सर्वगन्धा या छोटा चाँद या चन्द्रमाध (Indian snakeroot) :
वानस्पतिक नाम : Rauvolfia serpentina
कुल : Apocynacear
उपयोगी भाग : शुष्क मूल तथा मूल की छाल
उत्पत्ति :
- सर्पगंधा को सामान्यत: पागल की दवा के नाम से जाना जाता है।
- उपरोक्त औषधीय पादप भारत का मूल निवासी है , इसके अतिरिक्त यह पादप बांग्लादेश , श्रीलंका , वर्मा , थाईलेंड , इंडोनेशिया , मलेशिया तथा अफ्रीका में पाया जाता है।
- भारत में यह पादप आसाम , हिमालयी क्षेत्र के दराई क्षेत्र उत्तर प्रदेश , आंध्रप्रदेश , तमिलनाडु , केरल तथा महाराष्ट्र में व्यवसायिक स्तर पर भी उगाया जाता है परन्तु यह पादप राजस्थान में नहीं पाया जाता है।
पादप की बाह्य आकारिकी
- इस पादप का तना बहुवर्षी , सदाबहार , रोमरहित छोटी झाडी नुमा पादप होता है।
- इस पादप में मूल सामान्यतया कंदील प्रकार की पायी जाती है , बाह्य रूप से यह मूल टेढ़ी मेढ़ी अर्थात सांप की आकृति की होती है , इसके अतिरिक्त मूल झुर्रीदार तथा छाल हल्के भूरे रंग की होती है , ताजा निर्मित मूलो में साँप की गंध आती है।
- पादप की पत्तियां मुख्यत: चक्रित , सरल तथा भाले की आकृति की होती है।
- इस पादप का पुष्पक्रम ससिमाक्षी प्रकार का होता है तथा पुष्प सामान्यत: सफ़ेद या हल्के गुलाबी रंग के होते है।
- इस पादप का फल कैप्सूल प्रकार का होता है।
- इस पादप से औषधि इसकी मूल तथा मूल की छाल से प्राप्त की जाती है , इस हेतु पादप की मूल को काटकर सुखाया जाता है व उपरोक्त कार्य के लिए तीन से चार वर्षीय पादप का उपयोग किया जाता है।
- उपरोक्त पादप के मूल में लगभग 80 प्रकार के एल्केलॉईड पाए जाते है जिनके 90% मूल की छाल में पाए जाते है।
- उपरोक्त एल्केलाइड मूल में कम पाए जाते है तथा अन्य अंगो में अत्यन्त कम पाए जाते है।
- पाए जाने वाले कुछ प्रमुख एल्केलाइड निम्न प्रकार से है –
(A) Reserpine – प्रमुख
(B) Reserpinine
(C) Serpentine
(D) Raawolfinine
(E) Ajamaline
(F) Ajamalinine
आर्थिक महत्व
- उपरोक्त पादप को मुख्यतः मानसिक रोगों तथा मिर्गी के इलाज हेतु उपयोग किया जाता है। इसके अंतर्गत Reserpine को मिर्गी के इलाज हेतु तथा Serpeutine को उच्च रक्त चाप के इलाज हेतु उपयोग किया जाता है।
- उपरोक्त पादप से प्राप्त औषधियाँ तीव्र पागलपन के इलाज में अत्यंत लाभकारी होती है इसलिए इसे पागल की दवा के नाम से जाना जाता है।
- इस पादप से प्राप्त औषधियों को सर्पदंत बिच्छु तथा कीटो के प्रति सर्पदंस के रूप में उपयोग लिया जाता है।
- सर्पगन्धा सामान्यत: गर्भाशय में संकुचन करता है अत: सुगम प्रशव के लिए प्रसूता को उपरोक्त औषधि खिलाई जाती है।
- इसका उपयोग दस्त , पेचिश तथा आँखों के दर्द के लिए उपयोग किया जा सकता है।
- यह पादप बाजार में कुछ विशिष्ट नामो से मिलता है जैसे – सर्पिना , सर्पगंधा टेपलेट , धनवटी , गुटिका तथा Sleeping peels के रूप में भी पाया जाता है।