आवोगाद्रो की परिकल्पना , नियम , आवोगाद्रो परिकल्पना के अनुप्रयोग , व्युत्पन्न मात्रक , Avogadro’s law

आवोगाद्रो की परिकल्पना : समान ताप और दाब पर गैसों के समान आयतन में अणुओं की संख्या समान होती है , इसी को आवोगाद्रो की परिकल्पना कहते है।

आवोगाद्रो परिकल्पना के अनुप्रयोग

1. परमाणुकता : किसी पदार्थ के अणु में उपस्थित परमाणुओं की संख्या ही उसकी परमाणुकता कहलाती है।
उदाहरण : H2 गैस द्विपरमाणुक गैस होती है।
H2         +       Cl2              2HCl
1 आयतन        1 आयतन          2 आयतन
उपरोक्त तीनों गैसें समान ताप और दाब पर उपस्थित है इसलिए आवोगाद्रो के नियमानुसार इनके एक आयतन में उपस्थित अणुओं की संख्या भी समान होती है।
माना : एक आयतन में उपस्थित अणुओं की संख्या n है।
अत: n अणु H2 ; n अणु Cl2 ;   2n अणु HCl ;
तीनो समीकरण में 2 का भाग देने पर और n = 1 रखने पर
1/2 अणु H2 ; 1/2 अणु Cl2 ;   1 अणु HCl ;
अर्थात 1 अणु HCl , 1/2 अणु H2 और 1/2 अणु Cl2 के मिलने से बनता है।
विभिन्न अध्ययनों से ज्ञात हुआ कि HCl एक क्षारीय अम्ल है इसलिए HCl अणु में एक ही H2 परमाणु होता है।
1/2 अणु H2  = 1 परमाणु H2
अर्थात H2 की परमाणुकता 2 होती है।
नोट : Cl , N , O आदि गैसें द्विपरमाणुकता होती है।
2. किसी अणु का अणुसूत्र ज्ञात करने में : –
जल का अणु सूत्र H2O होता है।
2H2             +            O2         →              2H2O
2 आयतन       1 आयतन          2 आयतन
माना : एक आयतन में उपस्थित अणुओं की संख्या n है।
2n अणु H2 , n अणु O2 , 2n अणु H2O ;
n = 1 रखने पर
2 अणु H2 , 1 अणु O2 , 2 अणु H2O ;
तीनो समीकरण में 2 का भाग देने पर
1 अणु H2 , 1/2 अणु O2 , 1 अणु H2O ;
1 अणु जलवाष्प में 1/2 अणु O2 व 1 अणु H2 होते है ,O2 और H2 दोनों द्विपरमाणुक है अत: जलवाष्प का सूत्र H2O होता है।
3. गैसों का आपेक्षिक घनत्व ज्ञात करने में :-
गैसों का आपेक्षिक घनत्व H2 के घनत्व की तुलना करके ज्ञात किया जाता है।
गैसों के आपेक्षिक घनत्व को वाष्प घनत्व कहते है।
वाष्प घनत्व = गैसों के निश्चित आयतन का द्रव्यमान समान ताप और दाब पर H2 के उतने ही आयतन का द्रव्यमान
माना गैस के निश्चित आयतन में n अणु है।
वाष्प घनत्व = गैस के n अणु का द्रव्यमान / H2 के n अणु का द्रव्यमान
n = 1 रखने पर
वाष्प घनत्व = गैस के एक अणु का द्रव्यमान/H2 के 1अणु का द्रव्यमान
Hद्विपरमाणुक है अर्थात H2 का एक अणु = H2 के दो परमाणु
वाष्प घनत्व = गैस के एक अणु का द्रव्यमान / H2 के 2 परमाणु का द्रव्यमान
वाष्प घनत्व = गैस के 1 अणु का द्रव्यमान / 2 x H2 के एक परमाणु का द्रव्यमान
अणुभार = गैस के 1 अणु का द्रव्यमान / H2 के 1 परमाणु का द्रव्यमान
वाष्प घनत्व = अणुभार/2
अणुभार = 2 x वाष्प घनत्व
4. गै लुसाक के आयतन नियम की व्याख्या करने में :-
आवोगाद्रो के नियमानुसार समान ताप व दाब पर विभिन्न गैसों के समान आयतन में अणुओं की संख्या समान होती है , जब ये गैसें क्रिया करती है तो इनके अणुओं में जो अनुपात होता है वही अनुपात इनके आयतन में भी होता है अर्थात यह एक सरल अनुपात में होता है जो कि गै लुसैक के आयतन नियमारूप है।

व्युत्पन्न मात्रक

1. आयतन = लम्बाई x चौड़ाई x ऊंचाई
आयतन = m x m x m
आयतन का SI प्रणाली में इकाई = m3है।
आयतन का CGS प्रणाली में इकाई = cmहै।
2. घनत्व = द्रव्यमान/आयतन
घनत्व = किलोग्राम/m3
घनत्व का SI प्रणाली में इकाई = kg/mया kg x m-3 है।
घनत्व का CGS प्रणाली में इकाई = kg/cm3 या gm x cm-3 है।
वेग = m/s
वेग की SI इकाई m/s या m x s-1
वेग की CGS इकाई cm/s या cm x s-1
4. त्वरण : इकाई समय में वेग में परिवर्तन की दर को त्वरण कहते है।
त्वरण = वेग में परिवर्तन/समय
त्वरण = m x s-1/s
त्वरण = m x s-2
त्वरण की SI इकाई m x s-2
त्वरण की CGS इकाई cm x s-2
5. बल = द्रव्यमान x त्वरण
बल = kg x m x s-2
बल की SI इकाई = kg x m x s-2 या न्यूटन
बल की CGS इकाई = gm x cm x s-2 या डाइन
एक न्यूटन = 105 डाइन
6. दाब = बल/क्षेत्रफल
दाब =  kg x m x s-2/m2
दाब की SI इकाई = Kg x sec-2 x m-1
दाब की CGS इकाई = gm x sec-2 x cm-1
7. कार्य : बल x विस्थापन
कार्य = kg x m x s-2 x m
कार्य की SI इकाई = Kg x m2 x sec-2
कार्य की CGS इकाई = gm x cm2 x sec-2
8. ताप : सामान्यतया ताप को तीन पैमानों पर व्यक्त किया जाता है।
केल्विन (K)
डिग्री सेल्सियस (°C)
डिग्री फैरेनाईट (°F)
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