अंधों में काना राजा कहावत का अर्थ क्या है | अंधों में काना राजा लोकोक्ति का वाक्य में प्रयोग andho mein kana raja meaning in hindi

andho mein kana raja meaning in hindi अंधों में काना राजा कहावत का अर्थ क्या है | अंधों में काना राजा लोकोक्ति का वाक्य में प्रयोग sentence in hindi grammer.

कुछ प्रसिद्ध लोकोक्तियाँ एवं उनके वाक्य-प्रयोग
1. अन्धों में काना राजा = गुणहीनों में थोड़े गुण वाला श्रेष्ठ।
प्रयोग-अपने अशिक्षित परिवार में रमेश हाईस्कूल पास करके अन्धों में काना राजा बना हुआ है।
2. अकेला चना भाड़ नहीं फोड़ सकता = अकेला आदमी कोई बड़ा कार्य नहीं कर सकता।
प्रयोग-अरे भाई ! क्यों पत्थर से सिर मार रहे हो? इस अत्याचारी के विनाश के लिए तुम क्या कर सकते हो, क्योंकि अकेला चना भाड़ नहीं फोड़ सकता।
3. अधजल गगरी छलकत जाय = ओछा अथवा कम योग्य व्यक्ति अपना विज्ञापन अधिक करता है।
प्रयोग-गाँव में बहुत से लड़के एम. ए., बी. ए. पास हैं, पर वे शान्त हैं। हाईस्कूल पास बलभद्र सब जगह अपने पढ़े-लिखे होने की प्रशंसा करता फिर रहा है। विवश होकर लोगों को कहना पड़ा, अधजल गगरी छलकत जाय।
4. अपनी करनी पार उतरनी = जैसा करना वैसा फल प्राप्त करना।
प्रयोग-दुर्योधन के दुराग्रह से महाभारत में सब कुछ नष्ट हो जाने पर उदास दुर्योधन को देखकर विदुर ने कहा था-अपनी करनी पार उतरनी।
5. अभी दिल्ली दूर है = लक्ष्य मिलने में देर होना।
प्रयोग-अभी तुम हाईस्कूल में पढ़ रहे हो। मेडिकल में प्रवेश लेने के लिए अभी दिल्ली दूर है।
6. अरहर की टट्टी गुजराती ताला = कम मूल्य की वस्तु की सुरक्षा के लिए अधिक व्यय करना।
प्रयोग-रामलाल को अपने बाग से एक लाख रुपया वार्षिक लाभ होता है, पर उसकी सिंचाई और रखवाली पर डेढ़ लाख रुपया खर्च हो जाता है। इसी को कहते हैं, अरहर की टट्टी गुजराती ताला।
7. अशर्फियाँ लुटें कोयले पर मोहर या मोहरें लुटें कोयले पर चाक = अधिक मूल्य की वस्तु की सुरक्षा नहीं और कम मूल्य वाली पर प्रतिबन्ध ।
प्रयोग-तुम्हारा सारा घर फिजूलखर्ची करता है, पर नौकर का वेतन नहीं बढ़ाया जाता। यह तो अशर्फियाँ लुटें कोयले पर मोहर वाली बात हुई।
8. आँख के अन्धे नाम नैनसुख = नाम के अनुरूप गुण न होना।
प्रयोग-शेरसिंह के नाम से उन्हें वीर मत समझो। वे आँख के अन्धे नाम नैनसुख को चरितार्थ करते हैं।
9. आगे नाथ न पीछे पगहा = पूरी तरह स्वतन्त्र।
प्रयोग-श्याम अकेला है, घर में मस्त पड़ा रहता है, न उसके आगे नाथ है न पीछे पगहा है।
10. आधा तीतर आधा बटेर = बेमेल होना, एक-रूपता का अभाव।
प्रयोग- खद्दर का कुर्ता और टेरेलिन का पाजामा पहनने वाला रमेश आधा तीतर आधा बटेर है।
11. आधी छोड़ सारी को धावै, आधी रहे न सारी पावै अथवा आधी छोड़े एक को धावै, ऐसो डूबे थाह न पावै = अधिक लालच करने पर अपना धन भी हाथ से निकल जाता है।
प्रयोग-मोहन बैंक की नौकरी छोड़कर धन कमाने के लिए लॉटरी में रुपये फॅकने लगा और अपना मकान भी इसमें दे बैठा । सच है, आधी छोड़ सारी को धावै आधी मिले न सारी पावै या सही कहा है, आधी छोड़ एक को धावै, ऐसो डूबै थाह न पावै ।
12. आपका जूता आपके सिर = जिसका सिद्धान्त उसी पर लागू करना, विरोधी के साधन से ही विरोधी को हराना या हानि पहुँचाना।
प्रयोग-मित्रगण सिनेमा का निमन्त्रण देकर आपको ले गये और आपके पैसे से सबने सिनेमा देखकर आपका जूता आपके सिर कर दिया।
13. आम के आम गुठलियों के दाम = एक वस्तु से दोहरा लाभ ।
प्रयोग-अध्यापन कार्य से पैसा भी मिलता है और यश भी । अतः सच है आम के गाम गुठलियों के दाम ।
14. आप मरे तो जग मुआ = स्वयं न होने पर संसार व्यर्थ ।
प्रयोग-सौतेले भाई-बहनों के लिए अपने आपको तबाह मत करो, क्योंकि आप मरे तो जग मुआ।
15. आये थे हरि भजन को ओटन लगे कपास = अपने उद्देश्य से भिन्न और नीच कर्म करना।
प्रयोग-राधेलाल प्रोफेसर की नौकरी छोड़कर अभिनेता बनने के लिए मुम्बई गये। वहाँ उन्हें कुलीगीरी करते देखकर एक मित्र ने कहा, आये थे हरि भजन को ओटन लगे कपास ।
16. इमली के पात पै बरात का डेरा = थोड़े स्थान पर अधिक लोगों को एकत्र करना।
प्रयोग-तुमने अपने छोटे से कमरे में सौ लोगों को निमन्त्रण दिया है। इमली के पात पर बरात का डेरा कैसे हो सकेगा?
17. उठी पैंठ आठवें दिन लगती है = कोई कार्य बन्द कर देने पर शीघ्र आरम्भ नहीं होता।
प्रयोग-नेताजी से आज ही पत्र लिखवा लो, फिर न जाने कब आयें, क्योंकि उठी पैंठ आठवें दिन लगती है।
18. उतावला सो बावला = हड़बड़ी में आदमी सब कुछ गलत करता है।
प्रयोग-तुमने वहाँ पहले जाकर सारा काम बिगाड़ दिया, क्योंकि उतावला सो बावला होता है।
19. ऊँट किस करवट बैठे = परिणाम निश्चित नहीं ।
प्रयोग-पता नहीं, चुनाव का ऊँट किस करवट बैठे।
20. ऊँट की चोरी निहुरे-निहुरे = निन्दित कार्य छिपता नहीं।
प्रयोग-एक लाख का गबन नहीं छिप सकता। कभी ऊँट की चोरी निहुरे निहुरे हुई है?
21. ऊँट के मुँह में जीरा = आवश्यकता से बहुत कम वस्तु दिया जाना।
प्रयोग-वाह बन्धु ! चैबेजी को आप पचास ग्राम रबड़ी खिला रहे हैं ! वाह, यह तो ऊँट के मुँह में जीरे के समान ही है।
22. उल्टे बाँस बरेली को = असंगत कार्य करना ।
प्रयोग-आगरा स्वयं पेठे के लिए प्रसिद्ध है और तुम कानपुर से आगरा पेठा ले जा रहे हो। तुम तो भई, उलटे बाँस बरेली की कहावत चरितार्थ कर रहे हो।
23. ऊँची दुकान फीका पकवान = वास्तविकता कम, दिखावा अधिक।
प्रयोग- रामू देखने में ही धनवान लगता है, अन्यथा उस पर कर्जा लदा है। यह जानकर किसी ने कहा कि यहाँ तो ऊँची दुकान पर फीका पकवान है।
24. उल्टा चोर कोतवाल को डाँटे = दोषी होने पर भी दूसरे को दोष देना।
प्रयोग-एक तो नकल कर रहे थे और अब मुझे ही आँखें दिखा रहे हो। यह तो वही कहावत हुई कि उल्टा चोर कोतवाल को डाँटे ।
25. उंगली पकड़कर पहुंचा पकड़ना = धीरे-धीरे साहस बढ़ जाना।
प्रयोग-परीक्षा में निरीक्षक ने जब नकलची विद्यार्थी की छोटी सी पर्ची नजरंदाज कर दी तो उसने गैस पेपर निकाल लिया। यह देखकर निरीक्षक बोला तुम तो उंगली पकड़कर पहुंचा पकड़ने का काम कर रहे हो, अब नहीं छोडूंगा।
26. एक अनार सौ बीमार = कोई वस्तु आवश्यकता से बहुत कम होना।
प्रयोग-पार्टी किसी एक को टिकट देगी और पचास लोग टिकट माँग रहे हैं। पार्टी में इस समय एक अनार सौ बीमार हैं।
27. एक चुप सौ को हराये = मौन सबसे अच्छा है।
प्रयोग-कोई कुछ कहे, चुप रहो, इसी में आनन्द है। कहावत भी तो है कि एक चुप सौ को हराये।
28. एक तो करेला दूजे नीम चढ़ा = बुरे को बुरे का साथ मिलना। प्रयोग-राम चोरी तो करता ही था, शराब और पीने लगा। न जाने क्या होगा? एक तो करेला दूजे नीम चढ़ा।
29. एक पंथ दो काज = एक काम करने से दो उद्देश्य पूर्ण होना। प्रयोग-दुकान जा रहा हूँ, कहो तो रास्ते में पड़ने वाली सब्जी मण्डी से सब्जी भी लेता आऊँ। इस तरह-एक पंथ दो काज हो जायेंगे।
30. एक मछली सारे तालाब को गंदा कर देती है = एक बुरा व्यक्ति पूरे समाज को बदनाम करता है।
प्रयोग-इने-गिने गुण्डे छात्रों के कारण ही कॉलेज बदनाम हो गया है। कहावत जो है कि एक मछली सारे तालाब को गन्दा कर देती है।