चुंबकीय क्षेत्र की दिशा , स्नो नियम , दांये हाथ के अंगूठे , मैक्सवल का कार्क पेच नियम

चुंबकीय क्षेत्र की दिशा (Direction of Magnetic Field ) : चुंबकीय क्षेत्र की दिशा ज्ञात करने के लिए विभिन्न नियम है जो हर एक स्पेशल परिस्थिति के लिए काम में लिया जाता है , हम यहाँ कुछ नियमों का अध्ययन करते है जिनकी सहायता से हम चुंबकीय क्षेत्र की दिशा ज्ञात कर सकते है।

स्नो नियम (Snow rule )

हम अध्ययन कर चुके है की जब किसी चालक तार में विधुत धारा प्रवाहित की जाती है तो चालक के चारों तरफ चुंबकीय क्षेत्र उत्पन्न हो जाता है जिससे कम्पास सुई विक्षेपित हो सकती है , कम्पास सुई के उत्तरी ध्रुव के विक्षेप की दिशा को स्नो नियम (Snow rule ) से ज्ञात करते है।
स्नो नियम (Snow rule) के अनुसार ” जब चालक तार में धारा का प्रवाह दक्षिण से उत्तर की ओर हो रहा हो और कम्पास सुई चालक के नीचे स्थित है तो कम्पास या चुंबकीय सुई का उत्तरी ध्रुव पश्चिम की ओर विक्षेपित हो जाता है।”
इसी प्रकार जब चालक में धारा का प्रवाह उत्तर से दक्षिण दिशा में हो रहा हो तो कम्पास सुई या चुंबकीय सुई का उत्तरी ध्रुव पूर्व की तरफ विक्षेपित हो जाता है।

दांये हाथ के अंगूठे का नियम (Right hand thumb rule)

यह नियम बताता है की जब चालक तार को दांए हाथ से इस प्रकार पकड़ा जाए की अंगूठा चालक में प्रवाहित धारा की तरफ हो तो मुड़ी हुई अंगुलियां चालक के चारो तरफ उत्पन्न चुंबकीय क्षेत्र की दिशा को प्रदर्शित करती है।

वृतीय धाराओं के लिए दायीं हथेली का नियम (Right hand Palm Rule for circular current )

यह नियम बताता है की जब किसी चालक धारावाही वृताकार कुंडली को इस प्रकार पकड़ा जाए की मुड़ी हुई अंगुलियाँ धारा की दिशा में हो तो अंगूठा चुंबकीय क्षेत्र की दिशा को दर्शाता है जैसा चित्र में प्रदर्शित किया गया है।

मैक्सवल का कार्क पेच नियम (Maxwell’s Cark Screw rule )

इस नियमानुसार यदि धारावाही चालक के अक्ष पर दाहिने हाथ से एक दक्षिणावर्त पेच को घुमाया जाए तथा पेच की नोक धारा की दिशा में आगे बढे तो अंगूठे के घूमने की दिशा चुंबकीय क्षेत्र की दिशा को व्यक्त करेगी।