऊष्मा क्या है , परिभाषा , उदाहरण , सूत्र (latent heat in hindi) , मात्रक , गलन , वाष्प , वाष्पन

(latent heat in hindi) गुप्त ऊष्मा क्या है , परिभाषा , उदाहरण , सूत्र : किसी भी पदार्थ द्वारा अवस्था परिवर्तन में ऊष्मा का अवशोषण या उत्सर्जन का मान गुप्त ऊष्मा कहलाती है।
इसे निम्न प्रकार विस्तार से समझ सकते है –
जब कोई पदार्थ अपनी अवस्था परिवर्तित करता है अर्थात ठोस से द्रव में बदलता है या द्रव से गैस में बदलता है तो इस अवस्था परिवर्तन के लिए पदार्थ को ऊर्जा की आवश्यकता होती है , यह ऊर्जा पदार्थ के कणों के मध्य बने बन्धो में संरक्षित स्थितिज ऊर्जा द्वारा प्राप्त होती है।
माना हमारे पास कोई ठोस था जिसे हमने गर्म किया और इसकी अवस्था निम्न प्रकार परिवर्तित होती है जैसा चित्र में दिखाया गया है –

अवस्था परिवर्तन अर्थात ग्राफ की व्याख्या : सबसे पहले बिंदु A पर पदार्थ ठोस अवस्था में था जिसे हमने गर्म किया अर्थात ऊष्मा दी ताकि इसे गलन बिंदु तक लाया जा सके , बिंदु B तक यह पदार्थ ठोस अवस्था में ही रहता है , लेकिन इसके बाद भी यदि पदार्थ को गर्म किया जाता है तो यह द्रव में परिवर्तित होना शुरू हो जाता है और बिंदु C प्राप्त हो जाता है , अब इसे और गर्म करते रहे तो बिंदु D तक यह द्रव अवस्था में रहेगा इसके बाद गैस अवस्था में परिवर्तित होना शुरू हो जाता है , अत: पदार्थ ठोस से अपनी अवस्था परिवर्तित करता हुआ गैस में बदल जाता है इसे ही पदार्थ का अवस्था परिवर्तन कहते है।
गुप्त ऊष्मा की परिभाषा : हमने ऊपर पदार्थ के अवस्था परिवर्तन के बारे में पढ़ा जिसमे हम देख सकते है की पदार्थ अपनी अवस्था परिवर्तित करता है लेकिन इसमें इसे कुछ ऊष्मा की आवश्यकता होती है उसे ही गुप्त ऊष्मा कहते है।
“स्थित ताप पर किसी पदार्थ के एकांक द्रव्यमान की अवस्था में परिवर्तन करने के लिए दी गयी मुक्त ऊष्मा , अवस्था परिवर्तन की गुप्त ऊष्मा कहलाती है। ” यह ऊष्मा पदार्थ को इसके अणुओं के मध्य बने बन्ध में उपस्थित स्थितिज ऊर्जा द्वारा प्राप्त होती है।
माना किसी पदार्थ जिसका द्रव्यमान m है उसकी अवस्था परिवर्तित हो रही है , इस अवस्था परिवर्तन में दी गयी ऊष्मा या मुक्त ऊष्मा का मान निम्न सूत्र द्वारा दिया जाता है –
Q = mL
गुप्त ऊष्मा एक अदिश रही है और इसका SI मात्रक ‘जूल/किग्रा’ होता है इसके अलावा इसके अन्य मात्रक भी होते है जैसे ‘कैलोरी/ग्राम’ अथवा ‘किलो कैलोरी /किग्रा’

गलन की गुप्त ऊष्मा

जब किसी ठोस को गर्म किया जाता है तो गलन बिंदु के बाद यह ठोस से द्रव में परिवर्तित होना शुरू हो जाता है अर्थात ठोस से द्रव में अवस्था परिवर्तन होता है , किसी ठोस का द्रव अवस्था में परिवर्तन में आवश्यक ऊष्मा को गलन गुप्त ऊष्मा कहते है।

वाष्पन की गुप्त ऊष्मा

जब किसी द्रव को गर्म किया जाता है तो वाष्पन बिंदु के बाद , इसका वाष्पीकरण शुरू हो जाता है अर्थात द्रव गैस में परिवर्तित होना शुरू हो जाता है अर्थात द्रव , गैस अवस्था में अपनी अवस्था परिवर्तित करता है , द्रव द्वारा वाष्प अर्थात वाष्पन में अवस्था परिवर्तन में आवश्यक ऊष्मा को वाष्पन की गुप्त ऊष्मा कहते है।