हमारी app डाउनलोड करे और फ्री में पढाई करे
WhatsApp Group Join Now
Telegram Join Join Now
Download our app now हमारी app डाउनलोड करे

ड्यूलौंग और पेटिट का नियम क्या है , सूत्र , उदाहरण (dulong petit law in hindi) डुलोंग पेटिट कानून

By   October 6, 2018

(dulong petit law in hindi) ड्यूलौंग और पेटिट का नियम क्या है , सूत्र , उदाहरण ,  डुलोंग पेटिट कानून : इस नियम के अनुसार कमरे के ताप पर प्रत्येक धातु की मोलर विशिष्ट ऊष्मा का मान नियत रहता है।

कमरे के ताप पर धातु की मोलर विशिष्ट ऊष्मा का मान 3R के बराबर होता है जिसका मान 6 कैलोरी/मोल केल्विन अर्थात 25 जूल/मोल- केल्विन होता है। इस नियम को ड्यूलौंग और पेटिट का नियम कहते है।

सब्सक्राइब करे youtube चैनल

हमने देखा की धातु के लिए कमरे के ताप पर मोलर विशिष्ट ऊष्मा का मान 3R के बराबर होता है यहाँ R एक मोल गैस के लिए स्थिरांक होता है।

इसे एक उदाहरण द्वारा समझने की कोशिश करते है , जैसा की हम जानते है कि कॉपर के लिए विशिष्ट ऊष्मा का मान 0.093 cal/gm K होता है। तथा लेड के लिए विशिष्ट ऊष्मा का मान0.031 cal/gm K(.13 J/gm K) होता है , क्या आपने सोचा है कि दोनों में इतना अंतर क्यों होता है जबकि दोनों ही धातु है।

दोनों में यह इतना अंतर इसलिए मिल रहा है क्योंकि हम यहाँ हम इन्हें ऊर्जा प्रति इकाई द्रव्यमान में व्यक्त कर रहे है , यदि हम हम यहाँ इन्हें ऊर्जा प्रति मोल में व्यक्त करे तो दोनों का मान समान प्राप्त होता है।

धातुओं के मोलर विशिष्ट ऊष्मा के इस समानता को ही तो ड्यूलौंग और पेटिट का नियम बताता है।

यह नियम 1819 में फ्रांस के रसायनज्ञ पियरे-लुइस डुलोंग तथा फ़्रांस के भौतिकवाद एलेक्सिस-थेरेसे पेटिट द्वारा अपने प्रयोगों के आधार पर यह नियम दिया गया था।

यह नियम उन्होंने तब दिया जब डाल्टन ने परमाण्विक भार के बारे में बताया , परमाण्विक भार जानने के बाद ड्युलोंग तथा पेटिट ने अलग ठोस धातुओं के लिए प्रति द्रव्यमान विशिष्ट ऊष्मा का मान ज्ञात किया और इसमें उसी ठोस धातु के परमाणु भार का भाग दे दिया तो उन्होंने पाया कि प्रत्येक धातु के लिए यह मान समान आता है अर्थात नियत प्राप्त होता है और उन्होंने इस नियत मान को 3R द्वारा व्यक्त किया , इसी नियम को हम ड्यूलौंग और पेटिट का नियम कहते है।