आवश्यक तथा अनावश्यक अमीनो अम्ल essential and non essential amino acids , पेप्टाइड बंध (peptide bond) किसे कहते है ?

essential and non essential amino acids in hindi , आवश्यक तथा अनावश्यक अमीनो अम्ल , पेप्टाइड बंध (peptide bond) किसे कहते है ? :-

प्रोटीनप्रोटीन का शाब्दिक अर्थ निम्न है –

protein → proteions [ग्रीक शब्द] → अत्यधिक महत्वपूर्ण → प्राथमिक महत्व वाले।

अत: हम कह सकते है कि प्रोटीन शब्द ग्रीक के proteions से लिया गया है जिसका अर्थ होता है “प्राथमिक महत्व वाले”

प्रोटीन का जल अपघटन निम्न प्रकार होता है –

प्रोटीन → पोली पेप्टाइडα अमीनो अम्ल

α एमिनो अम्ल से मिलकर बने कार्बनिक यौगिक प्रोटीन कहलाते है।

α एमिनो अम्ल : वे कार्बनिक यौगिक जिनमे -NH2 व -COOH समूह पाए जाते है। उन्हें α एमिनो अम्ल कहते है।

ये प्रकृति में कुल 20 है।

इन सभी का विन्यास α (+) होता है।

इनके नाम α (+) alanine को आधार मानकर लिखा जाता है।

अमीनो अम्लो का वर्गीकरण : इन्हें निम्न भागो में बांटा गया है –

[A] -NHसमूह की स्थिति के आधार पर : इन्हें निम्न भागो में बाँटा गया है –

(i) α एमिनो अम्ल : इनमे -NH2 समूह α स्थिति पर होता है।

(ii) β एमिनो अम्ल : इनमे -NH2 समूह β स्थिति पर पाया जाता है।

(iii) गामा (γ) एमिनो अम्ल : इनमे -NH2 समूह गामा (γ) स्थिति पर पाया जाता है।

[B]  -NH2 व -COOH समूह की संख्या के आधार पर () : इस आधार पर इन्हें निम्न भागों में बाँटा गया है-

neutral acidic and basic amino acids –

(i) उदासीन एमिनो अम्ल : इनमे  -NH2 व -COOH समूह की संख्या समान पाई जाती है।

(ii) अम्लीय एमीनो अम्ल : इनमे  -NHसमूह की तुलना में -COOH समूह की संख्या अधिक पायी जाती है।

(iii) क्षारीय एमिनो अम्ल : इनमे -COOH समूह की तुलना में -NHसमूह की संख्या अधिक पाई जाती है।

[C]  आवश्यक और अनावश्यक एमिनो अम्ल के आधार पर –  इस आधार पर इन्हें निम्न भागों में बाँटा गया है-

(i) अनावश्यक एमिनो अम्ल : वे एमीनो जिनका निर्माण हमारे शरीर में होता है परन्तु शरीर के लिए लाभदायक नहीं होते है , अनावश्यक एमिनो अम्ल कहलाते है।

यह संख्या में कुल 10 होते है।

(ii) आवश्यक एमिनो अम्ल : वे अमीनो अम्ल जिनका निर्माण हमारे शरीर में नहीं होता है तथा जिन्हें खाद्य पदार्थो के द्वारा बाहर से ग्रहण करना पड़ता है , आवश्यक एमिनो अम्ल कहलाते है।

यह संख्या में कुल 10 होते है।

यह सर्वाधिक मात्रा में दुग्ध में उपस्थित केसिन में पाए जाते है।

उदाहरण : TV MILL PATH  (ट्रिक)

T = tryptophan

V = vacine

M = methionine

I = iso lencine

L = Lencine

L = Lysine

P = phenyl alanine

A = Arginine

T = Threonine

H = Histidine

Nomenclature of amino acid : गुण और स्रोत के आधार पर इनके नाम निम्न प्रकार लिखे जाते है –

उदाहरण : H2N-CH2-COOH → glycine → glycos (ग्रीक शब्द) → मीठा स्वाद

इनके नाम त्रिक कोड भाषा में निम्न प्रकार भी लिखे जाते है –

उदाहरण : H2N-CH2-COOH → glycine या gly (त्रिक कॉड) या G

एमिनो अम्ल के भौतिक गुण

प्रश्न : ज्विटर आयन (zwitterion amino acid) किसे कहते है ?
या
आंतरिक आयन किसे कहते है ?
या
उभयधर्मी आयन किसे कहते है ?
उत्तर : एमिनो अम्लो में  -NH2 व -COOH समूह में एक हाइड्रोजन ट्रांसफर के कारण बनने वाले द्विध्रुवीय आन्तरिक आयन को ज्विटर आयन कहते है।
इसमें एक ही यौगिक में धनावेश व ऋणावेश दोनों पाए जाते है इसलिए इसे उभयधर्मी आयन भी कहते है।

प्रश्न : पेप्टाइड बंध (peptide bond) किसे कहते है ?
उत्तर : एमिनो अम्लो में -NH2 व -COOH समूह के मध्य पाए जाने वाले -CONH बंध को पेप्टाइड बन्ध कहते है।

प्रश्न : पेप्टाइड यौगिको का नामकरण दीजिये।
उत्तर : इनका नामकरण N-साइड से C-साइड की ओर लिखा जाता है।
प्रश्न : अमीनो अम्लो की संख्या के आधार पर पेप्टाइड को कितने भागो में बाँटा गया है ?
उत्तर : अमीनो अम्लो की संख्या के आधार पर पेप्टाइड को तीन भागो में बांटा गया है –
(i) ओलिगो पेप्टाइड
(ii) पोली पेप्टाइड
(iii) प्रोटीन
(i) ओलिगो पेप्टाइड : इसमें एमिनो अम्लो की संख्या दो से 9 तक होती है।
(ii) पोली पेप्टाइड : इसमें एमिनो अम्लो की संख्या 10 से 100 तक होती है।
(iii) प्रोटीन : इसमें एमिनो अम्लो की संख्या 100 से अधिक होती है।
प्रश्न : समविभव बिंदु किसे कहते है ?
उत्तर : एमिनो अम्लो के विलयन की बनी वह pH जिसमे विद्युत धारा प्रवाहित करने पर वह किसी भी इलेक्ट्रोड की ओर गमन नहीं करता है , इसे समविभव बिन्दु कहते है।
प्रत्येक एमीनो अम्ल का समविभव बिंदु निश्चित होता है।
दो एमिनो अम्ल के समविभव बिंदु अलग अलग होते है।