तत्व अवस्था में यह कोयला , ग्रेफाईट तथा हीरे में मिलता है।
(i) चूने का पत्थर : CaCO3
(ii) मैग्नेसाईट : MgCO3
(iii) डोलोमाईट : MgCO3.CaCO3
(iv) गेलेना : PbS
(v) केसिटेराइट (टिन स्टोन) : SNO2
नोट : सिलिकन (si) तथा जर्मेनियम का उपयोग ट्रांजिस्टर व अर्धचालक युक्ति बनाने में किया जाता है।
(I) इलेक्ट्रॉनिक विन्यास : इस वर्ग के तत्वों का बाह्यतम इलेक्ट्रॉनिक विन्यास होता है। अर्थात इनके बाह्यतम कोश में 4 इलेक्ट्रॉन होते है।
परमाणु क्रमांक
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प्रतिक
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नाम
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इलेक्ट्रॉनिक
विन्यास |
6
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C
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कार्बन
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2[He] 2s2 2p2
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14
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Si
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सिलिकन
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10[Ne] 3s2 3p2
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32
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Ge
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जर्मेनियम
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18[Ar] 3d10 4s2 4p2
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50
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Sn
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टिन
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36[Kr] 4d10 5s2 5p2
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82
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Pb
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लैड
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54[Xe] 4f14 5d10 6s2 6p2
|
[II] सहसंयोजक त्रिज्या : वर्ग में ऊपर से नीचे जाने पर कोशों की संख्या बढती जाती है अत: परमाणु का आकार बढ़ता जाता है तथा सहसंयोजक त्रिज्या का मान बढ़ता जाता है।
कार्बन से सिलिकन तक सहसंयोजक त्रिज्या में वृद्धि होती है जबकि सिलिकन से लैड तक सहसंयोजक त्रिज्या में आंशिक वृद्धि होती है।
प्रश्न : वर्ग 14 के तत्वों में सर्वाधिक श्रृंखलन की प्रवृति कार्बन में अधिक होती है क्यों ?
उत्तर : कार्बन परमाणु का आकार अपेक्षाकृत छोटा होता है जिससे C-C मध्य बंध प्रबल होते है एवं प्रभावी Pπ-Pπ अतिव्यापन होता है।
[III] आयनन एन्थैल्पी : वर्ग 14 के प्रथम तत्वों की आयनन एन्थैल्पी का मान वर्ग 13 के तत्वों से अधिक होता है क्योंकि वर्ग 14 के तत्वों का प्रभावी नाभिकीय आवेश वर्ग 13 के तत्वों से अधिक होता है।
वर्ग में ऊपर से नीचे जाने पर परमाणु का आकार बढ़ता जाता है जिससे आयनन एन्थैल्पी का मान कम होता जाता है।
[IV] विद्युत ऋणता : छोटे आकार के कारण वर्ग 14 के तत्वों की विद्युत ऋणता का मान वर्ग 13 के तत्वों से थोडा अधिक होता है।
सिलिकन से लैड तक के तत्वों की विद्युत ऋणता का मान लगभग समान होता है।
[V] धात्विक गुण : वर्ग में ऊपर से नीचे जाने पर अधात्विक गुण धीरे धीरे कम होते है जबकि धात्विक गुण बढ़ते जाते है।
कार्बन , सिलिकन अधातु , जर्मेनियम (Ge) उपधातु जबकि टिन व लैड कम गलनांक वाली मुलायम धातु है।
[VI] गलनांक व क्वथनांक : वर्ग 14 के तत्वों के गलनांक व क्वथनांक वर्ग 13 के तत्वों की तुलना में अधिक होते है क्योंकि वर्ग 14 के तत्वों के बाह्यतम कोश में 4 इलेक्ट्रॉन होने के कारण ये प्रबल सहसंयोजक बन्धो का निर्माण करते है।
[VII] रासायनिक गुण :
(a) ऑक्सीकरण अवस्था तथा रासायनिक अभिक्रियाशीलता की प्रवृति : वर्ग 14 के तत्वों के बाह्यतम कोश में 4 इलेक्ट्रॉन होते है।
अत: ये तत्व 4 इलेक्ट्रॉन ग्रहण कर या त्यागकर अक्रिय गैस विन्यास धारण कर स्थायी हो जाते है , इसलिए ये M4+ या M4- आयन बनाते है।
उच्च आयनन एन्थैल्पी के कारण M4+ व इलेक्ट्रॉन लब्धि एन्थैल्पी के ऋणात्मक मान न्यून होने के कारण M4- आयन बनाने की प्रवृति कम होती है।
(b) ऑक्सीजन के प्रति क्रियाशीलता : इस वर्ग के सभी सदस्य ऑक्सीजन से क्रिया करके MO व MO2 बनाते है। उच्च ऑक्सीकरण अवस्था वाले ऑक्साइड निम्न ऑक्सीकरण अवस्था की तुलना में अम्लीय प्रवृत्ति के होते है।
CO2 , SiO2 , GeO2 : अम्लीय
SnO2 , PbO2 : उभयधर्मी
(c) जल के प्रति क्रियाशीलता : कार्बन , सिलिकन , जर्मेनियम जल से क्रिया नहीं करते।
Sn (टिन) जल से क्रिया करके डाई ऑक्साइड बनाता है तथा हाइड्रोजन गैस देता है।
Sn + 2H2O → SnO2 + 2H2
(d) हैलोजन के प्रतिक्रियाशीलता :वर्ग 14 के तत्व हैलोजन से क्रिया करके MX2 व MX4 प्रकार के हैलाइड बनाते है।
अधिकांश MX4 प्रकार के हैलाइड सहसंयोजक प्रकृति के होते है एवं इसकी ज्यामिति चतुष्फलकीय होती है।
नोट : CCl4 के अतिरिक्त अन्य सभी टेट्रा हैलाइड आसानी से जल में अपघटित हो जाते है क्योंकि केन्द्रीय परमाणु जल के O2 परमाणु से d कक्षक में एकाकी इलेक्ट्रॉन युग्म ग्रहण कर सकते है , इसलिए SiCl4 का जल अपघटन होता है जबकि CCl4 का जल अपघटन नहीं होता है।