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ferric chloride-water system phase diagram in hindi फैरिक क्लोराइड जल तंत्र क्या है चित्र

फैरिक क्लोराइड जल तंत्र क्या है चित्र सूत्र किसे कहते हैं ferric chloride-water system phase diagram in hindi ?

फैरिक क्लोराइड – जल तंत्र (Ferric Chloride-Water System) अनुसार फैरिक क्लोराइड – जल तंत्र को सर्वप्रथम 1892 में रूजबोम ( Rozebom) ने बताया इसके इसमें चार स्थायी प्रावस्था ठोस डोडेका हाइड्रेट Fe2CI612H2O, हेप्टाहाइड्रेट Fe2 Cl6 7H2O, पेन्टा

हाइड्रेट FeCl6.5H2O व टेट्रा हाइड्रेट Fe2Cl6 4H2O बनते हैं। इसके अलावा एक ठोस प्रावस्था अजलीय (anhydrous) फैरिक क्लोराइड व द्रव प्रावस्था विलयन (Fe2Cl6 + xH2O) पायी जाती है। प्रत्येक प्रावस्था का संघटन दो घटक Fe2Cl6 व H2O है अतः यह द्विघटक तंत्र है। इसमें हाइड्रेट बनता है उसके गलन ताप को सर्वागसम गलन ताप (Congruent melting point) कहते हैं क्योंकि इस बिन्दु पर ठोस हाइड्रेट व द्रव हाइड्रेट में एक सा संघटन होता है।

फैरिक क्लोराइड – जल तंत्र के प्रावस्था आरेख को चित्र 4.11 में दर्शाया है।

चारों ठोस हाइड्रेट सर्वांगसम गलन ताप (Congruent melting point ) C ( 37°C). E (32.5°C), G(56°C) तथा 1 (78.5°C) रखते हैं।

बिन्दु A (0°C) पानी का हिमांक बिन्दु है इसमें थोड़ी सी मात्रा Fe2Cl6 की मिलाने पर फैरिक क्लोराइड व जल का विलयन प्राप्त होता है व जल का हिमांक वक्र AB के सहारे कम होता जाता है इस वक्र AB को बर्फ का गलन वक्र कहते हैं तथा यह एक चर है बिन्दु B पर एक नई ठोस प्रावस्था डोडेका हाइड्रेट अलग होती जाती है अतः B (-55°C) पर तीन प्रावस्थाऐं बर्फ, ठोस डोडेका हाइड्रेट तथा विलयन साम्यवस्था में रहते हैं इसको गलन क्रांतिक बिन्दु (Eutectic point) या क्रायोहाइड्रिक बिन्दु (Cryohydric point) कहते हैं । द्विघटक तंत्र के लिए [F=C-P+1=2-3+1= 0 ] यह बिन्दु अचर (nonvariant) है। इस तंत्र में उस बिन्दु पर सबसे कम ताप – 55°C प्राप्त होता है और अधिक ताप बढ़ानेपर विलयन का संघटन वक्र BCD के सहारे परिवर्तित होता है अतः BCD ठोस Fe2Cl6-12H2O का विलेयता वक्र है। व बिन्दु C ठोस Fe2CI612H2O का गलन बिन्दु (melting point) है। वक्र CB व CD वास्तव में क्रमशः जल व फैरिक क्लोराइड के मिलाने पर डोडेका हाइड्रेट के सर्वांगसम गलन ताप में कमी को प्रदर्शित करता है।

बिन्दु D (26°C) पर ठोस हेफ्टाहाइड्रेट (Fe2CI67H2O) अलग होता है व तंत्र अचर होता है। D दूसरा गलन क्रांतिक बिन्दु है इस बिन्दु पर ठोस डोडेका हाइड्रेट, हेफ्टा हाइड्रेट व विलयन तीलप्रावस्थाऐं साम्य में है।

इसी प्रकार F (30°C). H (55°C) वJ (66°C) क्रमश: तीसरा चौथा, व पांचवा गलन क्रान्तिक बिन्दु है

प्रत्येक बिन्दु पर तीन प्रावस्थाऐं क्रमश: हेप्टा हाइड्रेट, पेन्टा हाइड्रेट तथा विलयन (F): पेन्टा हाइड्रेट, टेट्रा हाइड्रेट तथा विलयन (H) और टेट्रा हाइड्रेट, अजलीय Fe2Cl6 तथा विलयन (J) साम्य में रहती है। अजलीय Fe2Cl6 बिन्दु J के ऊपर उपस्थित रहता है। प्रत्येक गलन क्रांतिक बिन्दु पर स्वतंत्रता की कोटि शून्य होती है। Fe2Cl6 जल तंत्र के तापक्रम, संघटन को सारणी 4.6 में प्रदर्शित करते हैं।

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