(black body radiation in hindi) आदर्श कृष्ण पिंड या कृष्णिका विकिरण क्या है , परिभाषा : वह वस्तु जिस पर जब विकिरण आपतित की जाती है तो वह सम्पूर्ण विकिरणों को अवशोषित कर लेता है और कुछ भी परावर्तित नहीं करता है , उस वस्तु को आदर्श कृष्ण पिंड या कृष्णिका या ब्लैक बॉडी कहते है।
जैसा कि हमने विकिरण की प्रस्तावना में पढ़ा की किसी वस्तु पर विकिरण आपतित होती है तो यह कुछ भाग अवशोषित कर लेती है और कुछ भाग संचरित कर देती है लेकिन ब्लैक बॉडी में ऐसा नहीं होता है यह अपनी पृष्ठ पर आपतित सम्पूर्ण विकिरणों को अवशोषित कर लेते है कुछ भी परावर्तित नहीं करते है।
परिभाषा : ” अत: हम कह सकते है कि आदर्श कृष्ण पिंड या कृष्णिका या ब्लैक बॉडी ऐसी वस्तु है जो इसके पृष्ठ पर आपतित सम्पूर्ण विकिरणों को अवशोषित कर लेती है। भले ही विकिरण की तरंग दैर्ध्य कुछ भी हो ”
जैसा कि हमने विकिरण की प्रस्तावना में पढ़ा की किसी वस्तु पर विकिरण आपतित होती है तो यह कुछ भाग अवशोषित कर लेती है और कुछ भाग संचरित कर देती है लेकिन ब्लैक बॉडी में ऐसा नहीं होता है यह अपनी पृष्ठ पर आपतित सम्पूर्ण विकिरणों को अवशोषित कर लेते है कुछ भी परावर्तित नहीं करते है।
परिभाषा : ” अत: हम कह सकते है कि आदर्श कृष्ण पिंड या कृष्णिका या ब्लैक बॉडी ऐसी वस्तु है जो इसके पृष्ठ पर आपतित सम्पूर्ण विकिरणों को अवशोषित कर लेती है। भले ही विकिरण की तरंग दैर्ध्य कुछ भी हो ”
फेरी का आदर्श कृष्णिका या ब्लैक बॉडी रेडियेटर
हालाँकि कि हमने यह परिभाषा में तो मान लिया कि आदर्श कृष्ण पिंड में सम्पूर्ण विकिरण अवशोषित हो जाती है लेकिन हम यह भी जानते है कि प्रकृति में कोई चीज आदर्श नहीं है इसलिए फेरी द्वारा दिए गए पिण्ड को आदर्श कृष्ण पिंड या कृष्णिका या ब्लैक बॉडी कहा जा सकता है।
फेरी ने एक गोलाकार खोखला पिंड बताया जिसमे दोहरी दीवारे होती है और इस पिंड में दीवारे अन्दर से काले रंग की होती है , इस पिण्ड की सतह पर एक अत्यन्त छोटा सा छिद्र होता है , जब इस छिद्र पर कोई विकिरण आपतित की जाती है तो सभी विकिरणों को यह पिंड अवशोषित कर लेता है।
चूँकि हम जानते है कि जो जितना अच्छा अवशोषक होता है वह उतना ही अच्छा उत्सर्जक भी होता है इसलिए जब इसे गर्म किया जाता है तो यह सभी संभव तरंग दैर्ध्य को उत्सर्जित करता है।
उदाहरण : प्लेटिनम ब्लैक या लैम्प ब्लैक आदि।
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