(boron and its compounds) बोरोन तथा उसके महत्वपूर्ण यौगिक :
[I] बोरोन : इसे बोरेक्स , पोटेशियम टेट्रा फ्लोरोबोरेट तथा बोरोन ट्राई ब्रोमाइड से निम्न प्रकार से प्राप्त किया जाता है।
- बोरेक्स खानिज से : बोरेक्स खानिज से बोरोन प्राप्त करने के पद निम्न है –
(a) बोरेक्स से बोरिक एनहाईड्राइड प्राप्त करना : जब बोरेक्स की क्रिया सान्द्र HCl के साथ की जाती है तो बोरिक अम्ल प्राप्त होता है। बोरिक अम्ल को तेज गर्म करने पर बोरिक एनहाइड्राइड प्राप्त होता है –
Na2B4O7 + 2HCl → H2B4O7 + 2NaCl
H2B4O7 + 5H2O → 4H3BO3
2H3BO3 → B2O3 + 3H2O
(b) धन विद्युती तत्व द्वारा बोरिक एनहाइड्राइड का अपचयन :
(i) जब बोरिक एनहाइड्राइड को मैग्नीशियम धातु के साथ गर्म किया जाता है तो अक्रिस्टलीय बोरोन प्राप्त होता है।
B2O3 + 3mg → 2B + 3mgO
(ii) जब बोरिक एनहाइड्राइड को पोटेशियम धातु के साथ गर्म किया जाता है तो अक्रिस्टलीय बोरोन प्राप्त होता है , यह विधि ‘गेलुसाक’ द्वारा दी गयी थी।
B2O3 + 6K → 2B + 3K2O
- पोटेशियम टेट्रा फ्लोरो बोरेट से: जब पोटेशियम बोरेट को पोटेशियम तथा मैग्निशियम धातु के साथ गर्म किया जाता है तो बोरोन प्राप्त होता है –
KBF4 + 3K → B + 4KF
2KBF4 + 3mg → 2B + 3mgF2 + 2KF
- बोरोन ट्राई ब्रोमाइड से : जब ब्रोमाइड व हाइड्रोजन के मिश्रण को विद्युत आर्क द्वारा टंग्स्टन धातु पर प्रवाहित किया जाता है तो शुद्ध क्रिस्टलीय बोरोन प्राप्त होता है।
2B Br3 + 3H2 → 2B + 6HBr
भौतिक गुण :
- बोरोन अत्यधिक कठोर होता है।
- यह दो अपरूपों में पाया जाता है।
- अक्रिस्टलीय बोरोन भूरे पाउडर के रूप में होता है।
- क्रिस्टलीय बोरोन या तो रंगहीन या भूरा होता है।
रासायनिक गुण :
(i) ज्वलनशीलता : वायु में उपस्थित O2 व N2 से क्रिया करके यह बोरोन ट्राई ऑक्साइड व बोरोन नाइट्राइड बनाता है।
4B + 3O2 → B2O3
2B + N2 → 2BN
(ii) हैलोजन के साथ क्रिया : हैलोजन के साथ यह क्रिया करके ट्राई हैलाइड बनाता है।
2B + 3Cl2 → 2BCl3
2B + 3Br2 → 2B Br3
(iii) अपचायक गुण : बोरोन एक प्रबल अपचायक पदार्थ है , यह सिलिका (SiO2) को सिलिकन में तथा CO2 को कार्बन में अपचयित कर देता है।
(iv) अम्लों के साथ क्रिया : यह HNO3 व H2SO4 के साथ क्रिया करके बोरिक अम्ल का निर्माण करता है।
B + 3HNO3 → H2BO3 + 3NO2
2B + 3H2SO4 → 2H3BO3 + 3SO2
नोट : क्रिस्टलीय बोरोन अम्लो के साथ क्रिया नहीं करता है।
नोट : बोरोन HCl के साथ क्रिया नहीं करता है।
(v) क्षारों के साथ क्रिया : यह क्षार के साथ क्रिया करके हाइड्रोजन गैस देता है।
2B + 6KOH → 2K2BO3 + 3H2
(vi) धातुओं के साथ क्रिया : विद्युत भट्टी में उच्च ताप पर बोरोन धातुओं के साथ क्रिया करके बोराइड बनाता है।
2B + 3Mg → Mg3B2
2B + 3Be → Be3B2
नोट : ये बोराइड अम्लो के साथ क्रिया करके बोरोन हाइड्राइड बनाते है जो कि प्रबल अपचायक होते है –
Mg3B2 + 6HCl → 3MgCl2 + B2H6
Be3B2 + 6HCl → 3BeCl2 + B2H6
उपयोग :
- बोरोन का प्रमुख उपयोग बोरो सिलिकेट के रूप में इनेमल तथा काँच उद्योग में किया जाता है।
- समस्थानिक 5B10 का उपयोग नाभिकीय रिएक्टर में प्रयुक्त नियंत्रण छड़ो में किया जाता है।
- बोरोन तंतुओ का उपयोग वायुयान में काम में आने वाले हल्के वजन के अवयवो के निर्माण में किया जाता है।
- ईस्पात को कठोर बनाने में किया जाता है।
[II] बोरेक्स :
इसका सूत्र Na2[B4O5(OH)4]·8H2O होता है , इसे ‘सुहागा’ के नाम से भी जाना जाता है।
इसका रासायनिक नाम सोडियम टेट्रो बोरेट है। इसे सोडियम बाई बोरेट या सोडियम पायरो बोरेट भी कहते है।
बनाने की विधि :
कोलमैनाइट को सोडियम कार्बोनेट के सान्द्र विलयन के साथ गर्म करने पर बोरेक्स बनता है। विलयन को छानकर उसका क्रिस्टलीकरण करने पर बोरेक्स के क्रिस्टल प्राप्त होते है।
Ca2B6O11 + 2Na2CO3 → Na2B4O7 + 2CaCO3 + 2NaBO2
बोरेक्स के गुण :
- यह सफ़ेद क्रिस्टलीय ठोस व जल में विलेय होता है , इसका जलीय विलयन जल अपघटन के कारण क्षारीय होता है।
Na2B4O7 + 7H2O → 4H3BO3 + 2NaOH
बोरेक्स मनका परिक्षण : बोरेक्स को गर्म करने पर यह जल का अणु त्यागकर फुल जाता है तथा और गर्म करने पर यह पारदर्शी द्रव में परिवर्तित होकर कांच के समान ठोस हो जाता है , यह बोरेक्स मनका कहलाता है।
Na2B4O7.10H2O → Na2B4O7 → 2NaBO2 + B2O3
यह मनका विभिन्न संक्रमण तत्वों के साथ मेटा बोरेट बनाता है जिसके विशिष्ट रंग होते है , इन्ही रंगों के आधार पर संक्रमण तत्वों की पहचान की जाती है , यह बोरेक्स मनका परिक्षण कहलाता है।
बोरेक्स के उपयोग :
- बोरेक्स मनका परिक्षण द्वारा धनायन के परिक्षण में इसका उपयोग किया जाता है।
- धातु क्रम में गालक के रूप में।
- पायरेक्स , काँच , इनेमल व मोमबत्ती उद्योग में।
- चमडा उद्योग में खाल को साफ़ करने व चमड़े की रंगाई में काम में आता है।
[III] बोरिक अम्ल (H3BO3) :
बोरेक्स के गर्म सान्द्र जलीय विलयन की क्रिया H2SO4 से करने पर बोरिक अम्ल के क्रिस्टल प्राप्त होते है।
Na2B4O7 + 5H2O + H2SO4 → 4H3BO3 + Na2SO4
कोलमैनाइट को उबलते जल में डालकर SO2 गैस प्रवाहित करने पर बोरिक अम्ल बोरिक अम्ल बनता है।
Ca2B6O11 + 9H2O + 2SO2 → 6H3BO3 + 2CaSO4
टस्कनी के ज्वाला मुखी से प्राप्त भाप में बोरिक अम्ल होता है इसे “सोफियानी” कहते है।
2B + N2 → 2BN
BN + 3H2O → H3BO3 + NH3
बोरिक अम्ल की संरचना :
बोरिक अम्ल के गुण :
- इसके क्रिस्टल सफ़ेद व सुई जैसी आकृति के मुलायम व चिकने होते है।
- ये ठण्डे जल में अल्प विलेय तथा जल वाष्प में वाष्पशील है।
- गर्म करने पर बोरिक अम्ल अलग अलग ताप पर अपघटित होकर भिन्न भिन्न यौगिक देता है।
H3BO3 → HBO2 → H2B4O6 → B2O3
बोरिक अम्ल के उपयोग :
- पूतिरोधी के रूप में इसका जलीय विलयन आँख सेकने तथा धोने के काम में आता है।
- इसके पाउडर को घावो पर छिड़का जाता है।
- काँच उद्योग में इसका उपयोग किया जाता है।
- इनेमेल बनाने में प्रयुक्त किया जाता है।
- खाद्य वस्तुओं के संरक्षण में इसका उपयोग करते है।
[IV] बोरोन हाइड्राइड :
बोरोन ट्राई हाईड्राइड (BH3) यौगिक के रूप में उपलब्ध नहीं है अत: बोरोन हाईड्राइड का साधारण हाइड्राइड डाई बोरोन (B2H6) के नाम से जाना जाता है।
बोरोन हाइड्राइडो के आण्विक सूत्र BnHn+4 or BnHn+6 के अनुरूप होते है।
यहाँ n = बोरोन परमाणुओं की संख्या है।
डाई बोरेन [B2H6] : इसे BH3 का द्विलक भी कहते है।
बनाने की विधियाँ :
प्रयोगशाला में सोडियम बोरो हाइड्राइड की क्रिया आयोडीन से करने पर डाइ बोरेन प्राप्त होता है।
2NaBH4 + I2 → B2H6 + 2NaI + H2
औद्योगिक स्तर पर BF3 की क्रिया सोडियम हाइड्राइड के साथ करने पर डाई बोरेन प्राप्त होता है।
2BF3 + 6NaH → B2H6 + 6NaF
BF3 की क्रिया लिथियम एल्युमिनियम हाइड्राइड के साथ करने पर डाई बोरेन प्राप्त होता है।
4BF3 + 3LiAlH4 → 2B2H6 + 3LiF + 3AlF3
भौतिक गुण :
- डाई बोरेन रंगहीन तथा अत्यधिक विषैली गैस है , वायु में खुला छोड़ने पर डाई बोरेन तीव्रता के साथ आग पकड़ लेता है तथा अत्यधिक मात्रा में ऊष्मा मुक्त करता है।
B2H6 + 3O2 → B2O3 + 3H2O + 1976 KJ/mol
डाइ बोरेन की संरचना :
डाईबोरेन में सिरे वाले 4 हाइड्रोजन परमाणु तथा दो बोरोन परमाणु एक ही तल में होते है।
इस तल के ऊपर तथा नीचे दो हाइड्रोजन परमाणु सेतु बंध बनाते है।
सिरे वाले चार B-H बंध द्विकेन्द्रीय , द्वि इलेक्ट्रॉन बंध बनाते है जबकि दो सेतु बंध B-H-B भिन्न प्रकार के होते है जिन्हें त्रि केन्द्रीय , द्वि इलेक्ट्रॉन बंध कहते है।