(dalton law of partial pressure in hindi) डाल्टन का आंशिक दाब का नियम : डॉल्टन का यह नियम आदर्श से सम्बंधित है और सबसे पहले 1801 में जॉन डाल्टन द्वारा किये गए प्रयोगों के आधार पर दिया गया है।
इस नियम के अनुसार “जब किसी पात्र में एक से अधिक अक्रिय गैसें भरी जाती है तो गैसों के मिश्रण का कुल दाब का मान अलग अलग गैसों के आंशिक दाब के योग के बराबर होता है। ” यहाँ ताप T तथा आयतन V को नियत रखा जाता है।
डाल्टन के आंशिक दाब के नियम को गणितीय रूप में निम्न प्रकार लिखा जा सकता है –
Ptotal = p1 + p2 + p3 + p4 + …
यहाँ ताप T तथा आयतन V नियत है।
यहाँPtotal = मिश्रण का कुल दाब
p1 , p2 , p3 , p4= क्रमशः अलग अलग गैसों के दाब है।
यहाँ ठीक से समझ लीजिये की अक्रिय गैस का अभिप्राय है कि अक्रिय गैसें अन्य गैसों के किसी प्रकार की कोई क्रिया नहीं करती है और डाल्टन के नियम अक्रियशील गैसों के लिए ही लागू है क्योंकि जब इन्हें किसी पात्र में अन्य गैसों के साथ डाला जाता है तो यह आवश्यक है कि ये गैसे एक दुसरे के साथ किसी प्रकार की कोई क्रिया न करे , क्यूंकि अगर ये गैसे आपस में क्रिया कर ले तो इनके मिश्रण के दाब पर इसका प्रभाव पड़ता है।
इसी प्रकार यहाँ ताप और आयतन को नियत रखा जाता है क्यूंकि हमने गैसों के नियम में पढ़ा था जिसमे हमने देखा था कि गैस का दाब , आयतन , ताप इत्यादि राशियाँ एक दुसरे पर निर्भर करती है अत: यदि गैस के आयतन और ताप को नियत न रखा जाए तो ये दोनों राशियाँ गैस के दाब को प्रभावित करते है।
इस नियम के अनुसार “जब किसी पात्र में एक से अधिक अक्रिय गैसें भरी जाती है तो गैसों के मिश्रण का कुल दाब का मान अलग अलग गैसों के आंशिक दाब के योग के बराबर होता है। ” यहाँ ताप T तथा आयतन V को नियत रखा जाता है।
डाल्टन के आंशिक दाब के नियम को गणितीय रूप में निम्न प्रकार लिखा जा सकता है –
Ptotal = p1 + p2 + p3 + p4 + …
यहाँ ताप T तथा आयतन V नियत है।
यहाँPtotal = मिश्रण का कुल दाब
p1 , p2 , p3 , p4= क्रमशः अलग अलग गैसों के दाब है।
यहाँ ठीक से समझ लीजिये की अक्रिय गैस का अभिप्राय है कि अक्रिय गैसें अन्य गैसों के किसी प्रकार की कोई क्रिया नहीं करती है और डाल्टन के नियम अक्रियशील गैसों के लिए ही लागू है क्योंकि जब इन्हें किसी पात्र में अन्य गैसों के साथ डाला जाता है तो यह आवश्यक है कि ये गैसे एक दुसरे के साथ किसी प्रकार की कोई क्रिया न करे , क्यूंकि अगर ये गैसे आपस में क्रिया कर ले तो इनके मिश्रण के दाब पर इसका प्रभाव पड़ता है।
इसी प्रकार यहाँ ताप और आयतन को नियत रखा जाता है क्यूंकि हमने गैसों के नियम में पढ़ा था जिसमे हमने देखा था कि गैस का दाब , आयतन , ताप इत्यादि राशियाँ एक दुसरे पर निर्भर करती है अत: यदि गैस के आयतन और ताप को नियत न रखा जाए तो ये दोनों राशियाँ गैस के दाब को प्रभावित करते है।