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डी ब्रोगली परिकल्पना समीकरण या डी ब्रोग्ली का सिद्धांत de broglie theory in hindi

By   May 4, 2018
(de broglie theory in hindi) डी ब्रोगली परिकल्पना समीकरण या डी ब्रोग्ली का सिद्धांत  : डी ब्रोगली के अनुसार प्रकाश विकिरणों के समान अन्य सूक्ष्म कण जैसे electron , प्रोटोन आदि भी द्वेत (dual) प्रकृति दर्शाते है।
अर्थात तरंग व कणीय दोनों रूपों में पाये जाते है।
विकिरणों की आवृति v हो तो तरंगीय प्रकृति के अनुसार ऊर्जा E को निम्न प्लांक समीकरण द्वारा दिया जाता है –
E = hv
परन्तु जब विकिरण को कण के रूप में माना जाता है तो उसकी ऊर्जा E आइंस्टीन समीकरण द्वारा दी जाती है –
E = mc2
यहाँ m = फोटोन का द्रव्यमान तथा c = प्रकाश का वेग
दोनों समीकरणों की तुलना करने पर
hv = mc2
mc = hv/c
चूँकि हम जानते है की v/c = 1/λ
अत: mc= h/λ
λ = h/mc
किसी प्रकाश कण के लिए mc का मान वही होता है जो किसी साधारण कण के लिए mv का मान होता है।
अत: λ = h/mv
चूँकि हम जानते है की संवेग  p = mv
अत: λ =  h/p
इसे डी ब्रोगली समीकरण कहते है।
डी ब्रोगली समीकरण से स्पष्ट है की संवेग = 1/तरंग दैर्ध्य
अर्थात किसी गतिशील कण का संवेग उसके तरंग दैर्ध्य का व्युत्क्रमानुपाती होता है।