अशरफ और अरजल किसे कहते है | Asharaf and Arial in hindi meaing definition अशरफ , अरजल क्या है

Asharaf and Arial in hindi meaing definition अशरफ और अरजल किसे कहते है , अशरफ , अरजल क्या है ?

इस्लाम और भारतीय मुसलमान (Islam and Indian Muslims)
भारत बहुल समाज है। यहां शताब्दियों से अनेक धर्म समुदाय साथ-साथ रहते आये हैं। यहां अन्य समुदायों के साथ अस्तित्व में रहने की प्रक्रिया में इस्लामी समाज पर यहां के प्रतिमानों, मूल्यों प्रथाओं और परंपराओं का महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ा है।

सामान्यतया, इस्लामी समाज पंथों में बंटा है-सुन्नी और शिया । ये दोनों ही पंथ इस्लामी ग्रथ और परपराओं को अलग-अलग नजरिये से देखते हैं। भारत में अधिकांश मुसलमान सुन्नी हैं। लेकिन भारतीय मुसलमान अलग-अलग संप्रदायों में बंटे हैं, इससे उनमें हिन्दू धर्म की रीतियों और व्यवस्था की छाप मिलती है।

जाति के तत्व (Elements of Castes)
वैसे तो भारतीय मुसलमान जाति के आधार पर बंटे हैं, फिर भी यह नहीं कहा जा सकता कि इन समूहों में सही अर्थ में जाति के गुण मिलते हैं। मुस्लिम समाज के इन समूहों में विभाजन का आधार प्रत्येक समूह का व्यवसाय है। इन समूहों की पहचान उनके विशेष पेशों के आधार पर होती है। इसके अलावा जाति की अन्य विशेषताएं इन मुस्लिम समूहों में नहीं मिलती जैसे-सगोत्र विवाह श्रेणीबद्धता, छुआछुत, शुद्धि-अशुद्धि। तथापि भारत में समाजशास्त्रियों का एक वर्ग है जो यह कहता है कि मुस्लिम समाज जाति के आधार पर ही सैयद, शेख, मुगल और पठान जैसे समूहों में बंटा है। वे यह भी मानते हैं कि जाति के तत्व भारतीय मुस्लिम समाज में स्पष्ट देखे जा सकते हैं।

अशरफ और अरजल (Asharaf and Arial)
कुछ समाजशास्त्रियों की राय में मुसलमानों में कोई जाति व्यवस्था नहीं है, बल्कि वे तो दो वर्गों-अशरफ (सम्माननीय) और अरजल (अशुद्ध) में बंटे हैं। अशरफ वे लोग हैं जो मूल मुस्लिम अप्रवासियों के वंशज होने का दावा करते हैं, और वे सत्ता की गद्दी के निकट थे। अरजल से तात्पर्य उन लोगों से है जिन्होंने बाद में इस्लाम को अपनाया और आम लोग। वैसे, मुस्लिम समाज में कोई जाति व्यवस्था नहीं है, हां उसमें जाति जैसे लक्षण जरूर पाये जाते हैं जो उनके सामाजिक समूहों में स्पष्ट दिखाई देते हैं।

भारतीय मुसलमानों में जाति व्यवस्था के लक्षण सिद्ध करने में कठिनाई होने के बावजूद इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि उनमें जाति व्यवस्था की तर्ज पर ही कुछ समूह बन गये हैं और ये हिन्दू सामाजिक संगठनों के प्रभाव के कारण हैं।

 बोध प्रश्नों के उत्तर

बोध प्रश्न 2
प) कुरान शरीफ में पति-पत्नी के रिश्ते का वर्णन किस प्रकार किया गया है?
पप) मुस्लिम विवाह की प्रकृति का उल्लेख लगभग चार पंक्तियों में कीजिए।
पपप) नातेदारी की ओर से वारिसों को मिलने वाले हिस्से का वर्णन लगभग तीन पंक्ति में कीजिए।

बोध प्रश्न 2 उत्तर
प) कुरान के अनुसार विवाह पति-पत्नी के बीच एक अनुबंध होता है। यह अनुबंध गवाहों की उपस्थिति में किया जाता है। विवाह के समय, स्त्री के लिए एक निश्चित रकम तय की जाती है, जिसे मेहर कहते हैं।
पप) इस्लाम की दृष्टि में विवाह का अर्थ यह शारीरिक इच्छा की पूर्ति का नहीं, बल्कि प्रजनन का माध्यम है। निकाह का अर्थ है इकट्ठे होना। प्रत्येक मुसलमान को कुछ अपवादों को छोड़कर, इस पवित्र अनुबंध में बंधना होता है।
पपप) नातेदारी के हिस्सों में पति का हिस्सा मृत पत्नी की संपत्ति में आधा होता है, लेकिन बच्चे होने की स्थिति में यह चैथाई रह जाता है।

बोध प्रश्न 3
प) भारतीय मुसलमानों में पाये जाने वाले जाति के तत्वों का वर्णन कीजिए। अपना उत्तर चार पंक्तियों में दीजिए।

बोध प्रश्न 3
प) भारतीय मुसलमानों में जाति के कुछ तत्व मिलते हैं। सैयद, शेख और पठान का दर्जा जन्म के आधार पर तय होता है। श्रेष्ठ मुसलमानों (अशरफ) और निम्न दर्जे के मुसलमानों (अरजल) के बीच श्रेणीबद्धता की भावना होती है। वैसे इस्लाम अपने अनुयायियों की समानता में विश्वास करता है।