मॉडुलेशन (Modulation in hindi) : जब किसी निम्न आवृति की सन्देश तरंग को एक स्थान से दुसरे स्थान पर पहुँचाने के लिए उच्च आवृति की वाहक तरंग में अध्यारोपित किया जाता है तो इस प्रक्रिया को मॉडुलेशन कहते है।
मॉडुलेशन मुख्यतः तीन प्रकार के होते है –
- आयाम मॉडुलेशन (amplitude modulation) : मॉडुलेशन की वह प्रक्रिया जिसमे वाहक तरंग का आयाम मूल तरंग के आयाम के अनुसार परिवर्तित होता है परन्तु वाहक तरंग की आवृति व कला अपरिवर्तित रहती है , आयाम मॉडुलेशन कहलाता है।
- आवृत्ति मॉडुलेशन (Frequency modulation): मॉडुलेशन की वह प्रक्रिया जिसमे वाहक तरंग की आवृत्ति मूल तरंग की आवृति के अनुसार परिवर्तित होती है परन्तु वाहक तरंग का आयाम व कला अपरिवर्तित रहते है , आवृति मॉडुलेशन कहलाती है।
- कला मॉडुलेशन (Phase modulation): मॉडुलेशन की वह प्रक्रिया जिसमे वाहक तरंग की कला मूल तरंग के अनुसार परिवर्तित होती है परन्तु वाहक तरंग का आयाम व आवृति अपरिवर्तित रहती है , कला मॉडुलेशन कहलाती है।
आयाम मोडुलेशन , मोडुलन सूचकांक एवं आयाम मॉडुलेशन तरंग समीकरण
- आयाम मॉडुलेशन (Amplitude modulation): मोडुलेशन की वह प्रक्रिया जिसमे वाहक तरंग का आयाम संदेश तरंग के आयाम के अनुसार परिवर्तित होता है परन्तु वाहक तरंग की आवृति व कला अपरिवर्तित रहती है , आयाम मोडुलेशन कहलाता है।
वाहक तरंग C(t) = AcSinwct
मॉडुलक तरंग m(t) = AmSinWmt
Amax = Ac + Am समीकरण-1
Amin = Ac – Am समीकरण-2
समीकरण-1 व समीकरण-2 को हल करने पर –
Ac = (Amax + Amin)/2 समीकरण-3
Am = (Amax – Amin)/2 समीकरण-4
मॉडुलन सूचकांक (m) : वाहक तरंग के आयाम में परिवर्तन तथा वाहक तरंग के आयाम के अनुपात को ही मॉडुलन सूचकांक कहते है।
अर्थात मॉडुलन सूचकांक (m) = Am/Ac
मॉडुलन सूचकांक (m) = (Amax – Amin)/ (Amax + Amin)
(i) यदि m = 0 तो कोई मोडुलेशन नहीं होगा।
(ii) यदि 0 < m <1 हो तो सामान्य मॉडुलेशन होता है।
(iii) यदि m ≥ 1 हो तो अति मॉडुलेशन होता है।
आयाम मोडुलित तरंग समीकरण :
माना वाहक तरंग का समीकरण C(t) = Acsin Wct तथा संदेश तरंग का समीकरण m(t) = Amsin Wmt हो तो आयाम मोडुलित तरंग का समीकरण –
Cm(t) = (Ac + AmSinWmt)sinWct
Cm(t) = AcSinwct + AmSinwmt Sinwct
Cm(t) = AcSinwct +mAcsinWmt sinwct
चूँकि m = Am/Ac
Cm(t) = AcSinwct + mAc[{cos(Wc-Wm)t – cos(Wc+Wm)t}/2]
चूँकि SinC SinD = [cos(C-D) – cos(C+D)]/2
Cm(t) = AcSinWct + mAcCos(Wc-Wm)t/2 – mAcCos(Wc+Wm)t/2
Cm(t) = AcSinWct + mAcCos(Wc-Wm)t/2 – mAcCos(Wc+Wm)t/2
आयाम मोडुलित तरंग समीकरण है।
यह स्पष्ट है कि आयाम मोडुलित तरंग में तीन आवृतियाँ क्रमशः Wc , (Wc-Wm) व (Wc+Wm) होती है।
इन आवृत्तियो में से (Wc-Wm) को निम्न पाशर्व आवृत्ति बैण्ड तथा (Wc+Wm) को उच्च पाशर्व आवृत्ति बैंड कहते है।
मॉड्यूलेशन की आवश्यकता
मॉडुलेशन के लिए निम्न तीन कारण आवश्यक है –
- एरियल या एन्टिना की ऊँचाई: किसी भी संकेत को सही तरीके से एक स्थान से दूसरे स्थान तक भेजने के लिए प्रेक्षित एंटीने की ऊंचाई न्यूनतम λ/4 होनी चाहिए।
निम्न आवृति की तरंगों के लिए एंटीने की ऊँचाई बहुत अधिक होती है , इतनी ऊंचाई का एंटीना बनाना संभव नहीं है परन्तु उच्च आवृत्ति की तरंग के लिए , एंटीने की ऊँचाई बहुत कम होती है अत: कम ऊंचाई के एंटीने बनाना संभव है।
- प्रेषित एंटीने की प्रभावी शक्ति विकिरण: किसी भी प्रेषित एंटीने के लिए प्रभावी शक्ति विकिरण P∝ (l/ λ)2 होती है।
समान ऊंचाई के एंटिने पर यदि निम्न आवृत्ति की तरंग का सम्प्रेषण किया जाता है तो उसके लिए एंटीने की प्रभावी शक्ति विकिरण कम होती है परन्तु उच्च आवृति की तरंग का एंटीने से सम्प्रेषण किया जाता है तो प्रभावी शक्ति विकिरण अधिक होती है इसलिए निम्न आवृति के संकेत को भेजने के लिए मोडुलेशन की आवश्यकता होती है।
- विभिन्न प्रेषितो से सम्प्रेषित संकेतो में मिश्रण: अलग अलग प्रेषित एंटीने से प्रेषित संकेतो की आवृत्ति लगभग समान होने के कारण संकेतो में मिश्रण हो जाता है। इस समस्या के निराकरण के लिए निम्न आवृति के संकेतों को उच्च आवृति के संकेतो में अध्यारोपित किया जाता है।
आयाम मोडुलित तरंग का प्रेषण एवं अभिग्रहण : किसी भी संकेत को प्रेषि एंटीना से सम्प्रेषित करने से पूर्ण संकेत का मोडुलेशन व प्रवर्धन दोनों होता है।
प्रेषि एंटीना से प्राप्त संकेतो का ग्राही एन्टीना पर प्रवर्धन व सूचकांक दोनों होता है , इसके पश्चात् मूल संकेत का उपयोग किया जाता है।