क्रिस्टलीय ठोस , अभाज्य कोष्ठिका , इकाई सेल crystal solid in hindi

( crystal solid in hindi ) क्रिस्टल संरचना : solids को पहचानने के लिए निम्न property का होना चाहिए –

1. hardness 2. Rigidity 3. Incompressibility
ठोस दो प्रकार के होते है।
1. अक्रिस्टलीय ठोस
2. क्रिस्टलीय ठोस

1. अक्रिस्टलीय ठोस

वे ठोस जिनकी संरचना निश्चित नहीं होती है अर्थात इनकी ज्यामिति periodic नहीं होती।  इस क्रिस्टल पर बल लगाने पर इनकी ज्यामिति परिवर्तित हो जाती है।
उदाहरण : glass , प्लास्टिक , रबर आदि।

2. क्रिस्टलीय ठोस (crystalline solids)

वे क्रिस्टल जिनकी संरचना periodic व fixed (स्थायी) ज्यामितीय संरचना होती है।  इन क्रिस्टल पर बल लगाने पर इनकी संरचना परिवर्तन नहीं होती है।
Lattice + Basics = crystal structure
Lattice : space में क्रिस्टल के atoms को बिंदुओं द्वारा प्रदर्शित किया जाता है , उन points को lattice कहा जाता हैं।
  • ये points periodic रूप से होते हैं।
  • क्रिस्टल में कणों का 3D periodic ग्रुप (chain) जिसके structure units की space में पुनरावृति से एक lattice बनता है।
  • Basics : किसी क्रिस्टल का lattice उन बिन्दुओ का periodic structure होता है जिन पर मूल atoms या आयन्स रखने पर संरचना प्राप्त होती है।  उन atoms व आयनों को basic कहते है।
  • स्पेस में lattice points की स्थिति को व्यक्त करने के लिए एक निर्देश तंत्र का इस्तेमाल किया जाता है जिसके non planner unit vectors को बार बार स्थानांतरित कर lattice points को प्रदर्शित किया जाए इन vectors को basics या fundamental vector कहते है।
lattice + basic = crystal
one – D : एक दिशा में नियत दूरी द्वारा बिन्दुओ को बार बार repeat कर एक linear chain बनायीं जाती है इसे हम linear lattice कहते है।
two – D and 3D संरचना
इसी प्रकार 2D तथा 3D lattice भी नियत दूरी पर बिन्दुओ की बार बार पुनरावृति से होती है।
अभाज्य कोष्ठिका (primitive cell) :
जालक में अभाज्य सदिश से बनने वाला षट्फलक primitive cell कहलाता है जिसमे केवल एक ही lattice point होता।  इसे हम primitive cell सेल कहते है अर्थात न्यूनतम आयन वाला षट्फलकजिसके बार बार दोहराने पर बाह्य क्रिस्टल ज्यामिति प्राप्त होती है।
  • 3D lattice में प्रत्येक कोने पर एक lattice point होता है।  प्रत्येक उपभाज्य कोष्ठिका में कुल 8 lattice point जो eight primitive cell द्वारा बने होते।  अत: एक अभाज्य कोष्ठिका में केवल 1 ही lattice point होता है।
  • lattice point से न्यूनतम सभी lattice points तक lines खींचते है।  इन सभी lines के मध्य बिन्दुओ से एक तल खीचते है , इन तलों से घिरा आयतन एक अभाज्य कोष्ठिका या विग्नर स्टिर्ज cell (wigner seitz cell) कहलाता है।
इकाई सेल (unit cell )
क्रिस्टल संरचना में उपस्थित न्यूनतम volume की वह सेल जिसके पुनरावृति से सम्पूर्ण क्रिस्टल का निर्माण किया जाता है।
अर्थात न्यूनतम आयतन वाला वह स्वेच्छिक बहु फलक जिसके बार बार दोहराने से बाह्य क्रिस्टल ज्यामिति प्राप्त होती है व इसमें एक या एक से अधिक lattice point हो सकते है।  unit सेल कहलाता है।