दीक्षा किसे कहते है ? Initiation in hindi meaning definition दीक्षा की परिभाषा क्या है अर्थ मतलब मीनिंग

Initiation in hindi meaning definition दीक्षा किसे कहते है ? दीक्षा की परिभाषा क्या है अर्थ मतलब मीनिंग ?

शब्दावली
व्याख्या (Exegesis)ः व्याख्या के रूप में विशेषतया धर्मग्रंथों का आलोचनात्मक वर्णन
दीक्षा (Initiation): किसी व्यक्ति विशेष को बधुत्व और समाज में स्वीकृति देना/उससे परिचित कराना।
एकांत (Seclusion)ः किसी अलग-थलग या व्यक्तिगत स्थान पर ले जाना।
पड़ोस (Vicinage): आसपास रहने वाले लोग

उद्देश्य
इस इकाई को पढ़ने के बाद, आप:
ऽ जाम्बिया के देम्बू समाज की भौतिक और सामाजिक स्थिति का वर्णन कर सकेंगे,
ऽ देम्बू द्वारा अपनाए गए मुकांदा या खतना अनुष्ठान का वर्णन कर सकेंगे, और
ऽ विक्टर टर्नर द्वारा मुकांदा के विश्लेषण का सारांश प्रस्तुत कर सकेंगे।

प्रस्तावना
इस खंड की पहली इकाई ने आपको अनुष्ठानों से संबंधित प्रमुख सामाजिक सिद्धांतों से अवगत कराया। इस इकाई और अगली दो इकाइयों में दो उदाहरणों द्वारा आप विशेषकर जनजातीय समाज में अनुष्ठानों की महत्वपूर्ण भूमिका का महत्व समझ सकेंगे। इस इकाई में हम अफ्रीका के केस अध्ययन को लेंगे। अब तक आप विक्टर टर्नर के कार्य से परिचित हो चुके होंगे। टर्नर ने दक्षिण मध्य अफ्रिका के उत्तर पश्चिम जाम्बिया में रहने वाली देम्बू जनजाति की सामाजिक संरचना का अध्ययन किया। उसके द्वारा 1950 के आरंभ में मुख्य रूप से किए गए विस्तृत क्षेत्र कार्य की परिणति कुछ महत्वपूर्ण मोनोग्राफों और लेखों में हुई।

इस इकाई में हम मुख्य रूप से दि फारेस्ट ऑफ सिंबल्सः आस्पेक्टस ऑफ देम्बू रिचुअल्स नामक पुस्तक पर ध्यान देंगे जो कि देम्ब अनुष्ठान व्यवस्था के विभिन्न पक्षों. प्रत्यक्ष अथवा परोक्ष से संबंद्ध लेखों और दस्तावेजों का संग्रह है। टर्नर ने ठीक ही इसका नाम फारेस्ट (जंगल) रखा है और इस एक इकाई में जंगल के सभी वृक्षों का निरीक्षण करना सम्भव नहीं है। हम मुख्य रूप से टर्नर द्वारा एक विशिष्ट अनुष्ठान के विस्तृत विश्लेषण पर ध्यान केन्द्रित करेंगे। इस अनुष्ठान को ‘मुकान्दा‘ या खतना करना कहते हैं और लड़कों के संदर्भ में इसे आरम्भिक संस्कार भी कहते हैं।

‘मुकान्दा‘ का वर्णन करने से पहले क्यों न हम देम्बू समाज और उनके द्वारा आयोजित अनुष्ठानों से परिचित हो लें। पहले खंड में हम यही करेंगे। दूसरे खंड में हम मुकान्दा का थोड़ा विस्तृत विवरण देखेंगे। तीसरे खंड में हम ‘टर्नर‘ के अध्ययन के कुछ विश्लेषणात्मक बिंदुओं पर ध्यान देंगे।

पहला खंड शुरू करने से पूर्व एक परामर्श। आगे कुछ ऐसे नाम और जानकारियाँ हैं जो आप के लिये अपरिचित और अजीब होंगे। इसलिए आप को यह इकाई धीरेत-धीरे और सावधानी से पढ़नी होगी। तभी आप देम्बू अनुष्ठानों को उतना ही रोचक पाएंगे जितना कि टर्नर ने पाया था।

 

सारांश
इस इकाई में आपने विक्टर टर्नर द्वारा वर्णित जाम्बिया की देम्बू जनजाति के जीवन में अनुष्ठानों की भूमिका के बारे में पढ़ा। सबसे पहले इस जनजाति के भौगोलिक और सामाजिक परिवेश के बारे में जानकारी दी गई। आपने देखा कि किस प्रकार मातृसत्तात्मक वंश और पुरुष आवास संबंधी तार्किक सिद्धांतों ने देम्बू की ग्रामीण व्यवस्था को उच्च गतिशील और अस्थायी बना दिया। टर्नर द्वारा बताये गये दो प्रकार के अनुष्ठानों के बारे में भी आपने पढ़ा। ये हैं जीवन की मुख्य घटनाओं से संबंधित अनुष्ठान और विपदा संबंधित अनुष्ठान और इनसे जुड़ी हुई उपासनाएँ। मुकांदा अनुष्ठान के विभिन्न चरणों के बारे में आपने विस्तार से पढ़ा। आपने देखा कि किस प्रकार खतना करने के अनुष्ठान के माध्यम से लड़के को माँ से अलग किया जाता है और उसे पिता के निकट लाकर पुरुषों के नैतिक समूह का सदस्य बनाया जाता है। आपने देखा कि, किस प्रकार टर्नर ने देम्बू समाज के सामाजिक और सांस्कृतिक ढाँचों का अध्ययन कर दोनों के बीच संबंध को दर्शाया। मुकांदा को आपने एक अनुष्ठान मात्र नहीं, बल्कि माता-पिता और संतान के आपसी संबंधों को परिभाषित करने वाले प्रसंग, सामाजिक एकाग्रता लाने वाले माध्यम और प्रतिष्ठा कमाने के साधन के रूप में भी देखा। संक्षेप में मुकांदा अनुष्ठान निर्धारित व्यवहार और प्रतीक मात्र नहीं है। टर्नर इसे सामाजिक परिवेश के एक प्रतिबिंब के रूप में देखता है। इस प्रकार टर्नर सामाजिक और सांस्कृतिक ढाँचों के गहरे अंतर्संबंधों की ओर ध्यान देता है। इसलिए टर्नर टारा किये गये शनादानों का शययन उतना गहरा है।

 कुछ उपयोगी पुस्तकें
इवेन, एम. जुइस, 1987ः रिचुअल इन दि इनसाइक्लोपीडिया ऑफ रिलिजन, मीरखीया इलाइडे द्वारा संपादित, न्यूयार्क, मैकमिलन
लीक एडमन्उड आर. 1961ः रिथिंकिंग एनथ्रोपोलिजी: लंदन, एथलोन, 1968।
रिच्युअल इन दि इंटरनेशनल इनसाइक्लोपीडिया ऑफ सोशल सांइसेज: डेविड एल सिलस द्वारा संपादित वाल्यूम 13, न्यूयार्क: मैकमिलन ।