Ca तथा mg का जैविक महत्व , Na+ व K+ का महत्व , BeCl2 की संरचना importance of ca and mg

Ca तथा mg का जैविक महत्वMg2+ व Ca2+ आयन जैविक क्रियाओं में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है।
Mg2+  जन्तु कोशिकाओं के अन्दर सांद्रित रहते है जबकि Ca2+ आयन कोशिकाओ के बाहर तरल द्रव सान्द्रित रहते है।
Mg2+ आयन अनेक एंजाइम अभिक्रियाओं को उत्प्रेरित करते है , पौधों में पाए जाने वाले हरे रंग के लवण क्लोरोफिल में Mg2+ आयन पाए जाते है जो प्रकाश का अवशोषण कर प्रकाश संश्लेषण की क्रिया में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है।
शरीर में पाए जाने वाला Ca का 99% भाग हड्डियों में तथा दांतों में ऐपेटाइट [Ca(PO4)2] तथा दाँतो के एनामल में फ्लुओरो ऐपेटाईट के रूप मे पाया जाता है।
Ca2+ आयन रक्त का थक्का बनाने में मांसपेशियों के संकुचन को उत्तेजित करने में हृदय की धडकनों को नियंत्रित करने में सहायक होते है।
अधिक आयु वाले व्यक्तियों में हड्डियों के विलेयित होने की प्रक्रिया अधिक होती है जिससे ‘ओस्तियोपोरेसिस’ रोग कहते है।
Na+ व K+ का महत्वNa+ व K+ आयन दोनों ही जैविक तरल के लिए महत्वपूर्ण अवयव है।
कोशिका में कई ऋण आवेशित वृहद अणु पाए जाते है , इन पर उपस्थित ऋणावेश को संतुलित करने के लिए वर्ग I और II के धनायन की आवश्यकता होती है।
कोशिका को फूलने , चिपकने से बचाने तथा कोशिका में परासरण दाब को बनाये रखने हेतु Na+ व K+ आयन महत्वपूर्ण है।
कोशिका द्रव में K+ कई एंजायमो को सक्रीय करते है तथा ATP उत्पन्न करने के लिए ग्लूकोज के ऑक्सीकरण में भाग लेते है।
Na+ व K+ शिरा संकेतो के संचरण कोशिका झिल्ली द्वारा जल प्रवाह को नियंत्रित करने में तथा कोशिका में शर्करा व एमिनो अम्लो के परिवहन को नियंत्रित करने में सहायक है।
BeCl2 की संरचना : ठोस अवस्था में यह बहुलक श्रृंखला संरचना में होता है जिसमें प्रत्येक Be परमाणु चार Cl परमाणुओं से घिरा होता है।  दो Cl परमाणु सहसंयोजक जबकि अन्य दो उपसहसंयोजक बंध द्वारा बंधित होते है। BeCl2 के सेतु संरचना निम्न होती है –

वाष्प अवस्था में BeCl2 क्लोरो सेतु द्विलक बनाता है जो उच्च ताप पर रेखीय एकलक में वियोजित हो जाता है।

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