यदि दो प्रकाश स्रोत असमान आवृति की तरंग उत्पन्न करे अर्थात दोनों स्रोत की तरंगों की आवृत्ति अलग अलग हो तथा दोनों तरंगों के मध्य कलान्तर का मान परिवर्तित हो अर्थात असमान कलांतर वाली तरंगे उत्पन्न करने वाले स्रोत कला असम्बन्ध स्रोत कहलाते है।
जब हम स्कैन करने वाली मशीन से उत्पन्न लाइट अर्थात लेजर से उत्पन्न प्रकाश को देखते है कि यह बहुत ही तीव्र प्रकृति का होता है , यह कला सम्बन्ध प्रकाश का उदाहरण है। कला सम्बंध प्रकाश में फोटोन की आवृत्ति का मान समान होता है और ये तरंगे समान कला में होते है इसलिए जिन स्रोतों से ये तरंगे उत्पन्न होती है उन्हें कला सम्बन्ध स्रोत कहते है।
अब गौर करते है एक फ़्लैश लाइट पर , फ़्लैश लाइट में प्रकाश इतना तीव्र नहीं होता है और इसमें उत्पन्न प्रकाश के फोटोन की आवृत्ति का मान समान नही होता है अर्थात अलग अलग होता है तथा तरंगे एक दूसरे के साथ समान कला में नही होते है , जिन स्रोत से इस प्रकार का प्रकाश उत्पन्न किया जाता है उन्हें कला असम्बन्ध स्रोत कहलाता है।
उदाहरण :
चित्र में एक उदाहरण दिखाया गया है जिसमे एक लेजर द्वारा उत्पन्न प्रकाश दिखाया गया है तथा दूसरी तरफ एक फ्लेशलाइट दिखाई गयी है , इसमें लेसर एक कला सम्बन्ध स्रोत है तथा फ्लेशलाइट एक कला असम्बन्ध स्रोत कहलाते है।
इसमें हम स्पष्ट रूप से देख सकते है कि फ्लेश लाइट का प्रकाश तीव्र है तथा यह अधिक दूरी तक गति करने में सक्षम होता है तथा फ्लेश लाइट में प्रकाश कम तीव्र होता है और यह अधिक दूरी तक गति नहीं कर सकता है यहाँ फ़्लैश लाइट स्रोत एक असम्बन्ध स्रोत कहलाता है।
लेज़र स्रोत में समान आवृत्ति की तरंगे उत्पन्न होती है तथा समय के साथ इन तरंगों में समान कलांतर पाया जाता है इसलिए इस स्रोत को कला सम्बद्ध स्रोत कहते है।
फ़्लैशलाइट स्रोत में असमान आवृत्ति की तरंगे उत्पन्न होती है और इनमें इन तरंगों में कलांतर परिवर्तित होता रहता है इसलिए इस स्रोत को कला असम्बद्ध स्रोत कहते है।