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रासायनिक गुण सामान होते है इस तरह के यौगिक समजातीय श्रेणी में आते है
एक समजातीय श्रेणी बनाते हैं।
(CH3OH) , एथेनॉल (C2H5OH), पैन्टेनॉल (C5H11OH) इस तरह के सारे यौगिक एल्कोहल की
श्रेणी में आते है इस्लिये यह समजातीय श्रेणी में आते है
के सारे यौगिक एल्डिहाइड
श्रेणी में आते है इस्सलिये यह समजातीय श्रेणी में आते है
अम्ल HCOOH, एथेनोइक अम्ल CH3COOH इस तरह के सारे यौगिक कार्बोक्सिलिक अम्ल श्रेणी में आते है इस्सलिये यह समजातीय श्रेणी
में आते है
समजातीय
श्रेणी के
प्रत्येक सदस्य का अपने पहले वाले सदस्य से –CH2 का अंतर होता है।
C2H6 तथा C3H8 इनमें एक CH2– इकाई का अंतर है
C2H5OH तथा C3H5OH इनमें एक CH2– इकाई
का अंतर है
समजातीय श्रेणी के
प्रत्येक सदस्य का अपने पहले वाले सदस्य से परमाणु भार में 14 u का अंतर होता है।
C2H5OH का
परमाणु भार = 2*12 + (1 x5) + 16 + 1 = 45
तथा C3H5OH का
परमाणु भार = (12 x 3) + (1 x 5) + 16 + 1 = 58
अत: इनके परमाणु भारों में
अंतर = 58– 45 = 14 u
होने के बावजूद उनकी सरचना अलग अलग होती है इतने सारे कार्बन यौगिको का नामकरण करना आवश्यक होते है ।
लिए तरह तरह की विधि अपनाई जाती है जिनमे IUPAC (इंटरनेशनल युनियन ऑफ प्योर
एंड अप्लायड केमेष्ट्री) विधि अपनाई जाती है ।
परमाणुओं की संख्या के आधार पर यौगिक का नामकरण करेंगे।
के नाम से जाना जाता है ।
के नाम से जाना जाता है ।
अनुलग्न के साथ यौगिक के नाम में लिखा जाता है।
लिए पूर्वलग्न या अनुलग्न निर्धारित होता है।
हैलो समूह
के लिए ही केवल पूर्वलग्न का उपयोग कार्बन यौगिको के साथ किया जाता है
1. –Cl क्लोराईड
के लिये कार्बन यौगिक के नाम के आगे
पूर्वलग्न क्लोरो (chloro ) को जोड़ा जाता है ।
2.-Br ब्रोमाईड
के लिये कार्बन यौगिक के नाम के आगे
पूर्वलग्न ब्रोमो (bromo ) को जोड़ा जाता है ।
3.-I आयोडाइड के लिये कार्बन यौगिक के नाम के आगे पूर्वलग्न आयोड़ो (Iodo ) को जोड़ा जाता है ।
क्लोरो +अल्केन = क्लोरो अल्केन
कार्बन के परमाणु की संख्या
= 1
यौगिक का मूल नाम ‘मेथेन (Methane)’ होगा।
हुआ है अत: यौगिक के मूल नाम में “क्लोरो” जोड़ा जाता है।
का IUPAC नाम ‘क्लोरो मेथेन’ होगा।
C3H7Br का नामकरण
कार्बन के परमाणुओं की संख्या
=3
दिये गये यौगिक का मूल नाम ‘प्रोपेन‘ होगा।
इस यौगिक में –Br (Bromide) प्रकार्यात्मक समूह के रूप में जुड़ा
हुआ है, अत: इस यौगिक के मूल नाम में ब्रोमो जुडा
रहता है ।
दिये गये यौगिक का IUPAC नाम ‘ब्रोमोप्रोपेन ‘ होगा।
यदि यौगिक में [alcohol (– OH)] ग्रुप हो तो मूल नाम में ‘प्रत्यय’ “ol” जोड़ा जाता है।
+ ऑल = अल्केनॉल
C2H5OH का IUPAC नामकरण
कार्बन के परमाणु की संख्या =
2
यौगिक का मूल नाम ‘ एथेन‘ होगा। इसमें प्रकार्यात्मक समूह –OH (Alcohol) जुड़ा है यौगिक के मूल नाम में
“ऑल (ol)”
जोड़ा जाता है।
यौगिक का IUPAC नाम ‘एथेनॉल‘ होगा।
+ अल = अल्केनल
का नामकरण
कार्बन के परमाणुओं की
संख्या = 2
का मूल नाम ‘एथेन’
होगा इसमें प्रकार्यात्मक समूह –CHO (Aldehyde) जुड़ा है यौगिक के मूल नाम के अंत
में “अल (al)” जोड़ा जाता है।
यौगिक का IUPAC नाम “एथेनेल” होगा।
कीटोन [Ketone (– CO –)] समूह
अल्केन + ओन = अल्केनोन
CH3COCH2CH2CH3 का IUPAC नामकरण
कार्बन के परमाणुओं की संख्या
= 5
यौगिक का मूल नाम पेन्ट होगा। इस यौगिक में कीटोन (– CO –)प्रकार्यात्मक ग्रुप के रूप में जुड़ा हुआ है।इसका IUPAC नाम पेन्टेनॉन
होगा।
कार्बोक्सिलिक
अम्ल (– COOH)
अल्केन +
ओइक अम्ल = अल्केनोइक अम्ल
का IUPAC नाम
कार्बन के परमाणुओं की
संख्या = 1
गये यौगिक का मूल नाम ‘मिथेन’ इस
यौगिक में – COOH कार्बोक्सिलिक अम्ल प्रकार्यात्मक
समूह के रूप में जुड़ा हुआ है, इस
यौगिक के मूल नाम में उपसर्ग के रूप में ओइक अम्ल या एसिड जुड़ेगा। इसका IUPAC नाम मेथेनोइक अम्ल होगा। मेथेनोइक अम्ल को
फार्मिक अम्ल के नाम से भी जाना जाता है
का IUPAC नाम
के परमाणुओं की संख्या = 4
गये यौगिक का मूल नाम ‘ब्युटेन’ होगा इस यौगिक में – COOH कार्बोक्सिलिक अम्ल प्रकार्यात्मक समूह के रूप में जुड़ा
हुआ है, इस यौगिक के मूल नाम में उपसर्ग के
रूप में ओइक अम्ल या एसिड जुड़ेगा।
इसका IUPAC नाम ब्युटेनोइक अम्ल होगा।